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सीतामढ़ी आए सैकड़ों प्रवासी मजदूर मास्क और टी शर्ट बनाकर कर रहे हैं जीविकोपार्जन

श्रमिक मजदूर जीविका दीदी के साथ मिलकर मास्क, टी-शर्ट, झोला और गमछा का निर्माण कर रहे हैं. साथ ही मजदूर मिथिला पेंटिंग का भी चित्रण कर रहे हैं. दिल्ली और मुंबई से आए श्रमिक मजदूरों ने बताया कि मास्क, गमछा, टी शर्ट और झोला निर्माण से उन्हें 400 से 500 रुपये रोजाना की कमाई कर रहे हैं.

सीतामढ़ी
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Published : Jun 2, 2020, 5:40 PM IST

Updated : Jun 2, 2020, 6:36 PM IST

सीतामढ़ी: देश के विभिन्न प्रदेशों से आने वाले श्रमिक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने अच्छी पहल की है. जिलाधिकारी द्वारा सभी मजदूरों को स्किल डेवलपमेंट के तहत सर्वे करवाकर उन्हें दक्ष बनाने का काम किया जा रहा है. डीएम के निर्देश के बाद दक्ष मजदूरों को उनकी दक्षता के अनुसार कार्यों में लगाया जा रहा है.

सीतामढ़ी
श्रमिकों द्वारा बनाया गया टी शर्ट
मजदूरों को 400 से 500 रोजाना हो रही है कमाई
श्रमिक मजदूर जीविका दीदी के साथ मिलकर मास्क, टी शर्ट, झोला और गमछा का निर्माण कर रहे हैं. साथ ही मजदूर मिथिला पेंटिंग का भी चित्रण कर रहे हैं. दिल्ली और मुंबई से आए श्रमिक मजदूरों ने बताया कि मास्क, गमछा, टी शर्ट और झोला निर्माण से उन्हें 400 से 500 रुपये रोजाना की कमाई कर रहे हैं. इतनी कमाई उन्हें महानगरों में भी होती थी. श्रमिक मजदूरों ने कहा कि अब वह महानगरों में कमाने नहीं जाएंगे. यहीं अपने जिले में रहकर गांव और अपने परिवार के साथ रहेंगे.
ईटीवी भारत की रिपोर्ट

श्रमिक मजदूरों द्वारा निर्मित सामग्री की डिमांड
गौरतलब है कि मजदूरों द्वारा निर्मित सामग्री की बाजारों में काफी मांग है. इसको लेकर प्रखंड डीपीओ प्रीतम कुमार ने बताया कि श्रमिक मजदूर मास्क, झोला, गमछा और जिस टी शर्ट का निर्माण करते हैं. उनकी लागत बहुत ही कम होती है. जिसके कारण बाजारों में इन सामग्रियों की खूब डिमांड हो रही है. डीपीओ ने बताया कि डीएम के निर्देश के बाद देश के अन्य प्रदेशों से आए श्रमिकों को दक्ष किया जा रहा है. इन्हें जीविका दीदीयों के साथ जोड़कर रोजगार भी दिया जाएगा.

सीतामढ़ी
मास्क निर्माण करते श्रमिक

जिले में 67 हजार श्रमिक मजदूरों का आगमन
डीपीओ ने आगे बताया कि अगर कोई श्रमिक मजदूरी का कार्य करने के इच्छुक हैं, तो उन्हें मनरेगा के तहत जिला प्रशासन की ओर से रोजगार दिया जाएगा. बता दें कि लॉकडाउन के बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेनों सहित अन्य वाहनों से करीब 67 हजार श्रमिक मजदूरों का जिले में आगमन हुआ है. सभी श्रमिक मजदूरों को रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर रखी है. डीएम के निर्देश के बाद श्रमिक मजदूरों को दक्षता के अनुसार कार्य दिया जा रहा है.

