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सीतामढ़ी: श्रमिकों की समस्या के समाधान के लिए चीनी मिल पहुंचे उप श्रमायुक्त - चीनी मिल के संचालक ओम प्रकाश धानका

चीनी मिल बंद करने की लिखित सूचना पर उप श्रमआयुक्त जांच के लिए रीगा चीनी मिल पहुंचे. वे मामले की जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे.

उप श्रमायुक्त पहुंचे चीनी मिल
उप श्रमायुक्त पहुंचे चीनी मिल
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Published : Aug 21, 2020, 1:44 PM IST

सीतामढ़ी: जिले के एकमात्र उद्योग रीगा चीनी मिल को हमेशा के लिए बंद करने की बात चल रही है. प्रबंधन की ओर से पिछले महीने आर्थिक विसंगतियों का हवाला देकर मिल को हमेशा के लिए बंद करने की घोषणा की गई थी. उस घोषणा के बाद चीनी मिल प्रबंधन ने राज्य सरकार और श्रम आयुक्त को मिल बंद करने के संबंध में लिखित सूचना दी. इस लिखित सूचना पर गुरुवार को तिरहुत प्रमंडल के सहायक श्रमआयुक्त अरुण कुमार श्रीवास्तव अपने विभागीय पदाधिकारियों के साथ रीगा चीनी मिल परिसर पहुंचे.

इस दौरान सहायक श्रमआयुक्त अरुण कुमार श्रीवास्तव ने चीनी मिल प्रबंधन और श्रमिक यूनियन के सदस्यों से पूछताछ कर उनकी समस्या और चीनी मिल के हालात के संबंध में लिखित जानकारी दर्ज ली. वहीं, सहायक श्रम आयुक्त ने बताया कि श्रमिकों की ओर से भी बकाया पैसे के भुगतान नहीं करने और चीनी मिल को बंद कर देने के संबंध में प्रबंधन के विरुद्ध लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन्होंने कहा कि इसलिए जांच टीम चीनी मिल की जांच में जुटी हुई है. जांच पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी.

sitamarhi
रीगा चीनी मिल

जुलाई महीने में हुई थी बंद की घोषणा
बता दें कि चीनी मिल के संचालक ओम प्रकाश धानका ने जुलाई महीने में यह घोषणा किया था कि आर्थिक विसंगतियों के कारण अब चीनी मिल का संचालन करना मुश्किल है. क्योंकि राज्य सरकार आर्थिक रूप से बीमार हो चुकी रीगा चीनी मिल को कोई आर्थिक मदद नहीं दे रही है. इसलिए कर्मचारियों के बकाए वेतन और किसानों के बकाए पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा. जिस कारण सरकार की उदासीनता के कारण 1950 से संचालित इस उद्योग को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा.

sitamarhi
श्रमिकों की समस्या सुनते उप श्रमायुक्त

बढ़ी मजदूरों की परेशानी
वहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर रीगा विधानसभा क्षेत्र के विधायक अमित कुमार टुन्ना, श्रमिक यूनियन नेता मनोज कुमार सिंह और किसान विशंभर झा ने बताया कि चीनी मिल प्रबंधन के ऊपर कर्मियों का करीब ढाई करोड़ और किसानों का 50 करोड़ रुपया बकाया है. उन्होंने कहा कि जिसका भुगतान किए बगैर मिल प्रबंधन ने चीनी मिल को बंद करने की घोषणा कर दिया है. इस चीनी मिल के बंद हो जाने के बाद जहां चार जिलों के करीब 45000 गन्ना किसान और 15 सौ से अधिक स्थाई और अस्थाई श्रमिक भुखमरी के शिकार हो जाएंगे. इसलिए राज्य सरकार को इसमें हस्तक्षेप कर चीनी मिल को बंद होने से बचाना चाहिए.

महाप्रबंधक ने दी जानकारी
इस संबंध में पूछे जाने पर रीगा चीनी मिल के महाप्रबंधक शशि गुप्ता ने बताया कि आर्थिक विसंगतियों के कारण चीनी मिल का संचालन करना मिल प्रबंधन के लिए मुश्किल हो चुका है. राज्य सरकार के ऊपर चीनी मिल का करीब 18 करोड़ का बकाया है. जिसका भुगतान वर्षों से नहीं किया जा रहा है ना ही राज्य सरकार द्वारा मिल संचालन के लिए किसी प्रकार की आर्थिक मदद दी जा रही है. इसलिए अब चीनी मिल का संचालन कर पाना मुश्किल है. सरकार की उदासीनता और गलत नीति के कारण किसान और कर्मियों के बकाए पैसे का भुगतान नहीं हो पा रहा. ऐसे हालात में अब चीनी मिल का संचालन करना संभव नहीं है.

