सीतामढ़ी: देश में जरूरतमंदों को सस्ती दरों पर दवा मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना प्रारंभ की गई है. इस योजना के तहत बीमार लोगों को 50 से 90% सस्ती दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है. जो जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो रहा है. भारत सरकार द्वारा शुरू की गई दवा दुकानों की एक ऐसी श्रृंखला जो सभी के लिए किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करती है.
'लोगों को 50% से 90% तक की बचत'
जन औषधि केंद्र के संचालक विनय कुमार सिंह ने बताया कि इससे पहले बीमार लोग डॉक्टर को फीस देकर चेकअप करा लेते थे. लेकिन महंगी दवाईयां उनके लिए खरीद पाना मुश्किल होता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम जनता को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाईयां सहजता से उपलब्ध कराने के लिए देश में जन औषधि केंद्रों का अभियान चलाया है. वहीं, जन औषधि केंद्र के संबंध में सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मानेश्वर पासवान ने बताया कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के खुल जाने से दवा खरीदने वाले बीमार लोगों को 50% से 90% तक की बचत हो रही है.
'काफी सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध'
डॉ. मानेश्वर पासवान ने आगे बताया कि जन औषधि केंद्र पर 15 सौ दवाईयां और 154 सर्जिकल उपकरण उपलब्ध हैं. सरकार की योजना है कि दवाईयों और उपकरणों की श्रृंखला में और वृद्धि की जाए. जन औषधि केंद्र संचालित होने के बाद से आम लोगों को काफी राहत मिला है. साथ ही उन्होंने बताया कि रक्तचाप और दिल की बीमारी से पीड़ित मरीजों को काफी महंगी कीमतों पर दवा खरीदना पड़ता था, लेकिन अब इस रोग से पीड़ित मरीजों को जन औषधि केंद्र पर उपलब्ध दवाइयां काफी सस्ती दरों पर मिल रही हैं.
शत-प्रतिशत जरूरतमंदों को मिलेगा लाभ
स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि जन औषधि परियोजना प्रधानमंत्री की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना में एक है. इसलिए जरूरी है कि जन औषधि केंद्र की संख्या बढ़ाई जाए. क्योंकि निजी कंपनियों के उत्पाद की जितनी संख्या देश में है. उसकी तुलना में जन औषधि केंद्रों की संख्या अभी काफी कम है. अगर जन औषधि केंद्र की संख्या बढ़ाने पर शत प्रतिशत जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल पाएगा और लोगों तक सस्ती दवाईयां उपलब्ध हो सकेगी.