सीतामढ़ी
मास्क निर्माण करते श्रमिक
रेडीमेड निर्माण सेंटर का उद्घाटन
गौरतलब है कि देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले श्रमिक मजदूरों को रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन स्किल सर्वे के तहत श्रमिक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करा रहा है. इधर बीते दिनों ही डीएम के निर्देश के बाद रेडीमेड निर्माण सेंटर का उद्घाटन जिला प्रशासन की ओर से करवाया गया. जिसमें जीविका दीदी के साथ देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रमिक मजदूरों को जोड़ा गया.

सीतामढ़ी: देश के विभिन्न प्रदेशों से आने वाले श्रमिक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने अच्छी पहल की है. जिलाधिकारी द्वारा सभी मजदूरों को स्किल डेवलपमेंट के तहत सर्वे करवाकर उन्हें दक्ष बनाने का काम किया जा रहा है. डीएम के निर्देश के बाद दक्ष मजदूरों को उनकी दक्षता के अनुसार कार्यों में लगाया जा रहा है.

सीतामढ़ी
श्रमिकों द्वारा बनाया गया टी शर्ट
मजदूरों को 400 से 500 रोजाना हो रही है कमाई
श्रमिक मजदूर जीविका दीदी के साथ मिलकर मास्क, टी शर्ट, झोला और गमछा का निर्माण कर रहे हैं. साथ ही मजदूर मिथिला पेंटिंग का भी चित्रण कर रहे हैं. दिल्ली और मुंबई से आए श्रमिक मजदूरों ने बताया कि मास्क, गमछा, टी शर्ट और झोला निर्माण से उन्हें 400 से 500 रुपये रोजाना की कमाई कर रहे हैं. इतनी कमाई उन्हें महानगरों में भी होती थी. श्रमिक मजदूरों ने कहा कि अब वह महानगरों में कमाने नहीं जाएंगे. यहीं अपने जिले में रहकर गांव और अपने परिवार के साथ रहेंगे.
ईटीवी भारत की रिपोर्ट

श्रमिक मजदूरों द्वारा निर्मित सामग्री की डिमांड
गौरतलब है कि मजदूरों द्वारा निर्मित सामग्री की बाजारों में काफी मांग है. इसको लेकर प्रखंड डीपीओ प्रीतम कुमार ने बताया कि श्रमिक मजदूर मास्क, झोला, गमछा और जिस टी शर्ट का निर्माण करते हैं. उनकी लागत बहुत ही कम होती है. जिसके कारण बाजारों में इन सामग्रियों की खूब डिमांड हो रही है. डीपीओ ने बताया कि डीएम के निर्देश के बाद देश के अन्य प्रदेशों से आए श्रमिकों को दक्ष किया जा रहा है. इन्हें जीविका दीदीयों के साथ जोड़कर रोजगार भी दिया जाएगा.

सीतामढ़ी
मास्क निर्माण करते श्रमिक

जिले में 67 हजार श्रमिक मजदूरों का आगमन
डीपीओ ने आगे बताया कि अगर कोई श्रमिक मजदूरी का कार्य करने के इच्छुक हैं, तो उन्हें मनरेगा के तहत जिला प्रशासन की ओर से रोजगार दिया जाएगा. बता दें कि लॉकडाउन के बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेनों सहित अन्य वाहनों से करीब 67 हजार श्रमिक मजदूरों का जिले में आगमन हुआ है. सभी श्रमिक मजदूरों को रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर रखी है. डीएम के निर्देश के बाद श्रमिक मजदूरों को दक्षता के अनुसार कार्य दिया जा रहा है.

सीतामढ़ी
मास्क निर्माण करते श्रमिक
रेडीमेड निर्माण सेंटर का उद्घाटन
गौरतलब है कि देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले श्रमिक मजदूरों को रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन स्किल सर्वे के तहत श्रमिक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करा रहा है. इधर बीते दिनों ही डीएम के निर्देश के बाद रेडीमेड निर्माण सेंटर का उद्घाटन जिला प्रशासन की ओर से करवाया गया. जिसमें जीविका दीदी के साथ देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रमिक मजदूरों को जोड़ा गया.
Last Updated : Jun 2, 2020, 6:36 PM IST
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