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ईटीवी भारत की खबर का असर: किसानों को राहत, वर्षों से जारी गन्ना कटौती पर लगी रोक

27 जनवरी से पहले रीगा मिल परिसर के तौल कांटे पर किसानों के गन्ने से 5 से 7% की कटौती हो रही थी. ईटीवी भारत ने 27 जनवरी को खबर प्रसारित कर प्रमुखता से मुद्दे को रखा था सामने जिसके बाद मिल प्रबंधन हरकत में आई और 27 जनवरी की रात्रि को ही इस कटौती पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया.

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Published : Jan 30, 2020, 9:15 AM IST

सीतामढ़ी
गन्ना कटौती पर लगी रोक

सीतामढ़ी: जिले के रीगा शुगर मिल प्रबंधन की ओर से वर्ष 1952 से किसानों के गन्ने में कटौती की जाती रही है. जिसके कारण मिल प्रबंधन के खिलाफ किसान बेहद नाराज थे. हालांकि, इस कटौती पर लाख प्रयास के बाद भी रोक नहीं लग पा रही थी. वहीं, मामला संज्ञान में आने पर इस अवैध कटौती को ईटीवी भारत ने 27 जनवरी को उजागर किया. जिसके बाद मिल प्रबंधन हरकत में आया और 27 जनवरी की रात को ही इस कटौती पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया. जिसके बाद से अब गन्ना कटौती बंद हो गई है और इस फैसले से गन्ना किसानों को काफी राहत मिली है.

खबर का असर
27 जनवरी से पहले रीगा मिल परिसर के तौल कांटे पर किसानों के गन्ने से 5 से 7% की कटौती हो रही थी. वहीं, 3 जिलों में अलग-अलग जगहों पर संचालित तौल सेंटरों पर 1 से 2 प्रतिशत की कटौती किया जा रहा था. बता दें कि इन सभी कटौतियों पर 27 तारीख की रात से ही रोक लगा दी गई है. इस फैसले से 4 जिलों के करीब 30 हजार किसान बेहद खुश हैं. वहीं, पताही गन्ना तौल सेंटर के लिपिक विनय कुमार ने बताया कि 27 तारीख की रात्रि से गन्ना कटौती पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. नया आदेश किसानों के लिए बेहद राहत भरा साबित हो रहा है.

पेश है रिपोर्ट
क्या है मामला?
जिले के एकमात्र उद्योग रीगा शुगर मिल प्रबंधन के खिलाफ किसानों में जबरदस्त आक्रोश था. मिल प्रबंधन की मनमानी की वजह से किसान बेहद परेशान थें. किसानों का आरोप था कि मिल प्रबंधन जबरन उनके गन्ने से 5 से 7 प्रतिशत की कटौती कर रहा है, जो कहीं से उचित नहीं है. साथ ही किसानों ने बताया था कि जो किसान इस कटौती का विरोध करते हैं, उनके गन्ने को तौलने से इंकार कर दिया जाता है और घंटों उनकी गाड़ियां खड़ी कर दी जाती है. इस बात से जिले के किसान काफी आहत थें और आंदोलन की चेतावनी भी दे रहे थें.

सीतामढ़ी: जिले के रीगा शुगर मिल प्रबंधन की ओर से वर्ष 1952 से किसानों के गन्ने में कटौती की जाती रही है. जिसके कारण मिल प्रबंधन के खिलाफ किसान बेहद नाराज थे. हालांकि, इस कटौती पर लाख प्रयास के बाद भी रोक नहीं लग पा रही थी. वहीं, मामला संज्ञान में आने पर इस अवैध कटौती को ईटीवी भारत ने 27 जनवरी को उजागर किया. जिसके बाद मिल प्रबंधन हरकत में आया और 27 जनवरी की रात को ही इस कटौती पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया. जिसके बाद से अब गन्ना कटौती बंद हो गई है और इस फैसले से गन्ना किसानों को काफी राहत मिली है.

खबर का असर
27 जनवरी से पहले रीगा मिल परिसर के तौल कांटे पर किसानों के गन्ने से 5 से 7% की कटौती हो रही थी. वहीं, 3 जिलों में अलग-अलग जगहों पर संचालित तौल सेंटरों पर 1 से 2 प्रतिशत की कटौती किया जा रहा था. बता दें कि इन सभी कटौतियों पर 27 तारीख की रात से ही रोक लगा दी गई है. इस फैसले से 4 जिलों के करीब 30 हजार किसान बेहद खुश हैं. वहीं, पताही गन्ना तौल सेंटर के लिपिक विनय कुमार ने बताया कि 27 तारीख की रात्रि से गन्ना कटौती पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. नया आदेश किसानों के लिए बेहद राहत भरा साबित हो रहा है.

