सीतामढ़ी: जिले में कोरोना के बीच बाढ़ के कारण लोगों की मुसीबत दोगुनी हो गई है. महीनों बाद भी उन्हें अब तक मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है. वे किसी तरह जिंदा रहने को मजबूर हैं. उनके सामने खाने-पीने का संकट आन पड़ा है.
पीड़ितों की मानें तो बीते 10 जुलाई को जिले में भीषण बाढ़ आई थी. इस बाढ़ के कारण अधिकांश प्रखंडों की आबादी पूरी तरह से प्रभावित हो गई थी. हजारों हेक्टेयर में लगी किसानों की फसल बाढ़ के पानी में डूब कर बर्बाद हो गई. जिसे देखते हुए जिला अधिकारी के आदेश पर बाढ़ पीड़ितों को बाढ़ राहत राशि देने के लिए वार्ड स्तर पर सूची बनाने का निर्देश दिया गया था. जिसके बाद वार्ड सदस्यों ने अपने-अपने वार्ड से बाढ़ पीड़ितों की सूची तैयार कर अंचल कार्यालय को भेज दिया. लेकिन 2 महीने बाद भी अब तक इन्हें राहत राशि नहीं मिली है.
लोगों में सरकार के खिलाफ नाराजगी
अब तक बाढ़ पीड़ितों को बाढ़ राहत राशि नहीं दिए जाने के संबंध में पूछे जाने पर बेलसंड प्रखंड के अंचला अधिकारी ने बताया कि अंचल कार्यालय स्तर से बाढ़ पीड़ितों की सूची अपलोड कर जिला मुख्यालय को भेज दी गई है. इसके बावजूद अब तक प्रखंड के किसी भी पंचायत के बाढ़ पीड़ितों को बाढ़ राहत राशि नहीं मिली है.
क्या कहते हैं परसौनी प्रखंड के अंचलाधिकारी
इस संबंध में पूछे जाने पर परसौनी प्रखंड के अंचलाधिकारी ने बताया कि मेरे प्रखंड में 7 पंचायत है. सभी पंचायतों से बाढ़ पीड़ितों की सूची अपलोड कर जिला मुख्यालय को भेज दी गई है. कुछ पंचायत के बाढ़ पीड़ितों ने अपने खाते में 6000 रुपये भेजे जाने की जानकारी दी है. लेकिन अधिकांश बाढ़ पीड़ितों को अब तक बाढ़ राहत राशि नहीं मिली है.
जल्द मदद का आश्वासन
अधिकारियों की मानें तो बाढ़ पीड़ितों को निराश होने की जरूरत नहीं है. सरकार के स्तर पर सभी बाढ़ पीड़ितों को बाढ़ राहत राशि उनके खाते में जरूर भेजी जाएगी. बता दें कि जिले का 16 प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं. पिछले वर्ष 2019 में 13 जुलाई को आई भीषण बाढ़ के बाद जिला प्रशासन के आदेश पर बाढ़ पीड़ितों की सूची तैयार की गई थी. लेकिन विगत वर्ष भी अधिकांश बाढ़ पीड़ित बाढ़ राहत राशि लेने से वंचित हो गए थे.