सीतामढ़ीः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और अति पिछड़ों के बड़े नेता रहे जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के जरिये जदयू अति पिछड़ों को साधने की एक रणनीति शुरू करने वाली है. जननायक के जन्मस्थली कर्पूरीग्राम से पूरे सूबे में इस अभियान के तहत इस बड़े वोट बैंक को गोलबंद किया जायेगा.
अति पिछड़ों को साधने की रणनीतिः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और अतिपिछड़ा के बड़े नेता रहे जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती चुनावी वर्ष में खास होगी. वैसे तो कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव कर्पूरीग्राम में उनके जयंती पर होने वाले राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत बिहार के बड़े नेता शामिल होते हैं, लेकिन इस बार एक तो उनकी 100वीं जयंती और दूसरी तरफ देश में लोकसभा चुनाव, इसे देखते हुए जनता दल यूनाइटेड बिहार में करीब 36.01 फ़ीसदी अति पिछड़ों को इस जयंती के जरिए साधने की एक बड़ी रणनीति में जुटा है.
अतिपिछड़ों के काम को गिनाएगी जेडीयूः जदयू के जिला अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता दुर्गेश राय की माने तो जननायक अति पिछड़ों के हक के लिए लड़ते रहे. जदयू उन्हें ही अपना आदर्श मान उनके राह पर चल रही है. वंही अगर वर्तमान नीतीश सरकार की बात करें तो , न सिर्फ जातीय जनगणना के जरिए वह इन वर्गों को सही भागीदारी देने के प्रयास मे जुटे हैं बल्कि इनसे जुड़ी कई योजनाओं को लेकर भी बिहार में काम हो रहा है. बहरहाल जेडीयू कर्पूरी जयंती के साथ ही बिहार में अतिपिछड़ों के लिए हो रहे कामों से उन्हें वाकिफ कराएगी.
"हम बिहार में अतिपिछड़ों के लिए हो रहे कामों से उन्हें वाकिफ कराएंगे. जदयू कर्पूरी ठाकुर को अपना आदर्श मानती है. नीतीश सरकार में न सिर्फ जातीय जनगणना कराया गया. बल्कि इनसे जुड़ी कई योजनाओं को लेकर भी बिहार में काम हो रहा है"- डॉ. दुर्गेश राय, जिला अध्यक्ष, जदयू
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