सीतामढ़ी: जिला में कोरोना के केस धीरे-धीरे कम होने से प्रशासन व आमलोग थोड़ी राहत की सांस लेना शुरू किए थे. लोगों को लगने लगा था कि अब वह दिन दूर नहीं जब कोरोना के संक्रमण से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जायेगी और कारोबार के साथ जीवन की नैया पटरी पर लौट आएगी. लेकिन इसी बीच, जिला में ब्लैक फंगस का एक मरीज मिलने से सभी की चिंताएं बढ़ गई हैं. चिकित्सक भी हैरान हैं.
ब्लैक फंगस का पहला केस सामने आने से एक फिर लोगों की चिंताएं बढ़ना लाजिमी है. जांच के बाद चिकित्सक ने मरीज को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया है. यह मामला बुधवार का है. इंडोस्कोपी से जांच में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले.
ये भी पढ़ें- पटना के IGIMS में ब्लैक फंगस के मरीजों का किया जाएगा 'विशेष' इलाज
जांच में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले
बताया गया है कि शहर स्थित बिंदेशवरी प्रसाद सिंह हेल्थकेयर फाउंडेशन नामक निजी नर्सिंग होम में 52 वर्षीय महिला मरीज इलाज कराने पहुंची. उसने ईएनटी सर्जन डॉ प्रवीण कुमार सिंह को पहले बताता कि मुंह पूरी तरह नहीं खुल रहा है. फिर उसने चेहरे के दाहिने में सुन्न होने की जानकारी दी. डॉ सिंह जब तक उक्त दोनों लक्षणों पर कुछ मंथन करते हुए कहा कि महिला मरीज ने दाहिनी आंख से कम दिख रहा है ये भी बताया.
ये भी पढ़ें- ब्लैक फंगस से निपटने के लिए बिहार में चिकित्सकों की टीम गठित
ब्लैक फंगस खतरनाक बीमारी
फिर उसने यह भी बताया कि स्किन पर पसीना आता है, जो ठंडा लगता है. डॉ सिंह ने बारीकी से लक्षणों की जांच की. इसके लिए महिला का इंडोस्कोपी भी किया. उन्होंने पाया कि ब्लैक फंगस के कई लक्षण महिला मरीज में है. लक्षणों के आधार पर चिकित्सक ने उक्त मरीज को पटना रेफर कर दिया है. एनटी सर्जन डॉ सिंह ने बताया कि महिला मरीज में ब्लैक फंगस के सारे लक्षण मिले हैं. यह भी बताया कि ब्लैक फंगस के जांच के लिये कोई तकनीक अभी नहीं है. लेकिन लक्षण से बड़ी आसानी से ब्लैक फंगस के मरीजों की पहचान हो जाती है.