ETV Bharat / state

सोलह श्रृंगार कर साजन की सलामती के लिए सुहागिनों ने किया तीज व्रत, जानें पूजा का सही समय

हरतालिका तीज (Hartalika Teej) की रौनक आज देशभर के साथ ही सीतामढ़ी में भी देखने को मिल रही है. सुहागिन सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए निर्जला व्रत कर रही हैं. कैसे करें पूजा और कौन सा मुहूर्त है सबसे शुभ जानने के लिए आगे पढ़ें..

RAW
RAW
author img

By

Published : Sep 9, 2021, 12:41 PM IST

Updated : Sep 9, 2021, 1:30 PM IST

सीतामढ़ी: आज हर सुहागिन अपने पति की लंबी आयु के लिए हरतालिका तीज (Hartalika Teej) कर रही हैं. इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है. हरतालिका तीज सुहागिनों का सबसे बड़ा त्योहार है. इस त्योहार को प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. सीतामढ़ी में भी महिलाएं पूरे नियम धरम से व्रत कर अपने सुहाग की सलामती की दुआ कर रही हैं.

यह भी पढ़ें- हरतालिका तीज पर पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं रखती हैं निर्जला व्रत, जानें कब तक है शुभ मुहूर्त

आज हरितालिका तीज व्रत मनाया जा रहा है. महिलाएं शिव, पार्वती के साथ गणेश जी की पूजा कर रही हैं. आज के दिन माता पार्वती और शिवजी का भजन भी किया जा रहा है. भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व होता है.

तृतीया तिथि बुधवार 8 सितम्बर को रात्रि 03: 51 बजे से लग गई है जो गुरुवार 9 सितम्बर को रात्रि में 02:14 बजकर मिनट तक रहेगी. इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी. चतुर्थी से युक्त तृतीया (हरितालिका) वैधव्यदोष नाशक तथा पुत्र-पौत्रादि को बढ़ाने वाली होती है. हरितालिका तीज व्रत का मुहूर्त शाम, प्रदोष काल 05:03 बजे से रात 07:42 बजे तक है.

हरितालिका तीज के दिन विधि विधान से भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है. इस व्रत की पूजा प्रदोषकाल में किया जाता है. अपने पूजा स्थान पर चौकी रखें, उस पर माता पार्वती, शिव जी और गणेश जी को स्थापित करें. फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाकर पार्वती जी को वस्त्र भी दान करें. इस दिन कथा सुनने का बहुत महत्व होता है. पूजा करने के बाद महिलाओं के साथ बैठकर कथा सुनें.

हरितालिका तीज में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. पूरे दिन निर्जला रहने के बाद अगले दिन व्रतधारी जल ग्रहण करती हैं. अगर एक बार आप इस व्रत को करना शुरू कर देते हैं तो इसे छोड़ा नहीं जाता है. इस व्रत को सुहागिन महिलाएं तथा कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं. पूजा के दौरान मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर इसके अलावा श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम चावल का सतू और दीपक आदि का प्रयोग किया जाता है.

यह भी पढ़ें- हरतालिका तीज स्पेशल: 'हाय रे सजनवा मिलनवा के आस बा.., ले ले अइह बालम बजरिया से चुनरी..'

यह भी पढ़ें- मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है हरतालिका तीज, जानें पूजा की विधि

सीतामढ़ी: आज हर सुहागिन अपने पति की लंबी आयु के लिए हरतालिका तीज (Hartalika Teej) कर रही हैं. इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है. हरतालिका तीज सुहागिनों का सबसे बड़ा त्योहार है. इस त्योहार को प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. सीतामढ़ी में भी महिलाएं पूरे नियम धरम से व्रत कर अपने सुहाग की सलामती की दुआ कर रही हैं.

यह भी पढ़ें- हरतालिका तीज पर पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं रखती हैं निर्जला व्रत, जानें कब तक है शुभ मुहूर्त

आज हरितालिका तीज व्रत मनाया जा रहा है. महिलाएं शिव, पार्वती के साथ गणेश जी की पूजा कर रही हैं. आज के दिन माता पार्वती और शिवजी का भजन भी किया जा रहा है. भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व होता है.

तृतीया तिथि बुधवार 8 सितम्बर को रात्रि 03: 51 बजे से लग गई है जो गुरुवार 9 सितम्बर को रात्रि में 02:14 बजकर मिनट तक रहेगी. इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी. चतुर्थी से युक्त तृतीया (हरितालिका) वैधव्यदोष नाशक तथा पुत्र-पौत्रादि को बढ़ाने वाली होती है. हरितालिका तीज व्रत का मुहूर्त शाम, प्रदोष काल 05:03 बजे से रात 07:42 बजे तक है.

हरितालिका तीज के दिन विधि विधान से भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है. इस व्रत की पूजा प्रदोषकाल में किया जाता है. अपने पूजा स्थान पर चौकी रखें, उस पर माता पार्वती, शिव जी और गणेश जी को स्थापित करें. फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाकर पार्वती जी को वस्त्र भी दान करें. इस दिन कथा सुनने का बहुत महत्व होता है. पूजा करने के बाद महिलाओं के साथ बैठकर कथा सुनें.

हरितालिका तीज में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. पूरे दिन निर्जला रहने के बाद अगले दिन व्रतधारी जल ग्रहण करती हैं. अगर एक बार आप इस व्रत को करना शुरू कर देते हैं तो इसे छोड़ा नहीं जाता है. इस व्रत को सुहागिन महिलाएं तथा कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं. पूजा के दौरान मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर इसके अलावा श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम चावल का सतू और दीपक आदि का प्रयोग किया जाता है.

यह भी पढ़ें- हरतालिका तीज स्पेशल: 'हाय रे सजनवा मिलनवा के आस बा.., ले ले अइह बालम बजरिया से चुनरी..'

यह भी पढ़ें- मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है हरतालिका तीज, जानें पूजा की विधि

Last Updated : Sep 9, 2021, 1:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.