सीतामढ़ी: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की बारात 21 नवंबर को अयोध्या से जगत जननी माता सीता की धरती सीतामढ़ी के लिए प्रस्थान करेगी. बारात विभिन्न मार्गों से होकर 24 नवंबर को शाम 6:30 बजे जानकी धाम पहुंचेगी. बता दें कि भगवान की बारात के भव्य स्वागत के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. वहीं, भगवान श्री राम के विवाह को देखने के लिए अन्य प्रदेशों से पर्यटक सीतामढ़ी पहुंचने लगे हैं. महाराष्ट्र से भी 30 लोगों का जत्था सीतामढ़ी पहुंचा है.
1 दिसंबर को माता जानकी का होगा विवाह
गौरतलब है कि बारातियों का रात्रि विश्राम सीता जी की जन्म स्थली पुनौरा धाम में होगा. वहीं, बारातियों को शाकाहारी व्यंजन पूड़ी-सब्जी, खीर और मिष्ठान परोसे जाएंगे. पुनौरा धाम में 600 बारातियों के खाने की व्यवस्था की गई है. रात्रि विश्राम के बाद 25 नवंबर की सुबह 8:30 बजे पूड़ी-सब्जी, चूड़ा-दही और मिष्ठान के नाश्ता के बाद बारात यात्रा नेपाल के जनकपुर धाम के लिए प्रस्थान करेगी. वहीं, 30 नवंबर को बारात यात्रा नेपाल के जनकपुर धाम पहुंचेगी. जहां 9:00 बजे रात में कन्या पूजन और मटकोर का आयोजन किया जाएगा. फिर 1 दिसंबर को धनुष यज्ञ, जयमाला और रात में माता जानकी का विवाह संपन्न कराया जाएगा.
2 दिसंबर को सामूहिक विवाह का आयोजन
बता दें कि 2 दिसंबर को मौके पर अभावग्रस्त कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया है. जनकपुर से बरात यात्रा अयोध्या के लिए 3 दिसंबर को प्रस्थान करेगी जो बद्रीवास, बीरगंज, रक्सौल और मोतिहारी के रास्ते 4 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेगी. इस 14 दिवसीय बारात यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं. वहीं, विवाह महोत्सव को देखने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का मिथिला की धरती और जनकपुर धाम पहुंचना शुरू हो चुका है. भगवान की बारात यात्रा परंपरा त्रेता युग से ही चली आ रही है.