सीतामढ़ीः बेमौसम बारिश और कीट के प्रकोप के कारण अधिकांश किसानों के खेत में लगी धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. जिस कारण किसान निराश हैं और उनके सामने अन्न के लाले पड़ गए हैं.
पीड़ित किसानों का कहना है कि दो बार खेतों में बाली लगाई गई लेकिन बाढ़ के कारण फसल बर्बाद हो गई. इसके बाद बाढ़ का पानी उतरने पर फिर कर्ज लेकर तीसरी बार धान की फसल लगाई गई. लेकिन बेमौसम हुई अत्यधिक बारिश और कीट के प्रकोप के कारण धान की फसल में दाने नहीं लग पाए.
'परिवार के भरण-पोषण की समस्या'
परेशान किसान अब बाली लगे हुए खेतों की जुताई करा रहे हैं. ताकि गेहूं, दलहन और रवि की फसल लगाई जा सके. बाली में दाना नहीं लग पाने के कारण अब किसान बेहद निराश हैं और उनके सामने परिवार के भरण-पोषण की समस्या बनी हुई है.
'कीट का प्रकोप से बर्बाद हुई फसल'
इस संबंध में पूछे जाने पर कृषि विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि जिले के किसानों ने कड़ी मेहनत कर धान की फसल लगाई. लेकिन अत्यधिक बारिश हो जाने के कारण बाली में लगी फूल को क्षति पहुंची. उसके बाद कीट का प्रकोप हो जाने के कारण धान की फसल तबाह हो गई.
'तबाही से निपटने का कोई विकल्प नहीं'
खेतों में बाली लगी हुई है लेकिन उसमें दाने नहीं लग पाए. इसलिए किसान अब खेतों में लगी बाली को काटने के बाजाए फसल लगी हुई खेतों की जुताई करवा रहे हैं. ताकि खेत खाली हो जाने पर गेहूं, तिलहन और दलहन की फसल लगाई जा सके. विभाग के अधिकारी ने कहा कि इस तबाही का विकल्प न तो किसान के पास है और ना ही कृषि विभाग के पास.