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कृषि विभाग का सर्वर फेल, किसान हो रहे हैं कृषि इनपुट अनुदान योजना से वंचित

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Published : Nov 18, 2019, 12:54 PM IST

कृषि इनपुट अनुदान योजना का आवेदन के लिए किसान लगातार साइबर कैफे पर जा रहे हैं. लेकिन सर्वर फेल रहने के कारण किसानों को कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ रहा है. इस कारण किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है.

agricultural input grant scheme

सीतामढ़ी: जिले में कृषि इनपुट अनुदान योजना की शुरुआत हो गई. इसकी अंतिम तारीख 20 नंवबर है. लेकिन अभी तक 10 प्रतिशत लोगों का भी आवेदन पत्र नहीं भर पाया है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कृषि विभाग का सर्वर ज्यादा बार फेल हो जाता है. जिससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है.

कृषि विभाग का सर्वर फेल
जिले के सभी प्रखंडों के अधिकांश किसान इस बार कृषि विभाग का सर्वर फेल रहने का खामियाजा भुगतने को विवश हैं. कृषि इनपुट अनुदान योजना का आवेदन भरा जा रहा है. इस योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 नवंबर तक निर्धारित की गई है. इसके लिए किसान लगातार ऑनलाइन आवेदन करने के लिए साइबर कैफे पर जा रहे हैं. लेकिन सर्वर फेल रहने के कारण किसानों को कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ रहा है. इस कारण किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है.

किसान हो रहे हैं कृषि इनपुट अनुदान योजना से वंचित

किसान हैं प्रशासन से नाराज
किसानों की शिकायत है कि सरकार और विभाग साजिश के तहत ऐसा कर रही है ताकि अधिकांश किसानों को इस योजना का लाभ ना मिल सके. रुन्नीसैदपुर प्रखंड के किसान प्रेम शंकर सिंह और बेलसंड प्रखंड के किसान शंभू सिंह का बताना है कि सरकार और विभाग साजिश के तहत ऐसा कर रही है. ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सके.

agricultural input grant scheme
नाराज होते किसान लोग

शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
विभागीय कृषि समन्वयक समीर कुमार ने बताया कि किसानों की शिकायत जायज है. ऐसी खामियां लगातार देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि जिसकी शिकायत विभाग के वरीय अधिकारियों से लिखित रूप से की गई है. लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हो पाया है.

agricultural input grant scheme
कृषि विभाग का सर्वर फेल

आपके लिए रोचक- बेगूसराय: तार के पेड़ पर मिला दुर्लभ पक्षी, लोग बोले- ये तो गरुर है

किसान हैं प्रशासन से नाराज
साइबर कैफे संचालक ज्ञानू मिश्रा ने बताया कि सर्वर फेल रहने के कारण एक दिन में केवल 8 से 10 किसानों का ही आवेदन हो पा रहा है. अगर सर्वर में गड़बड़ी नहीं रहती तो प्रतिदिन 50 से 60 किसानों का आवेदन आसानी से किया जा सकता है. बता दें कि कृषि विभाग की ओर से दी जाने वाली कृषि इनपुट अनुदान योजना उन किसानों के लिए है जो बाढ़ और सुखाड़ के पीड़ित हैं.

सीतामढ़ी: जिले में कृषि इनपुट अनुदान योजना की शुरुआत हो गई. इसकी अंतिम तारीख 20 नंवबर है. लेकिन अभी तक 10 प्रतिशत लोगों का भी आवेदन पत्र नहीं भर पाया है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कृषि विभाग का सर्वर ज्यादा बार फेल हो जाता है. जिससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है.

कृषि विभाग का सर्वर फेल
जिले के सभी प्रखंडों के अधिकांश किसान इस बार कृषि विभाग का सर्वर फेल रहने का खामियाजा भुगतने को विवश हैं. कृषि इनपुट अनुदान योजना का आवेदन भरा जा रहा है. इस योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 नवंबर तक निर्धारित की गई है. इसके लिए किसान लगातार ऑनलाइन आवेदन करने के लिए साइबर कैफे पर जा रहे हैं. लेकिन सर्वर फेल रहने के कारण किसानों को कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ रहा है. इस कारण किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है.

किसान हो रहे हैं कृषि इनपुट अनुदान योजना से वंचित

किसान हैं प्रशासन से नाराज
किसानों की शिकायत है कि सरकार और विभाग साजिश के तहत ऐसा कर रही है ताकि अधिकांश किसानों को इस योजना का लाभ ना मिल सके. रुन्नीसैदपुर प्रखंड के किसान प्रेम शंकर सिंह और बेलसंड प्रखंड के किसान शंभू सिंह का बताना है कि सरकार और विभाग साजिश के तहत ऐसा कर रही है. ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सके.

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नाराज होते किसान लोग

शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
विभागीय कृषि समन्वयक समीर कुमार ने बताया कि किसानों की शिकायत जायज है. ऐसी खामियां लगातार देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि जिसकी शिकायत विभाग के वरीय अधिकारियों से लिखित रूप से की गई है. लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हो पाया है.

