सीतामढ़ी: जिले में आई भीषण बाढ़ के कारण 16 प्रखंडों के करीब 18 लाख आबादी पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है. जिसकी वजह से किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उनके खेतों की फसल बर्बाद होने से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
किसानों के सामने भुखमरी के हालात
खेतों में लगाए गए धान, सब्जी, केले और गन्ने की फसल बाढ़ के कारण बर्बाद हो चुकी है. कृषि विभाग के अनुसार करीब 93,000 हेक्टेयर में धान, 1000 हेक्टेयर में मक्का, 9000 हेक्टेयर में गन्ना के अलावा हजारों हेक्टेयर में केले और सब्जी की फसल लगी हुई थी. जो पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. बाढ़ का पानी अब तक खेतों में जमा होने के कारण किसानों के सामने भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अगर बाढ़ का पानी खेतों से निकल जाए तो सितंबर महीने में किसान अरहर, उड़द, सब्जी और तिलहन की खेती कर अपनी क्षति की भरपाई कर सकते हैं.
'एकमात्र गेहूं की फसल से करना पड़ता है संतोष'
स्थानीय किसान ने बताया कि जिन लोगों के अधिकांश खेत दियारा और तराई एरिया में है. वहां के खेतों में जलजमाव के कारण दलहन और सब्जी की खेती नहीं की जा सकती है. ऐसी जगहों पर केवल एकमात्र गेहूं की फसल लगाकर संतोष करना पड़ता है.