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उपेंद्र कुशवाहा का तंज- प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में है काफी अंतर - सीतामढ़ी पहुंचे उपेंद्र कुशवाहा

उपेंद्र कुशवाहा सबसे पहले डुमरा के अंबेडकर स्थल पहुंचे. जहां उन्होंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए, सीएए और एनआरसी लागू करने का दोषी ठहराया.

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सीतामढ़ी पहुंचे उपेंद्र कुशवाहा
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Published : Jan 9, 2020, 4:26 PM IST

Updated : Jan 9, 2020, 4:46 PM IST

सीतामढ़ी: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा गुरुवार को सीतामढ़ी पहुंचे. कुशवाहा ने इस दौरान जिले की अलग-अलग जगहों पर आम लोगों को संबोधित किया. इस मौके पर उपेंद्र कुशवाहा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के सीएए और एनआरसी पर दिए गए बयानों को भी आम लोगों को सुनाया.

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मंच पर भाषण देते उपेंद्र कुशवाहा

'बढ़ गई नागरिकों की परेशानी'
उपेंद्र कुशवाहा सबसे पहले डुमरा के अंबेडकर स्थल पहुंचे. जहां उन्होंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए, सीएए और एनआरसी लागू करने का दोषी ठहराया. उन्होंने बताया कि यह कानून पहले से था. जिस में संशोधन कर विदेशियों को भारत की नागरिकता देने के लिए खुला आमंत्रण दिया गया है. इससे हमारे देश के नागरिकों की परेशानी ज्यादा बढ़ गई है.

सीतामढ़ी पहुंचे उपेंद्र कुशवाहा

'पीएम की कथनी और करनी में अंतर'
कुशवाहा ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को लाखों की संख्या में नागरिकता देना चाहते हैं. तो उन्हें यह भी करना चाहिए कि जिस देश के नागरिक को नागरिकता देंगे उन्हें अपने देश से भूमि, हवा, पेड़ पौधे और जलवायु भी साथ लाने को कहें. क्योंकि जब दूसरे देश के नागरिकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. तो हमारे देश के जो नागरिक हैं उनकी परेशानी ज्यादा बढ़ेगी. कुशवाहा ने प्रधानमंत्री और ट्रंप के रिश्ते पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में काफी अंतर है.

सीतामढ़ी: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा गुरुवार को सीतामढ़ी पहुंचे. कुशवाहा ने इस दौरान जिले की अलग-अलग जगहों पर आम लोगों को संबोधित किया. इस मौके पर उपेंद्र कुशवाहा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के सीएए और एनआरसी पर दिए गए बयानों को भी आम लोगों को सुनाया.

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मंच पर भाषण देते उपेंद्र कुशवाहा

'बढ़ गई नागरिकों की परेशानी'
उपेंद्र कुशवाहा सबसे पहले डुमरा के अंबेडकर स्थल पहुंचे. जहां उन्होंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए, सीएए और एनआरसी लागू करने का दोषी ठहराया. उन्होंने बताया कि यह कानून पहले से था. जिस में संशोधन कर विदेशियों को भारत की नागरिकता देने के लिए खुला आमंत्रण दिया गया है. इससे हमारे देश के नागरिकों की परेशानी ज्यादा बढ़ गई है.

सीतामढ़ी पहुंचे उपेंद्र कुशवाहा

'पीएम की कथनी और करनी में अंतर'
कुशवाहा ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को लाखों की संख्या में नागरिकता देना चाहते हैं. तो उन्हें यह भी करना चाहिए कि जिस देश के नागरिक को नागरिकता देंगे उन्हें अपने देश से भूमि, हवा, पेड़ पौधे और जलवायु भी साथ लाने को कहें. क्योंकि जब दूसरे देश के नागरिकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. तो हमारे देश के जो नागरिक हैं उनकी परेशानी ज्यादा बढ़ेगी. कुशवाहा ने प्रधानमंत्री और ट्रंप के रिश्ते पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में काफी अंतर है.

Intro:नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में रालोसपा के राष्ट्रीय जिले के तीन जगहों पर आम लोगों को किया संबोधित जताया विरोध।Body:नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा गुरुवार को सीतामढ़ी पहुंचे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस दौरान जिले के अलग-अलग जगहों पर आम लोगों को संबोधित किया। इस दौरान सीएए और एनआरसी से होने वाली परेशानी के संबंध में आम लोगों को बताया। इस मौके पर उपेंद्र कुशवाहा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से गृह मंत्री और प्रधानमंत्री द्वारा सीएए और एनआरसी पर दिए गए बयान को भी आम लोगों को सुनाया।
रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सबसे पहले डुमरा के अंबेडकर स्थल पहुंचे जहां उन्होंने प्रधानमंत्री गृहमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए सीएए और एनआरसी लागू करने का दोषी ठहराया। उन्होंने बताया कि यह कानून पहले से था जिस में संशोधन कर विदेशियों को भारत की नागरिकता देने के लिए खुला आमंत्रण दिया गया है। इससे हमारे देश के नागरिकों की परेशानी ज्यादा बढ़ गई है। अगर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को लाखों की संख्या में नागरिकता देना चाहते हैं। तो उन्हें यह भी करना चाहिए कि जिस देश के नागरिक को नागरिकता देंगे उन्हें अपने देश से भूमि, हवा, पेड़ पौधे और जलवायु भी साथ लाने को कहें। क्योंकि जब दूसरे देशों के नागरिकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी तो हमारे देश के जो नागरिक है उनकी परेशानी ज्यादा बढ़ेगी। कुशवाहा ने प्रधानमंत्री और ट्रंप के रिश्ते पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कथनी और करनी में काफी अंतर है।
बाइट 1,2,3, उपेंद्र कुशवाहा। राष्ट्रीय अध्यक्ष रालोसपा।
विजुअल 4,5,6,7,8,9,10Conclusion: डुमरा के बाद रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाजपट्टी और पुपरी में भी आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में आम लोगों को संबोधित किया।
Last Updated : Jan 9, 2020, 4:46 PM IST
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