सीतामढ़ी: बाढ़ के कारण जिले के 16 प्रखंड के 179 पंचायतों में करीब 17 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के दौरान जिले के डीएम के आदेश पर निजी और सरकारी विद्यालयों को बंद कर दिया गया था. बाढ़ का पानी इलाके से धीरे-धीरे निकल रहा है. जनजीवन सामान्य हो रहा है. अब अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ा रहे अभिभावकों के सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में अब अभिभावक डीएम और स्थानीय नेताओं से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
दो माह तक बंद रहा स्कूल
बाढ़ पीड़ित अभिभावकों का कहना है कि जून माह में प्रचंड गर्मी और जुलाई में बाढ़ के तबाही के कारण दो माह तक पठन-पाठन भी प्रभावित रहा. ऐसी दुख की घड़ी में विद्यालयों का ट्रांसपोर्ट चार्ज देना हमलोगों के बस की बात नहीं है. इस बाढ़ की विभीषिका में उनका सब कुछ बर्बाद हो गया. ऐसे में स्कूल का चार्ज देना उनके लिए बहुत ही मुश्किल है.
अभिभावकों की मांग जायज- डीएम
मामले पर जिलाधिकारी रंजीत कुमार सिंह का कहना है कि उनकी मांग जायज है. इस संबंध में स्कूल एसोसिएशन के साथ बैठक कर इस मांग को रखा जाएगा. कोशिश होगी कि अभिभावकों को हर संभव मदद दी जाए.
'अभिभावकों की मांग पर होगा विचार'
मामले पर बोलते हुए जदयू जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह ने कहा कि अभिभावकों ने दो माह के ट्रांसपोर्ट चार्ज माफ करने की बात कही है. उनकी मांग जायज है. इस तबाही में अपना सब कुछ खो देने के बाद उनके बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित हुआ. उनके सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है. इसलिए इस बात को जिलाधिकारी के सामने रखकर सकारात्मक पहल की जाएगी.