सीतामढ़ीः दुनिया के दो देश रूस और यूक्रेन में जंग (Russia Ukraine Crisis) छिड़ी है. जहां यूक्रेन में रूस लगातार बमबारी कर रहा है और वहां के हालात काफी खराब हैं. इस बीच भारतीय मूल के करीब 16 हजार छात्र यूक्रेन में फंसे हैं, इसी में सीतामढ़ी जिले के एक रिटायर्ड अभियंता त्रिवेणी दास के पुत्र विशाल (Sitamarhi Retired Engineer Son Trapped In Ukraine) भी वहीं हैं, जो यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे. लेकिन जंग छिड़ जाने के कारण वहां से बाहर नहीं निकल सके. विशाल के पिता ने डीएम को पत्र लिखकर बेटे के सकुशल देश वापसी कराने की गुहार लगाई है.
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यूक्रेन में फंसे छात्र के पिता और पूरा परिवार उनके लिए चिंतित हैं. ये लोग लगातार मोबाइल और समाचार के माध्यम से यूक्रेन और रूस की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं. पिता त्रिवेणी दास ने बताया कि उन्होंने अपने पुत्र विशाल को खाने की चीजें और पानी का स्टॉक कर लेने की नसीहत दी है, साथ ही उन्होंने उससे धैर्य और संयम रखने को कहा है, पिता ने बेटे को भरोसा दिलाया है कि भारत सरकार जल्द ही उन्हें स्वदेश वापसी कराएगी.
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'अपने पुत्र की वापसी को लेकर मैंने डीएम को पत्र लिखा है और सरकार से अपील कर रहे हैं कि जल्द से जल्द यूक्रेन में फंसे भारतीय मूल के छात्रों के स्वदेश वापसी की व्यवस्था करें. यूक्रेन के कई शहरों में लगातार रूस द्वारा बमबारी किए जाने से भारतीय मूल के छात्र दशहत में हैं और छात्रों को भरोसा है कि भारत सरकार जल्द से जल्द उन्हें स्वदेश वापसी की व्यवस्था करेगी'- त्रिवेणी दास, रिटायर्ड अभियंता
अभियंता ने कहा कि उनके पुत्र की फ्लाइट का टिकट 27 फरवरी का था. लेकिन बमबारी होने के कारण अब फ्लाइट कैंसिल हो गई है. 2 पुत्री और तीन पुत्रों में एक पुत्र 20 साल का विशाल कुमार एमबीबीएस की पढ़ाई को लेकर के कीव शहर में रह रहा है. लेकिन यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग में वह दहशत में है. उसके साथ बिहार के मुस्कान कुमारी, अक्षय कुमार, सिद्धार्थ कुमार और अनुष्का भी कीव शहर में फंसे हैं. गोलीबारी के कारण सभी छात्र और छात्राएं दशहत मैं है.
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बता दें कि भारतीय मूल के 20000 छात्र यूक्रेन में फंसे थे. जिसमें भारत सरकार ने 4000 छात्रों को यूक्रेन से स्वदेश वापस बुला लिया है. लेकिन 16000 छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं. जिनके परिवार के लोग काफी दहशत में हैं. यूक्रेन में फ्लाइट बंद होने के कारण उन्हें भारत लाने में परेशानी हो रही है. सरकार इसका वैकल्पिक रास्ता ढूंढ़ रही है. सरकार का दावा है कि जल्द ही फंसे सभी भारतीय छात्रों को वहां से बाहर निकाल लिया जाएगा.
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