सीतामढ़ी: सीतामढ़ी में डाटा एंट्री ऑपरेटर के द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में जिला मुख्यालय के अंबेडकर स्थल पर सांकेतिक धरना देकर बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की. इस दौरान जिला मुख्यालय के सभी सरकारी कार्यालय का सारा काम ठप रहा. डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने सरकार से सरकारी समायोजन किए जाने की मांग की.
सरकारी समायोजन करने की मांग: सैकड़ों की संख्या में अंबेडकर स्थल पर मौजूद डाटा एंट्री ऑपरेटर के द्वारा सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. डाटा एंट्री ऑपरेटर की मांग है कि सरकार और उनके बीच जो दलाल के रूप में बेल्ट्रॉन है, उसे हटाकर सीधा उनका समायोजन किया जाए ताकि उन्हें उनका सही हक मिल सके.
"अभी तो संघ के द्वारा दो दिनों का हड़ताल किया जा रहा है, लेकिन अगर राज्य सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो लाखों की संख्या में बिहार से सभी डाटा एंट्री ऑपरेटर पटना विधानसभा पहुंचकर धरना प्रदर्शन करेंगे. चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा."- अभय कुमार, डाटा एंट्री ऑपरेटर
सरकारी कार्यालय में कामकाज ठप: डाटा एंट्री ऑपरेटरों के हड़ताल पर चले जाने से सरकारी कार्यालय का लगभग कामकाज ठप हो गया. जिलाधिकारी के कार्यालय से लेकर जिला निबंधन कार्यालय, परिवहन विभाग, सेल टैक्स ऑफिस सहित सरकार को लाखों की संख्या में रोज राजस्व देने वाले सभी कार्यालय का कामकाज पूरी तरह से ऑनलाइन होने के कारण ठप रहा.
दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल: अपनी मांग को लेकर बिहार राज्य डाटा इंट्री ऑपरेटर संघ हड़ताल पर चले गए है. उनका कहना है कि 25 वर्षों से बेल्ट्रॉन के माध्यम से चयनित डाटा इंट्री ऑपरेटरों और अन्य आईटी कर्मियों से विभिन्न विभागों में सेवा ली जा रही है. लेकिन सरकार उनलोगों का सामायोजन नहीं कर रही है. इसके पहले भी कई बार प्रदर्शन किया जा चुका है, बावजूद सरकार का ध्यान इस ओर नहीं गया, इसलिए डाटा इंट्री ऑपरेटर 28 और 29 नवंबर को दो दिवसीय हड़ताल पर हैं.
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