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कृषि विभाग का सर्वर फेल

आपके लिए रोचक- बेगूसराय: तार के पेड़ पर मिला दुर्लभ पक्षी, लोग बोले- ये तो गरुर है

किसान हैं प्रशासन से नाराज
साइबर कैफे संचालक ज्ञानू मिश्रा ने बताया कि सर्वर फेल रहने के कारण एक दिन में केवल 8 से 10 किसानों का ही आवेदन हो पा रहा है. अगर सर्वर में गड़बड़ी नहीं रहती तो प्रतिदिन 50 से 60 किसानों का आवेदन आसानी से किया जा सकता है. बता दें कि कृषि विभाग की ओर से दी जाने वाली कृषि इनपुट अनुदान योजना उन किसानों के लिए है जो बाढ़ और सुखाड़ के पीड़ित हैं.

Intro:कृषि विभाग का सर्वर फेल होने के कारण जिले के अधिकांश किसान कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ लेने से होंगे वंचित।Body: जिले के सभी प्रखंडों के अधिकांश किसान इस बार सर्वर फेल रहने का खामियाजा भुगतने को विवश
है। लगातार कई दिनों से सर्वर फेल रहने के कारण किसान कृषि इनपुट अनुदान योजना का आवेदन करने से वंचित हो रहे हैं। जबकि इस योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 नवंबर तक निर्धारित की गई है। और इसके लिए किसान लगातार ऑनलाइन आवेदन करने के लिए साइबर कैफे पर जा रहे हैं। लेकिन सर्वर फेल रहने के कारण कई कई दिनों तक चक्कर लगाने के बावजूद आवेदन कर पाने में असफल हो रहे हैं। इस कारण किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है। किसानों की शिकायत है कि सरकार और विभाग साजिश के तहत ऐसा कर रही है ताकि अधिकांश किसानों को इस योजना का लाभ ना मिल सके। और ऐसा अक्सर देखा जाता है कि जब विभाग की कोई योजना प्रारंभ होती है तो उस दौरान सरवर में खामियां उत्पन्न हो जाती है। इसलिए अधिकतर किसान सरकारी योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं।
कृषि विभाग की इस योजना के तहत सुखार और बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसल होने के कारण किसानों को अनुदान दिया जाना है। और इस योजना के तहत धान, गेहूं, मक्का असिंचित भूमि के लिए 6500 प्रति हेक्टेयर सिंचित भूमि के लिए ₹13000 प्रति हेक्टेयर और बहू वर्षीय फसल जैसे गन्ना के लिए ₹18000 प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को अनुदान दिया जाना है। और इसके लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत आवेदन करना है। लेकिन तकनीकी खामी के कारण अधिकांश किसान इसका लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

रुन्नीसैदपुर प्रखंड के किसान प्रेम शंकर सिंह और बेलसंड प्रखंड के किसान शंभू सिंह का बताना है कि सरकार और विभाग साजिश के तहत ऐसा कर रही है। ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सके। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर विभागीय कृषि समन्वयक समीर कुमार ने बताया कि किसानों की शिकायत जायज है। और ऐसी खामियां लगातार देखने को मिल रही है जिसकी शिकायत विभाग के वरीय अधिकारियों से लिखित रूप से की गई है। लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हो पाया है और इसका नतीजा है कि अंतिम तिथि निर्धारित होने के कारण अधिकांश किसान अब इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे। वही साइबर कैफे संचालक ज्ञानू मिश्रा ने बताया कि सर्वर फेल रहने के कारण एक दिन में केवल 8 से 10 किसानों का ही आवेदन हो पा रहा है। अगर सरवर में गड़बड़ी नहीं रहता तो प्रतिदिन 80 से 100 किसानों का आवेदन आसानी से किया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और यह परिस्थिति कई रोजों से बनी हुई है। जिसका समाधान अब तक नहीं किया जा रहा है।
बाइट 1. प्रेम शंकर सिंह। रुन्नीसैदपुर प्रखंड के किसान काला कुर्ता और गमछा में।
बाइट 2. शंभू सिंह। किसान बेलसंड प्रखंड उजला शर्ट में।
बाइट 3. ज्ञानु मिश्रा। साइबर कैफे संचालक चेक शर्ट में।
बाइट 4. समीर कुमार। कृषि समन्वयक। कृषि विभाग पिंक शर्ट में।Conclusion: जिले के किसान पहले तो बाढ़ की विभीषिका झेलने को विवश हुई थी। इसके बाद सुखाड़ की स्थिति पूरे जिले में बनी और इस दोनों आपदा के कारण किसानों की फसलें समाप्त हो गई। अब किसान जब सरकारी योजना का लाभ लेना चाह रहे हैं तो तकनीकी खामियों के कारण वह योजना का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। जरूरत है इन खामियों को दूर करने की ताकि किसानों को आर्थिक रूप से मदद मिल पाए।
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