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सीतामढ़ी: बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए तटबंध की सुरक्षा में पुलिस बल की तैनाती

गृह रक्षा वाहिनी के जवान भारत-नेपाल सीमा से जिले के कटौझा तक बने तटबंध की निगरानी कर रहे हैं. प्रत्येक किलोमीटर पर गृह रक्षा वाहिनी के जवान तैनात किए गए हैं.

सीतामढ़ी
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Published : Jun 27, 2020, 5:31 PM IST

सीतामढ़ी: जिले में बाढ़ के मद्देनजर सभी तरह की तैयारियां युद्ध स्तर पर जारी हैं. तटबंध की सुरक्षा के लिए गृह रक्षा वाहिनी के जवानों की तैनाती की गई है. साथ ही स्थानीय बिहार पुलिस के पदाधिकारी और जवान भी समय-समय पर तटबंधों लगातार का जायजा ले रहे हैं. बता दें कि असामाजिक तत्वों द्वारा तटबंध को क्षति पहुंचाने और पानी का दबाव बनने और कटाव शुरू होने पर तत्काल सूचना देने के लिए तटबंधों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है.

सीतामढ़ी
तटबंध पर सफाई करती स्थानीय महिलाएं

गृह रक्षा वाहिनी के जवान भारत-नेपाल सीमा से जिले के कटौझा तक बने तटबंध की निगरानी कर रहे हैं. प्रत्येक किलोमीटर पर गृह रक्षा वाहिनी के जवान तैनात किए गए हैं. बता दें कि 24 घंटे तटबंध की निगरानी में लगे जवानों की तैनाती किसी प्रकार की समस्या की जल्द से जल्द सूचना देने की दृष्टि से की गई है. जिससे समय रहते समस्या का समाधान किया जा सके.

सीतामढ़ी
तटबंध पर निगरानी करते सुरक्षाकर्मी

जोरों पर तटबंध की सफाई
गौरतलब है कि बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए तटबंध की सुरक्षा के अलावा तटबंध की मरम्मतr और उसकी साफ-सफाई का काम भी चल रहा है. तटबंध में बने सभी रेन कट और सुरंगों को दुरुस्त किया जा रहा है. वहीं, जंगली जानवरों और चूहों द्वारा किसी तरह का सुरंग बना देने की आशंका से उसके दोनों तरफ उग आए जंगल और घास की कटाई का काम भी तेज गति से किया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'कटौझा तक फैला हुआ है तटबंध'
अंचलाधिकारी अरविंद प्रताप शाही ने बताया कि नेपाल की तराई से निकलने वाले बागमती नदी के पानी से बचाव के लिए सीतामढ़ी जिले में करीब 50 किलोमीटर लंबी तटबंध बना हुआ है. भारत-नेपाल सीमा से जिले की अंतिम छोर कटौझा तक तटबंध फैला हुआ है. वहीं, पूरब दिशा में तटबंध मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और दरभंगा जिले का हिस्सा है.

सीतामढ़ी: जिले में बाढ़ के मद्देनजर सभी तरह की तैयारियां युद्ध स्तर पर जारी हैं. तटबंध की सुरक्षा के लिए गृह रक्षा वाहिनी के जवानों की तैनाती की गई है. साथ ही स्थानीय बिहार पुलिस के पदाधिकारी और जवान भी समय-समय पर तटबंधों लगातार का जायजा ले रहे हैं. बता दें कि असामाजिक तत्वों द्वारा तटबंध को क्षति पहुंचाने और पानी का दबाव बनने और कटाव शुरू होने पर तत्काल सूचना देने के लिए तटबंधों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है.

सीतामढ़ी
तटबंध पर सफाई करती स्थानीय महिलाएं

गृह रक्षा वाहिनी के जवान भारत-नेपाल सीमा से जिले के कटौझा तक बने तटबंध की निगरानी कर रहे हैं. प्रत्येक किलोमीटर पर गृह रक्षा वाहिनी के जवान तैनात किए गए हैं. बता दें कि 24 घंटे तटबंध की निगरानी में लगे जवानों की तैनाती किसी प्रकार की समस्या की जल्द से जल्द सूचना देने की दृष्टि से की गई है. जिससे समय रहते समस्या का समाधान किया जा सके.

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तटबंध पर निगरानी करते सुरक्षाकर्मी

जोरों पर तटबंध की सफाई
गौरतलब है कि बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए तटबंध की सुरक्षा के अलावा तटबंध की मरम्मतr और उसकी साफ-सफाई का काम भी चल रहा है. तटबंध में बने सभी रेन कट और सुरंगों को दुरुस्त किया जा रहा है. वहीं, जंगली जानवरों और चूहों द्वारा किसी तरह का सुरंग बना देने की आशंका से उसके दोनों तरफ उग आए जंगल और घास की कटाई का काम भी तेज गति से किया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'कटौझा तक फैला हुआ है तटबंध'
अंचलाधिकारी अरविंद प्रताप शाही ने बताया कि नेपाल की तराई से निकलने वाले बागमती नदी के पानी से बचाव के लिए सीतामढ़ी जिले में करीब 50 किलोमीटर लंबी तटबंध बना हुआ है. भारत-नेपाल सीमा से जिले की अंतिम छोर कटौझा तक तटबंध फैला हुआ है. वहीं, पूरब दिशा में तटबंध मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और दरभंगा जिले का हिस्सा है.

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