पेश है रिपोर्ट
क्या है मामला?
जिले के एकमात्र उद्योग रीगा शुगर मिल प्रबंधन के खिलाफ किसानों में जबरदस्त आक्रोश था. मिल प्रबंधन की मनमानी की वजह से किसान बेहद परेशान थें. किसानों का आरोप था कि मिल प्रबंधन जबरन उनके गन्ने से 5 से 7 प्रतिशत की कटौती कर रहा है, जो कहीं से उचित नहीं है. साथ ही किसानों ने बताया था कि जो किसान इस कटौती का विरोध करते हैं, उनके गन्ने को तौलने से इंकार कर दिया जाता है और घंटों उनकी गाड़ियां खड़ी कर दी जाती है. इस बात से जिले के किसान काफी आहत थें और आंदोलन की चेतावनी भी दे रहे थें.
Intro:खबर प्रसारण के बाद शुगर मिल प्रबंधन ने किसानों के गन्ने की कटौती पर लगाई रोक किसानों में हर्ष।


Body:जिले के रीगा शुगर मिल प्रबंधन द्वारा 1952 से किसानों के गन्ने में कटौती की जा रही थी। जिस कारण किसान बेहद नाराज थे और इस कटौती पर लाख प्रयास के बाद भी रोक नहीं लग पा रही थी। कटौती के कारण किसानों को आर्थिक क्षति हो रही थी वही मिल प्रबंधन को करोड़ों का फायदा होता था। इस अवैध कटौती को ईटीवी भारत ने 27 जनवरी को उजागर किया। जिसके बाद मिल प्रबंधन हरकत में आई और 27 जनवरी की रात्रि को ही इस कटौती पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया। जिसके बाद से अब गन्ना किसानों के गन्ने से कटौती बंद हो गई है और इस फैसले से गन्ना किसान बेहद खुश हैं उन्हें काफी राहत मिली है।
बाइट टू बाइट 1, भोरहा गांव का गन्ना किसान काला जैकेट और मफलर में।
2, संजय साह। गन्ना किसान उजला शर्ट में।
27 जनवरी से पूर्व रीगा मिल परिसर के तौल कांटे पर किसानों के गन्ने से 5 से 7% की कटौती हो रही थी। वहीं 3 जिलों में अलग-अलग जगहों पर संचालित तौल सेंटर पर 1 से 2 प्रतिशत की कटौती हो रही थी। इन सभी कटौती पर 27 तारीख की रात्रि से रोक लगा दी गई है। इस फैसले से 4 जिलों के करीब 30 हजार किसान बेहद खुश हैं इसके लिए सभी किसान ईटीवी भारत को धन्यवाद दे रहे हैं। किसानों का बताना है कि अगर यह खबर ईटीवी भारत द्वारा प्रमुखता से प्रसारित नहीं किया जाता तो शायद यह सिलसिला निरंतर चलता रहता और इसका खामियाजा किसानों को आगे भी भुगतना पड़ता। पताही गन्ना तौल सेंटर के लिपिक विनय कुमार का बताना है कि 27 तारीख की रात्रि से गन्ना कटौती पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। 27 जनवरी से पूर्व इस तौल सेंटर पर 1 से 2 प्रतिशत की कटौती प्रत्येक किसान के गन्ने से की जाती थी। अब यह नया आदेश किसानों के लिए बेहद राहत भरा साबित हो रहा है।
बाइट 3, विनय कुमार सिंह। लिपिक। गन्ना तौल सेंटर पताही।


Conclusion:खबर प्रसारण से पूर्व रीगा शुगर मिल प्रबंधन द्वारा जिस तरह से गन्ने की कटौती की जा रही थी। उसका वजन लाखों क्विंटल में होता था। जिसका मूल्य करोड़ों रुपए होते थे। और यह अवैध राशि मिल प्रबंधन के खाते में जाता था।
पी टू सी 4, राहुल देव सोलंकी।सीतामढ़ी।
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