सीतामढ़ी: जिले के एकमात्र उद्योग रीगा चीनी मिल को हमेशा के लिए बंद करने की बात चल रही है. प्रबंधन की ओर से पिछले महीने आर्थिक विसंगतियों का हवाला देकर मिल को हमेशा के लिए बंद करने की घोषणा की गई थी. उस घोषणा के बाद चीनी मिल प्रबंधन ने राज्य सरकार और श्रम आयुक्त को मिल बंद करने के संबंध में लिखित सूचना दी. इस लिखित सूचना पर गुरुवार को तिरहुत प्रमंडल के सहायक श्रमआयुक्त अरुण कुमार श्रीवास्तव अपने विभागीय पदाधिकारियों के साथ रीगा चीनी मिल परिसर पहुंचे.

इस दौरान सहायक श्रमआयुक्त अरुण कुमार श्रीवास्तव ने चीनी मिल प्रबंधन और श्रमिक यूनियन के सदस्यों से पूछताछ कर उनकी समस्या और चीनी मिल के हालात के संबंध में लिखित जानकारी दर्ज ली. वहीं, सहायक श्रम आयुक्त ने बताया कि श्रमिकों की ओर से भी बकाया पैसे के भुगतान नहीं करने और चीनी मिल को बंद कर देने के संबंध में प्रबंधन के विरुद्ध लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन्होंने कहा कि इसलिए जांच टीम चीनी मिल की जांच में जुटी हुई है. जांच पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी.

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रीगा चीनी मिल

जुलाई महीने में हुई थी बंद की घोषणा
बता दें कि चीनी मिल के संचालक ओम प्रकाश धानका ने जुलाई महीने में यह घोषणा किया था कि आर्थिक विसंगतियों के कारण अब चीनी मिल का संचालन करना मुश्किल है. क्योंकि राज्य सरकार आर्थिक रूप से बीमार हो चुकी रीगा चीनी मिल को कोई आर्थिक मदद नहीं दे रही है. इसलिए कर्मचारियों के बकाए वेतन और किसानों के बकाए पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा. जिस कारण सरकार की उदासीनता के कारण 1950 से संचालित इस उद्योग को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा.

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श्रमिकों की समस्या सुनते उप श्रमायुक्त

बढ़ी मजदूरों की परेशानी
वहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर रीगा विधानसभा क्षेत्र के विधायक अमित कुमार टुन्ना, श्रमिक यूनियन नेता मनोज कुमार सिंह और किसान विशंभर झा ने बताया कि चीनी मिल प्रबंधन के ऊपर कर्मियों का करीब ढाई करोड़ और किसानों का 50 करोड़ रुपया बकाया है. उन्होंने कहा कि जिसका भुगतान किए बगैर मिल प्रबंधन ने चीनी मिल को बंद करने की घोषणा कर दिया है. इस चीनी मिल के बंद हो जाने के बाद जहां चार जिलों के करीब 45000 गन्ना किसान और 15 सौ से अधिक स्थाई और अस्थाई श्रमिक भुखमरी के शिकार हो जाएंगे. इसलिए राज्य सरकार को इसमें हस्तक्षेप कर चीनी मिल को बंद होने से बचाना चाहिए.

महाप्रबंधक ने दी जानकारी
इस संबंध में पूछे जाने पर रीगा चीनी मिल के महाप्रबंधक शशि गुप्ता ने बताया कि आर्थिक विसंगतियों के कारण चीनी मिल का संचालन करना मिल प्रबंधन के लिए मुश्किल हो चुका है. राज्य सरकार के ऊपर चीनी मिल का करीब 18 करोड़ का बकाया है. जिसका भुगतान वर्षों से नहीं किया जा रहा है ना ही राज्य सरकार द्वारा मिल संचालन के लिए किसी प्रकार की आर्थिक मदद दी जा रही है. इसलिए अब चीनी मिल का संचालन कर पाना मुश्किल है. सरकार की उदासीनता और गलत नीति के कारण किसान और कर्मियों के बकाए पैसे का भुगतान नहीं हो पा रहा. ऐसे हालात में अब चीनी मिल का संचालन करना संभव नहीं है.

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