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झील में तब्दील हुई सड़क, जलजमाव से बढ़ा बीमारियों का खतरा - डीएम अरशद अजीज

जिला पदाधिकारी अरशद अजीज ने कहा कि सड़क पर नाले का निर्माण कराया गया है और उसे पक्के नाले से जोड़ा भी गया है. उन्होंने कहा कि ज्यादा बारिश होने के कारण पानी जमा हुआ है जो कुछ दिनों में हट जाएगा.

झील में तब्दील हो गई है सड़के
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Published : Sep 20, 2019, 11:57 PM IST

सीतामढ़ीः अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण शिवहर शहर का जगदीश नंदन सड़क झील में तब्दील हो गया है. इससे यहां के लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर महिलाओं और छात्र-छात्राओं का घर से निकलना दूभर हो गया है. तो वहीं जलजमाव के कारण चर्म रोग और अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ने लगा है. ये सड़क समाहरणालय से महज 50 मीटर की दूरी पर है.

लोगों को हो रही है परेशानी
स्थानीय दुकानदार ने कहा कि सड़क पर बने दुकानों में ग्राहक आना मुनासिब नहीं समझते. इसका नतीजा यह है कि रोड पर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. दुकानदारों का कहना है कि सड़क नगर पंचायत क्षेत्र में आता है. फिर भी इसे ना तो ऊंचा किया गया और ना ही बढ़िया नाला का निर्माण कराया गया. इसका नतीजा यह है कि पैदल आने जाने वाले हो या वाहन चालक झील को पार करना सबकी मजबूरी बन गई है. लिहाजा जगदीश नंदन पथ के आसपास बसे कॉलोनी के लोगों का जीवन जिल्लत भरा हो गया है. जबकि जलजमाव को दूर करने के लिए कॉलोनी के लोग वर्षो से मांग करते आ रहे हैं और इसके लिए पिछले साल आंदोलन और अनशन भी किया था.

sitamarhi
जलजमाव के बीच से गुजरता वाहन

1999 में हुआ था सड़क का नामकरण
बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन ने स्वतंत्रता सेनानी जगदीश नंदन बाबू के नाम पर इस सड़क का नाम रखा था. उसके बाद सड़क पर पीसीसी की ढ़लाई की गई थी. लेकिन अच्छे नालों का निर्माण नहीं कराया गया. इधर मुजफ्फरपुर और शिवहर मुख्य सड़क ऊंचा बनने के बाद ये सड़क काफी नीची हो गई है. जिसके कारण मुख्य सड़क और आसपास का पानी यहीं पर जमा होने लगा.

sitamarhi
जलजमाव से जाता बाइक सवार

'बड़ी घटना का कारण बन सकती है सड़क'
स्थानीय लोगों और जगदीश नंदन बाबू के पौत्र आशुतोष नंदन ने कहा कि वर्ष 2018 सितंबर को जल निकासी के मुद्दे को लेकर अनशन और आंदोलन किया गया था. तब डीएम अरशद अजीज ने आश्वासन दिया था कि 15 दिनों के भीतर जलजमाव की समस्या दूर कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि 15 दिन बीत जाने के बाद भी समस्या दूर नहीं की गई. स्थिति जस की तस बनी हुई है. प्रतिदिन इस सड़क से स्कूली बच्चे और महिलाओं का आना जाना होता है. ऐसे में हर दिन लोग गढ्ढे में गिरते रहते है. यदि सड़क की जल्द मरम्मत नहीं की गई तो आने वाले दिनों में यह किसी बड़ी घटना का कारण बन सकती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

वहीं, जिला पदाधिकारी अरशद अजीज ने कहा कि सड़क पर नाले का निर्माण कराया गया है और उसे पक्के नाले से जोड़ा भी गया है. उन्होंने कहा कि ज्यादा बारिश होने के कारण पानी जमा हुआ है जो कुछ दिनों में हट जाएगा. हालांकि डीएम ने कहा कि जगदीश नंदन की सड़क थोड़ी नीचे है, जो नगर पंचायत के अंदर आती है. उन्होंने कहा कि नगर पंचायात के लोग इसको लेकर प्रयासरत है.

सीतामढ़ीः अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण शिवहर शहर का जगदीश नंदन सड़क झील में तब्दील हो गया है. इससे यहां के लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर महिलाओं और छात्र-छात्राओं का घर से निकलना दूभर हो गया है. तो वहीं जलजमाव के कारण चर्म रोग और अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ने लगा है. ये सड़क समाहरणालय से महज 50 मीटर की दूरी पर है.

लोगों को हो रही है परेशानी
स्थानीय दुकानदार ने कहा कि सड़क पर बने दुकानों में ग्राहक आना मुनासिब नहीं समझते. इसका नतीजा यह है कि रोड पर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. दुकानदारों का कहना है कि सड़क नगर पंचायत क्षेत्र में आता है. फिर भी इसे ना तो ऊंचा किया गया और ना ही बढ़िया नाला का निर्माण कराया गया. इसका नतीजा यह है कि पैदल आने जाने वाले हो या वाहन चालक झील को पार करना सबकी मजबूरी बन गई है. लिहाजा जगदीश नंदन पथ के आसपास बसे कॉलोनी के लोगों का जीवन जिल्लत भरा हो गया है. जबकि जलजमाव को दूर करने के लिए कॉलोनी के लोग वर्षो से मांग करते आ रहे हैं और इसके लिए पिछले साल आंदोलन और अनशन भी किया था.

