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सीतामढ़ी: नाबालिग का अपहरण कर दबंगों ने किया दुष्कर्म, थानाध्यक्ष ने नहीं किया मामला दर्ज - लड़की का अपहरण और दुष्कर्म सीतामढ़ी

एक नाबालिग बच्ची का अपहरण कर दबंगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया. इस घटना को लेकर लिखित शिकायत के बाद भी स्थानीय थाने में मामला दर्ज नहीं किया गया. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने सीतामढ़ी एसपी और एसडीपीओ से मदद की गुहार लगाई है.

minor girl kidnap and misdeeds in sitamarhi
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Published : Dec 31, 2020, 4:02 PM IST

सीतामढ़ी: जिले के सुप्पी थाना क्षेत्र में दबंगों ने 15 साल की नाबालिग बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया. इस घटना की जानकारी होने पर पीड़ित परिवार ने इसकी सूचना स्थानीय थाने को दी. इस पूरे मामले में सुप्पी थानाध्यक्ष ने जांच करते हुए 24 घंटे बाद पीड़ित लड़की को बरामद कर उसके परिजनों के हवाले कर दिया.

हालांकि इस घटना को लेकर पीड़ित लड़की के परिजनों ने मामला दर्ज करने को कहा तो सुप्पी थानाध्यक्ष ने मामले को रफा-दफा करने के लिए पीड़ित परिवार पर ही दबाव बनाया और मामला दर्ज नहीं किया. परिजनों ने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष ने मामले को रफा-दफा करने के लिए सामाजिक लोक लाज का भय दिखाया. जबकि थानाध्यक्ष ने दबंगों के दबाव में आकर आवेदन दिए जाने के बाद भी मामला दर्ज नहीं किया. वहीं, एक सादे कागज पर उनसे हस्ताक्षर करवा लिया गया.

थानाध्यक्ष को मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश
जब थाने में मामला दर्ज नहीं हुआ तो पीड़ित परिवार ने समाहरणालय स्थित एसपी कार्यालय पहुंचकर एसपी अनिल कुमार और सदर एसडीपीओ रामाकांत उपाध्याय से मदद की गुहार लगाई. सदर एसडीपीओ रामाकांत उपाध्याय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष को मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने पीड़ित परिवार को हर हाल में न्याय दिलवाने का आश्वासन दिया है.

सीतामढ़ी: जिले के सुप्पी थाना क्षेत्र में दबंगों ने 15 साल की नाबालिग बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया. इस घटना की जानकारी होने पर पीड़ित परिवार ने इसकी सूचना स्थानीय थाने को दी. इस पूरे मामले में सुप्पी थानाध्यक्ष ने जांच करते हुए 24 घंटे बाद पीड़ित लड़की को बरामद कर उसके परिजनों के हवाले कर दिया.

हालांकि इस घटना को लेकर पीड़ित लड़की के परिजनों ने मामला दर्ज करने को कहा तो सुप्पी थानाध्यक्ष ने मामले को रफा-दफा करने के लिए पीड़ित परिवार पर ही दबाव बनाया और मामला दर्ज नहीं किया. परिजनों ने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष ने मामले को रफा-दफा करने के लिए सामाजिक लोक लाज का भय दिखाया. जबकि थानाध्यक्ष ने दबंगों के दबाव में आकर आवेदन दिए जाने के बाद भी मामला दर्ज नहीं किया. वहीं, एक सादे कागज पर उनसे हस्ताक्षर करवा लिया गया.

थानाध्यक्ष को मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश
जब थाने में मामला दर्ज नहीं हुआ तो पीड़ित परिवार ने समाहरणालय स्थित एसपी कार्यालय पहुंचकर एसपी अनिल कुमार और सदर एसडीपीओ रामाकांत उपाध्याय से मदद की गुहार लगाई. सदर एसडीपीओ रामाकांत उपाध्याय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष को मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने पीड़ित परिवार को हर हाल में न्याय दिलवाने का आश्वासन दिया है.

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