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सीतामढ़ी : 12 प्रखंडों में बाढ़ का कहर, बोले DM- हरसंभव पीड़ितों को दी जा रही मदद - एसडीआरएफ

जिला जिलाधिकारी के अनुसार करीब नौ लाख की आबादी इस त्रासदी को झेलने के लिए विवश है. करीब 3 लाख लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. बाढ़ पीड़ितों के लिए 100 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं

बाढ़ का कहर
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Published : Jul 15, 2019, 3:07 PM IST

सीतामढ़ी: जिले में बाढ़ से भारी तबाही मची हुई है. हर ओर खौफ का मंजर है. जिले के 17 प्रखंडों में से 12 प्रखंड पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं. 105 पंचायत जल में विलीन हैं. लोग बेघर हो गए हैं. लोगों का कहना है कि बाढ़ में सब कुछ बर्बाद हो गया. कई मवेशी पानी में बह गए. हालांकि डीएम का कहना है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए 100 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं.

अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
कई जगहों पर तटबंध क्षतिग्रस्त हो गये हैं. घर उजड़ जाने के बाद बांध पर पन्नी लगाकर लोग अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की ओर से इन्हें किसी तरह की मदद नहीं दी जा रही है. इनका आरोप है कि अधिकारियों की ओर से लापरवाही बरती जा रही है. रेनकट होने के बाद ये खुद ही मिट्टी के बोरे डाल रहे है.

sitamarhi
रेनकट होने को बाट लोग मिट्टी के बोरे डाल रहे है.

जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
जिला मुख्यालय का संपर्क कई शहरों से टूट चुका है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि राहत के नाम पर अब तक कुछ भी नहीं मिला है. ना ही तटबंधो में जो रिसाव हो रहे हैं उसकी मरम्मती की जा रही है. लिहाजा बाढ़ पीड़ित जिला प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे हैं. हालांकि बेलसंड प्रखंड के सीओ अमरेंद्र प्रताप शाही ने कहा कि रेनकट की मरमत्ती की जा रही है. विभागीय अभियंती और ठेकेदार तटबंधों का जायजा ले रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाया गया राहत शिविर
जिला जिलाधिकारी रंजीत कुमार सिंह ने कहा कि 3 लाख लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. बाढ़ पीड़ितों के लिए 100 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं. वहीं 5 सामुदायिक किचन भी बनाया गया है जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा खाना बनाया जा रहा है.

sitamarhi
रंजीत कुमार सिंह, डीएम

मंगाए गए मोटर बोट
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई है. इसके अलावा 1 दर्जन से अधिक मोटर बोट और 50 से अधिक नाव भी मंगाए गए हैं. इसके अलावा 50 और नाव की मांग की गई. बाढ़ की वजह से जिले में अबतक दो की मौत और छः लोगों के लापता होने की सूचना है. शहर के बीचो-बीच गुजरने वाली लखनदेई नदी में भी बाढ़ का पानी आ जाने के कारण शहर का कई मोहल्ला और पुनौरा स्थान मां जानकी की जन्मस्थली भी बाढ़ की चपेट में है.

सीतामढ़ी: जिले में बाढ़ से भारी तबाही मची हुई है. हर ओर खौफ का मंजर है. जिले के 17 प्रखंडों में से 12 प्रखंड पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं. 105 पंचायत जल में विलीन हैं. लोग बेघर हो गए हैं. लोगों का कहना है कि बाढ़ में सब कुछ बर्बाद हो गया. कई मवेशी पानी में बह गए. हालांकि डीएम का कहना है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए 100 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं.

अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
कई जगहों पर तटबंध क्षतिग्रस्त हो गये हैं. घर उजड़ जाने के बाद बांध पर पन्नी लगाकर लोग अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की ओर से इन्हें किसी तरह की मदद नहीं दी जा रही है. इनका आरोप है कि अधिकारियों की ओर से लापरवाही बरती जा रही है. रेनकट होने के बाद ये खुद ही मिट्टी के बोरे डाल रहे है.

sitamarhi
रेनकट होने को बाट लोग मिट्टी के बोरे डाल रहे है.

जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
जिला मुख्यालय का संपर्क कई शहरों से टूट चुका है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि राहत के नाम पर अब तक कुछ भी नहीं मिला है. ना ही तटबंधो में जो रिसाव हो रहे हैं उसकी मरम्मती की जा रही है. लिहाजा बाढ़ पीड़ित जिला प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे हैं. हालांकि बेलसंड प्रखंड के सीओ अमरेंद्र प्रताप शाही ने कहा कि रेनकट की मरमत्ती की जा रही है. विभागीय अभियंती और ठेकेदार तटबंधों का जायजा ले रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाया गया राहत शिविर
जिला जिलाधिकारी रंजीत कुमार सिंह ने कहा कि 3 लाख लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. बाढ़ पीड़ितों के लिए 100 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं. वहीं 5 सामुदायिक किचन भी बनाया गया है जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा खाना बनाया जा रहा है.

sitamarhi
रंजीत कुमार सिंह, डीएम

मंगाए गए मोटर बोट
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई है. इसके अलावा 1 दर्जन से अधिक मोटर बोट और 50 से अधिक नाव भी मंगाए गए हैं. इसके अलावा 50 और नाव की मांग की गई. बाढ़ की वजह से जिले में अबतक दो की मौत और छः लोगों के लापता होने की सूचना है. शहर के बीचो-बीच गुजरने वाली लखनदेई नदी में भी बाढ़ का पानी आ जाने के कारण शहर का कई मोहल्ला और पुनौरा स्थान मां जानकी की जन्मस्थली भी बाढ़ की चपेट में है.


---------- Forwarded message ---------
From: Rahul Solanki <rahul.solanki@etvbharat.com>
Date: Mon, 15 Jul, 2019, 12:48 PM
Subject: Fwd: बाढ़ से भारी तबाही। स्पेशल स्टोरी।
To: BR input <brinput@etvbharat.com>



---------- Forwarded message ---------
From: Rahul Solanki <rahul.solanki@etvbharat.com>
Date: Mon, 15 Jul, 2019, 12:20 PM
Subject: बाढ़ से भारी तबाही। स्पेशल स्टोरी।
To: BR input <brinput@etvbharat.com>


जिले में बाढ़ से भारी  तबाही मची हुई है। हर ओर खौफ का मंजर व्याप्त है। जिले का 17 में 12 प्रखंड पूरी तरह जलमग्न हो चुका है।105 पंचायत जल प्लावीत है। जिला जिलाधिकारी के अनुसार करीब नौ लाख की आबादी इस त्रासदी को झेलने को विवश है। इसमें से करीब 3 लाख लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। बाढ़ पीड़ितों के लिए 100 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं। वहीं 5 सामुदायिक किचन भी बनाया गया है। जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा खाना बनाया जा रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई है। इसके अलावा 1 दर्जन से अधिक मोटर बोट और 50 से अधिक नाव भी मंगाए गए हैं।  इसके अलावा 50 और लाओ की मांग की गई । अब तक जिले में दो की मौत और छः लोगों को लापता होने की सूचना है। शहर के बीचो-बीच गुजरने वाली  लखनदेई नदी में भी  बाढ़ का पानी आ जाने के कारण शहर का कई मोहल्ला और पुनौरा स्थान मां जानकी की जन्मस्थली भी बाढ़ की चपेट में है।जिला मुख्यालय का संपर्क कई शहरों से टूट चुका है। वहीं बाढ़ पीड़ितों की शिकायत है कि राहत के नाम पर अब तक कुछ भी नहीं मिल रहा। ना ही तटबंधो में जो रिसाव हो रहे हैं उसकी मरम्मत की जा रही है। लिहाजा बाढ़ पीड़ित जिला प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे हैं। जिला अधिकारी ने यह भी बताया कि जान माल को अधिक क्षति न पहुंचे। इसके लिए जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जा रहा है।                                                                   Byte_ 1. जिले का बाढ़ पीड़ित।                                   Byte_2. डीएम रंजीत कुमार सिंह। सीतामढ़ी।                 पी टू सी राहुल देव सोलंकी। सीतामढ़ी। 
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