सीतामढ़ी: पूरे बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां चल रही है. जिले में सोशल मीडिया के माध्यम से जेडीयू जिला अध्यक्ष की ओर से किसी खास जाति विशेष पर की गई टिप्पणी को लेकर लोगों में आक्रोश है. इस कारण लोग बैठक कर लगातार जनता से जेडीयू को बिहार विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने की बात कर रहे हैं.
जदयू के छात्र जिला अध्यक्ष की टिप्पणी को लेकर आक्रोश
जदयू के छात्र जिलाध्यक्ष अमोल कुशवाहा के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से एक खास जाति विशेष पर टिप्पणी किए जाने के बाद और लगातार जिले में जदयू के खिलाफ बैठके होनी शुरू हो गई है. बैरगनिया में सवर्ण एकता मंच के बैनर तले अध्यक्ष राकेश झा की अध्यक्षता में एक बैठक की गई, जिसमें कहा गया कि जिला अध्यक्ष के द्वारा सोशल मीडिया पर जो आपत्तिजनक पोस्ट किया गया है. वह समाज को नीचा दिखाने के लिए किया गया. सवर्ण एकता मंच के सदस्यों ने कहा कि इसे किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
जेडीयू जिला अध्यक्ष को हटाने की मांग
सवर्ण एकता मंच के अध्यक्ष राकेश झा ने बिहार जदयू के महासचिव से मांग की है कि वह छात्र जदयू के जिला अध्यक्ष अमित कुमार कुशवाहा को पार्टी से निष्कासित करें. अध्यक्ष ने कहा कि अगर जदयू आमोद को निष्कासित नहीं करता है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में सवर्ण एकता मंच जदयू का विरोध करेगी.
अध्यक्ष राकेश झा ने कहा कि अगर छात्र जदयू के जिलाध्यक्ष अमोद कुशवाहा के कथन को जदयू सत्य मानता है. तो बिहार में कैबिनेट मंत्री संजय झा को यदि पार्टी से निकाले और मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें नहीं तो आमोद पर कार्रवाई करें.
समाज को तोड़ने की कोशिश
मंच के अध्यक्ष राकेश झा ने कहा कि जदयू के जिला अध्यक्ष समाज को तोड़ने के लिए इस तरह की पोस्ट सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल कर रहे हैं. वहीं, अध्यक्ष ने स्थानीय प्रशासन से आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर छात्र जिलाध्यक्ष प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. मौके पर पूर्व मुखिया नागेंद्र झा तारा कांत झा सुशील झा अनिल मिश्रा अधिवक्ता चंदन झा ज्योति नारायण झा अवनीश झा कमलेश झा अजीत गिरी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि शनिवार को जेडीयू के जिला अध्यक्ष ने अमोल कुशवाहा ने विकास दुबे की हत्या को लेकर ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसमें उसने ब्राह्मणों को आतंकवादी बताया था.