सीतामढ़ी : जिले में खाद बीज विक्रेताओं द्वारा धड़ल्ले से यूरिया की कालाबाजारी की बात सामने आ रही है. जिस कारण जिले के किसानों को निर्धारित दर पर यूरिया नहीं मिलने से धान की फसल खराब हो रही है. इसको लेकर किसानों में खासी नाराजगी व्याप्त है. किसानों का आरोप है कि जिले के अधिकांश खाद बीज दुकानों पर यूरिया उपलब्ध नहीं है. जिन दुकानों पर यूरिया की बिक्री की जा रही है. वहां दुकानदारों द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं. इसलिए महंगी खाद खरीद कर खेतों में डाल पाना काफी मुश्किल हो रहा है.
वहीं इस संबंध में खाद बीज के खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि जिले के थोक विक्रेता द्वारा यूरिया उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ दुकानों पर यूरिया उपलब्ध है. जहां 100 से 150 रुपये प्रति बैग महंगा बेचा जा रहा है. थोक विक्रेता की मनमानी और जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण यूरिया खाद किसानों को सहजता पूर्वक नहीं मिल पा रहा है. जिस कारण धान की फसल खराब होने के कगार पर है.
दुकानदारों पर अंकुश लगाने में नाकाम प्रशासन
बता दें कि सरकार द्वारा यूरिया का बिक्री दर 265 रुपये निर्धारित की गई है. वहीं किसानों को कालाबाजारी के माध्यम से 350 से लेकर 380 रुपये प्रति बैग की दर से बेचा जा रहा है. इस पर जिला प्रशासन द्वारा अंकुश नहीं लगाया जा रहा है. वहीं सरकार ने यूरिया का थोक बिक्री दर प्रति बैग 245 रुपये निर्धारित किया है. जिस पर खुदरा विक्रेताओं को यूरिया उपलब्ध कराया जाता है. वहीं खुदरा विक्रेताओं को इसे 265 प्रति बैग की दर से विक्रय की अनुमति दी गई है.
'सरकारी गोदाम कई दिनों से खाली'
खुदरा खाद बीज दुकानों के अलावा सरकार द्वारा प्रखंड मुख्यालय में बनाए गए खाद बिक्री केंद्र पर भी कई दिनों से यूरिया उपलब्ध नहीं है. लिहाजा किसान प्रतिदिन अपना आधार कार्ड लेकर प्रखंड कार्यालय में बनाए गए गोदाम का चक्कर काट रहे हैं. किसानों ने बताया कि प्रखंड कार्यालय में सरकारी गोदाम से 265 रुपये प्रति बैग की दर से यूरिया किसानों को दिया जाता है. वहीं सरकारी गोदाम भी कई दिनों से खाली पड़ा हुआ है. इसका नतीजा है कि ग्रामीण क्षेत्र के खुदरा दुकानदार इसका फायदा उठाते हुए यूरिया की कालाबाजारी करने में जुटे हुए हैं.
'कालाबाजारी कर रहे दुकानदारों पर होगी कार्रवाई'
प्रखंड कृषि पदाधिकारी रत्नेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले में यूरिया की उपलब्धता नहीं हो पा रही है. जिस कारण किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जिन दुकानदारों द्वारा यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है. उनके संबंध में सूचना प्राप्त होने पर छापेमारी कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि बहुत जल्द ही सरकारी गोदामों और दुकानों पर यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी.
'यूरिया उपलब्ध कराने के प्रयास में विभाग'
प्रखंड कृषि पदाधिकारी रत्नेश कुमार सिंह ने बताया कि समय पर यूरिया नहीं मिल पाने के कारण किसानों के खेत में लगी धान की फसल खराब हो जाएगी. साथ ही इससे बेहतर पैदावार भी नहीं हो पाएगी. इसलिए जल्द से जल्द यूरिया उपलब्ध हो इसके लिए प्रयास किया जा रहा है.