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सीतामढ़ी: एंबुलेंस की कमी का दंश झेल रहा सदर अस्पताल, मरीजों को हो रही परेशानी

जिले में सदर अस्पताल सहित कुल 17 सरकारी अस्पताल है. इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से 30 एंबुलेंस दिया गया है. लेकिन उसमें 20 से 22 एंबुलेंस ही चालू हालत में है.

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Published : Jun 20, 2019, 5:46 PM IST

Updated : Jun 28, 2019, 3:33 PM IST

एंबुलेंस

सीतामढ़ी: जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस की कमी के कारण मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को जरूरत के वक्त एंबुलेंस नहीं मिल पाने के कारण उन्हें निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है. जिले में कम से कम 50 एम्बुलेंस की दरकार है, लेकिन जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से 30 एंबुलेंस ही दिया गया है.

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एंबुलेंस


सिविल सर्जन ने दी जानकारी
जिले में सदर अस्पताल सहित कुल 17 सरकारी अस्पताल है. इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से 30 एंबुलेंस दिया गया है. लेकिन उसमें 20 से 22 एंबुलेंस ही चालू हालत में है. बाकी 8 एंबुलेंस खराब पड़ा हुआ है. इसका नतीजा है कि गंभीर मरीजों को जरूरत के समय एम्बुलेंस मुहैया नहीं हो पाता है. सिविल सर्जन ने बताया कि जिले के लिये कम से कम 50 एम्बुलेंस की दरकार है. इतने कम एम्बुलेंस के कारण काफी कठिनाई आती है. इस कमी को पूरा करने के लिये विभाग से कई बार पत्राचार किया गया है, लेकिन अबतक एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराया जा सका है.

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सदर अस्पताल

'7 से 8 एंबुलेंस चलने की स्थिति में नहीं हैं'
जिला स्वास्थ्य समिति के एक कर्मी ने बताया कि 7 से 8 एंबुलेंस चलने की स्थिति में नहीं हैं. उसमें आए दिन विभागीय पैसा लगाकर बनवाया जाता है, लेकिन इसके बावजूद वह अक्सर खराब हो जाता है. इसका नतीजा है कि मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते सिविल सर्जन

'ईएमटी अपने ड्यूटी से अक्सर रहता है फरार '

वहीं, एंबुलेंस चालकों का बताना है कि एंबुलेंस चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है. इस पर तैनात ईएमटी अपने ड्यूटी से अक्सर फरार रहता है. इसलिए अकेले मरीजों को लेकर गंतव्य स्थान तक जाने में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लापता ईएमटी के संबंध में कोई भी अधिकारी सुध तक नहीं लेता है. लिहाज अधिकांश ईएमटी बैठकर वेतन उठा रहे हैं.

सीतामढ़ी: जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस की कमी के कारण मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को जरूरत के वक्त एंबुलेंस नहीं मिल पाने के कारण उन्हें निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है. जिले में कम से कम 50 एम्बुलेंस की दरकार है, लेकिन जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से 30 एंबुलेंस ही दिया गया है.

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एंबुलेंस


सिविल सर्जन ने दी जानकारी
जिले में सदर अस्पताल सहित कुल 17 सरकारी अस्पताल है. इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से 30 एंबुलेंस दिया गया है. लेकिन उसमें 20 से 22 एंबुलेंस ही चालू हालत में है. बाकी 8 एंबुलेंस खराब पड़ा हुआ है. इसका नतीजा है कि गंभीर मरीजों को जरूरत के समय एम्बुलेंस मुहैया नहीं हो पाता है. सिविल सर्जन ने बताया कि जिले के लिये कम से कम 50 एम्बुलेंस की दरकार है. इतने कम एम्बुलेंस के कारण काफी कठिनाई आती है. इस कमी को पूरा करने के लिये विभाग से कई बार पत्राचार किया गया है, लेकिन अबतक एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराया जा सका है.

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सदर अस्पताल

'7 से 8 एंबुलेंस चलने की स्थिति में नहीं हैं'
जिला स्वास्थ्य समिति के एक कर्मी ने बताया कि 7 से 8 एंबुलेंस चलने की स्थिति में नहीं हैं. उसमें आए दिन विभागीय पैसा लगाकर बनवाया जाता है, लेकिन इसके बावजूद वह अक्सर खराब हो जाता है. इसका नतीजा है कि मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते सिविल सर्जन

'ईएमटी अपने ड्यूटी से अक्सर रहता है फरार '

वहीं, एंबुलेंस चालकों का बताना है कि एंबुलेंस चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है. इस पर तैनात ईएमटी अपने ड्यूटी से अक्सर फरार रहता है. इसलिए अकेले मरीजों को लेकर गंतव्य स्थान तक जाने में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लापता ईएमटी के संबंध में कोई भी अधिकारी सुध तक नहीं लेता है. लिहाज अधिकांश ईएमटी बैठकर वेतन उठा रहे हैं.

Intro:जिले के सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस की भारी कमी मरीज हो रहे परेशान।


Body:जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस की कमी के कारण मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। गंभीर मरीजों को जरूरत के वक्त एंबुलेंस नहीं मिल पाने के कारण उन्हें निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है। जिले में सदर अस्पताल सहित कुल 17 सरकारी अस्पताल है। इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से 30 एंबुलेंस दिया गया है। लेकिन उसमें 20 से 22 एंबुलेंस चालू हालत में है। बाकी आठ एंबुलेंस खराब पड़ा हुआ है। इसका नतीजा है कि गंभीर मरीजों को जरूरत के समय एम्बुलेंस मुहैया नही हो पाता है। इसलिये मनमाने दर पर निजी एम्बुलेंस लेकर इलाज कराना पड़ता है। सीएस ने बताया कि जिले के लिये कम से कम 50 एम्बुलेंस की दरकार है। इतने कम एम्बुलेंस के कारण काफी कठिनाई आती है। इस कमी को पूरा करने के लिये विभाग से कई बार पत्राचार किया गया। लेकिन अबतक एम्बुलेंस मुहैया नही कराया जा सका है। जिला स्वास्थ्य समिति के एक कर्मी ने बताया कि सात से आठ एंबुलेंस चलने की स्थिति में नहीं है। उसमें आए दिन विभागीय पैसा लगाकर बनवाया जाता है। लेकिन इसके बावजूद वह अक्सर खराब हो जाता है। इसका नतीजा है कि मरीजों को परेशानियों का सामना करना पर रहा है। बाइट-1. डॉक्टर रविंद्र कुमार। सिविल सर्जन सीतामढ़ी। विजुअल------------------


Conclusion:वहीं एंबुलेंस चालकों का बताना है कि एंबुलेंस चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है। क्योंकि इस पर तैनात ईएमटी अपने ड्यूटी से अक्सर फरार रहता है। इसलिए अकेले मरीजों को लेकर गंतव्य स्थान तक जाने में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। और लापता ईएमटी के संबंध में कोई भी अधिकारी सुधि तक नहीं लेता। लिहाज अधिकांश बैठकर वेतन उठा रहा है।
Last Updated : Jun 28, 2019, 3:33 PM IST
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