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जलजमाव के बीच से गुजरता वाहन

1999 में हुआ था सड़क का नामकरण
बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन ने स्वतंत्रता सेनानी जगदीश नंदन बाबू के नाम पर इस सड़क का नाम रखा था. उसके बाद सड़क पर पीसीसी की ढ़लाई की गई थी. लेकिन अच्छे नालों का निर्माण नहीं कराया गया. इधर मुजफ्फरपुर और शिवहर मुख्य सड़क ऊंचा बनने के बाद ये सड़क काफी नीची हो गई है. जिसके कारण मुख्य सड़क और आसपास का पानी यहीं पर जमा होने लगा.

sitamarhi
जलजमाव से जाता बाइक सवार

'बड़ी घटना का कारण बन सकती है सड़क'
स्थानीय लोगों और जगदीश नंदन बाबू के पौत्र आशुतोष नंदन ने कहा कि वर्ष 2018 सितंबर को जल निकासी के मुद्दे को लेकर अनशन और आंदोलन किया गया था. तब डीएम अरशद अजीज ने आश्वासन दिया था कि 15 दिनों के भीतर जलजमाव की समस्या दूर कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि 15 दिन बीत जाने के बाद भी समस्या दूर नहीं की गई. स्थिति जस की तस बनी हुई है. प्रतिदिन इस सड़क से स्कूली बच्चे और महिलाओं का आना जाना होता है. ऐसे में हर दिन लोग गढ्ढे में गिरते रहते है. यदि सड़क की जल्द मरम्मत नहीं की गई तो आने वाले दिनों में यह किसी बड़ी घटना का कारण बन सकती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

वहीं, जिला पदाधिकारी अरशद अजीज ने कहा कि सड़क पर नाले का निर्माण कराया गया है और उसे पक्के नाले से जोड़ा भी गया है. उन्होंने कहा कि ज्यादा बारिश होने के कारण पानी जमा हुआ है जो कुछ दिनों में हट जाएगा. हालांकि डीएम ने कहा कि जगदीश नंदन की सड़क थोड़ी नीचे है, जो नगर पंचायत के अंदर आती है. उन्होंने कहा कि नगर पंचायात के लोग इसको लेकर प्रयासरत है.

Intro:अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण शिवहर शहर का जगदीश नंदन पथ झिल में तब्दील। Body: शिवहर समाहरणालय से 50 मीटर की दूरी पर बना है जगदीश नंदन पथ। यह पथ जनप्रतिनिधि और विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण वर्षों से झील में तब्दील है। इस कारण करीब 4 वार्ड की आबादी को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर महिलाओं और छात्र छात्राओं को घर से निकलना दूभर हो चुका है। जलजमाव के कारण चर्म रोग और अन्य बीमारी लोगों के घरों में प्रवेश कर गई है। वह इस रोड में बने दुकानों में ग्राहक जाना मुनासिब नहीं समझते। इसका नतीजा है कि रोड में व्यवसाय करने वाले व्यापारी को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। जबकि सड़क नगर पंचायत क्षेत्र में आता है। फिर भी इसे न तो ऊंचा किया गया। ना ही बढ़िया नाला का निर्माण कराया गया। इसका नतीजा है कि पैदल आने जाने वाले हो या वाहन चालक सभी की इस झील को पर करना मजबूरी बन गई है। जबकि सांसद मद की राशि वापस चली जा रही है। इसके बावजूद इस पथ पर आज तक किसी ने ध्यान तक नहीं दिया। लिहाजा जगदीश नंदन पथ के आसपास बसे कॉलोनी के लोगों का जीवन जिल्लत भरा हो गया है। जबकि जलजमाव को दूर करने के लिए कॉलोनी के लोगों ने बरसों से मांग करते आ रहे हैं। और इसके लिए विगत वर्ष आंदोलन और अनशन भी किया था।
1999 में हुआ था पथ का नामकरण:____________
पूर्व सांसद आनंद मोहन ने स्वतंत्रता सेनानी जगदीश नंदन बाबू के नाम पर इस पथ का नाम रखा था। और इसके द्वार भी बनाए गए। उसके बाद इस पथ पर पीसीसी ढलाई किया गया। लेकिन अच्छे नालों का निर्माण नहीं कराया गया। इधर मुज़फ़्फ़रपुर और शिवहर मुख्य सड़क ऊँची बनने के बाद जगदीश नंदन पथ काफी नीची हो गई। इसका नतीजा है कि मुख्य सड़क और आसपास का पानी इसी पथ में जाकर जमा हो जाता है। और इसकी निकासी के लिए कोई उपयुक्त व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण साल के 12 माह या झील में तब्दील रहता है।
कौन थे जगदीश नंदन सिंह:_________________
जगदीश नंदन बाबू शिवहर के निवासी थे। और वो स्वतंत्रता सेनानी थे। लेकिन उन्होंने अपने जीवन काल में स्वतंत्रता सेनानी रहने का सरकारी लाभ कभी नहीं लिया। इसके साथ ही जगदीश नंदन बाबू आजीवन मुखिया भी रहे।
स्थानीय लोगों का बयान:_________________
स्थानीय लोगों और जगदीश नंदन बाबू के पौत्र आशुतोष नंदन का बताना है कि वर्ष 2018 सितंबर को जल निकासी के मुद्दे को लेकर अनशन और आंदोलन किया गया था। तब डीएम अरशद अजीत जी ने आकर यह आश्वासन दिया था कि 15 दिनों के भीतर जलजमाव की समस्या दूर कर दी जाएगी। लेकिन समस्या दूर नहीं की गई। स्थिति जस की तस बनी हुई।
बाइट :1. आशुतोष नंदन सिंह। जगदीश नंदन बाबू के पौत्र। हरा कुर्ता में।
बाइट 2. रवि रंजन कुमार। वार्ड 15 के निवासी।
बाइट 3. अरशद अजीज। डीएम शिवहर।
पी टू सी 4.
विजुअल 5,6,7,8Conclusion:पी टू सी:___राहुल देव सोलंकी। सीतामढ़ी।
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