ETV Bharat / state

मां जानकी की जन्मस्थली से 5 धार्मिक स्थलों की मिट्टी राम मंदिर निर्माण के लिए जाएगी अयोध्या

5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन होने वाला है. जिसको लेकर सीतामढ़ी जिले के पांच धार्मिक स्थलों की मिट्टी राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या भेजी जाएगी. जिले में इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है.

author img

By

Published : Jul 26, 2020, 10:09 PM IST

Updated : Jul 26, 2020, 10:43 PM IST

sitamarhi
sitamarhi

सीतामढ़ी: जिले में इन दिनों 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन को लेकर उत्साह का माहौल है. लॉकडाउन के दौरान भी लोगों में मंदिर निर्माण को लेकर उत्सुकता देखी जा रही है. राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. जिसकी विधिवत भूमि पूजन कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना है.

मां जानकी की जन्मस्थली से अयोध्या जाएगी मिट्टी
राम मंदिर की नींव में डालने के लिए देशभर की नदियों का जल और पवित्र स्थानों की मिट्टी को अयोध्या भेजने का क्रम जारी है. वहीं मां जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी में भी इसकी तैयारियां चल रही है. जहां मां जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति की अगुवाई में रविवार को सीतामढ़ी के प्रमुख पांच मंदिरों जिनमें जानकी मंदिर, पुनौरा मंदिर, हलेस्वरस्थान मंदिर, पंथपाकड़ स्थित सीतामंदिर और बगही धाम से मिट्टी इकट्ठा कर जानकी मंदिर में विधिवत पूजा की जा रही है.

जानकी मंदिर में पूजा करते पुजारी
जानकी मंदिर में पूजा करते पुजारी

इसके बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज और महासचिव चंपत राय को सौंपा जाएगा. जिसे आगामी 5 अगस्त को भूमि पूजन में शामिल किया जाएगा.

किसी पुण्य कार्य में संगनी की सहभागीय होना अनिवार्य
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक किसी पुण्य कार्य में संगनी की सहभागीय होना अनिवार्य होता है. तो वहीं अयोध्या में भगवान राम की बन रही मंदिर में भगवन राम की संगनी मां सीता की सहभागीय होना भी जरुरी है. ऐसे में राम मंदिर निर्माण में माता जानकी की भूमी से मिट्टी अयोध्या भेजी जा रही है. पांच अगस्त को भूमि पूजन के साथ बहु प्रतीक्षित मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा.

जानकी मंदिर, सीतामढ़ी
जानकी मंदिर, सीतामढ़ी

राम जन्मभूमि के आंदोलन की शुरुआत सीतामढ़ी से
ज्ञात हो कि राम जन्मभूमि के आंदोलन में सीतामढ़ी से ही शिला पूजन की शुरुआत हुई थी. आंदोलन में कई शहरवासी कार सेवा में 1990 और 1992 में अयोध्या गए थे. आंदोलन के दौरान कई लोग जेल भी गए थे. राम जन्मभूमि का संघर्ष कई सौ वर्ष का इतिहास रहा है. हजारों लोगों ने अपनी आहुति दी है. सीतामढ़ी में 5 अगस्त को महाउत्सव रहेगा. वहीं रविवार को जानकी मंदिर में विधिवत पूजा कर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को अयोध्या भेजा गया है.

देखें वीडियो

भूमि पूजन के समय अपने घर में पूजा कर मनाएं उत्सव
जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति ने सीतामढ़ी के समस्त नागरिकों से आग्रह किया है कि राम जन्मभूमि पूजन के समय सीतामढ़ी के प्रत्येक परिवार अपने घर में पूजा आरती कर उत्सव मनाएं. साथ ही सभी उस ऐतिहासिक दिन को दीपोत्सव करें. जिले के सभी राम जानकी मंदिर में भूमि पूजन के समय महाआरती हो.

जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति की ओर से आग्रह किया गया कि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण कोई सामूहिक कार्यक्रम नहीं होने के कारण सभी अपने घरों पर रह कर ही अयोध्या के भूमि पूजन का कार्यक्रम देखें.

सीतामढ़ी: जिले में इन दिनों 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन को लेकर उत्साह का माहौल है. लॉकडाउन के दौरान भी लोगों में मंदिर निर्माण को लेकर उत्सुकता देखी जा रही है. राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. जिसकी विधिवत भूमि पूजन कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना है.

मां जानकी की जन्मस्थली से अयोध्या जाएगी मिट्टी
राम मंदिर की नींव में डालने के लिए देशभर की नदियों का जल और पवित्र स्थानों की मिट्टी को अयोध्या भेजने का क्रम जारी है. वहीं मां जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी में भी इसकी तैयारियां चल रही है. जहां मां जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति की अगुवाई में रविवार को सीतामढ़ी के प्रमुख पांच मंदिरों जिनमें जानकी मंदिर, पुनौरा मंदिर, हलेस्वरस्थान मंदिर, पंथपाकड़ स्थित सीतामंदिर और बगही धाम से मिट्टी इकट्ठा कर जानकी मंदिर में विधिवत पूजा की जा रही है.

जानकी मंदिर में पूजा करते पुजारी
जानकी मंदिर में पूजा करते पुजारी

इसके बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज और महासचिव चंपत राय को सौंपा जाएगा. जिसे आगामी 5 अगस्त को भूमि पूजन में शामिल किया जाएगा.

किसी पुण्य कार्य में संगनी की सहभागीय होना अनिवार्य
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक किसी पुण्य कार्य में संगनी की सहभागीय होना अनिवार्य होता है. तो वहीं अयोध्या में भगवान राम की बन रही मंदिर में भगवन राम की संगनी मां सीता की सहभागीय होना भी जरुरी है. ऐसे में राम मंदिर निर्माण में माता जानकी की भूमी से मिट्टी अयोध्या भेजी जा रही है. पांच अगस्त को भूमि पूजन के साथ बहु प्रतीक्षित मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा.

जानकी मंदिर, सीतामढ़ी
जानकी मंदिर, सीतामढ़ी

राम जन्मभूमि के आंदोलन की शुरुआत सीतामढ़ी से
ज्ञात हो कि राम जन्मभूमि के आंदोलन में सीतामढ़ी से ही शिला पूजन की शुरुआत हुई थी. आंदोलन में कई शहरवासी कार सेवा में 1990 और 1992 में अयोध्या गए थे. आंदोलन के दौरान कई लोग जेल भी गए थे. राम जन्मभूमि का संघर्ष कई सौ वर्ष का इतिहास रहा है. हजारों लोगों ने अपनी आहुति दी है. सीतामढ़ी में 5 अगस्त को महाउत्सव रहेगा. वहीं रविवार को जानकी मंदिर में विधिवत पूजा कर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को अयोध्या भेजा गया है.

देखें वीडियो

भूमि पूजन के समय अपने घर में पूजा कर मनाएं उत्सव
जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति ने सीतामढ़ी के समस्त नागरिकों से आग्रह किया है कि राम जन्मभूमि पूजन के समय सीतामढ़ी के प्रत्येक परिवार अपने घर में पूजा आरती कर उत्सव मनाएं. साथ ही सभी उस ऐतिहासिक दिन को दीपोत्सव करें. जिले के सभी राम जानकी मंदिर में भूमि पूजन के समय महाआरती हो.

जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति की ओर से आग्रह किया गया कि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण कोई सामूहिक कार्यक्रम नहीं होने के कारण सभी अपने घरों पर रह कर ही अयोध्या के भूमि पूजन का कार्यक्रम देखें.

Last Updated : Jul 26, 2020, 10:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.