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सीतामढ़ीः खेतों में घुसा बाढ़ का पानी, सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद

मनुष्यमरा नदी का पानी रीगा, परसौनी, बेलसंड और रुनीसैदपुर इलाके में पहुंच गया है. यहां सैकड़ों हेक्टेयर खेतों में लगे गन्ना, धान, मूंग और सब्जी की फसल खराब हो रही है.

सीतामढ़ी
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Published : Jul 3, 2020, 7:27 PM IST

Updated : Jul 10, 2020, 10:16 PM IST

सीतामढ़ीः जिले से गुजरने वाली मनुष्यमरा नदी के जलस्तर में कुछ दिनों से लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. जिससे नदी के आस-पास के इलाकों तक पानी पहुंच गया है. बाढ़ का पानी रीगा, परसौनी, बेलसंड और रुनीसैदपुर इलाके में लगी फसलों को तबाह कर रहा है. सैकड़ों हेक्टेयर में लगे गन्ना, धान, मूंग और सब्जी की फसल खराब हो रही है.

हर साल आती है बाढ़
स्थानीय लोगों ने कहा कि पानी खेतों के साथ-साथ सड़कों तक आ गई है. सड़क के ऊपर से पानी बह रहा है. जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा का इस इलाके के लोगों को हर साल बाढ़ के विकराल रूप से सामना करना पड़ता है.

सीतामढ़ी
सड़क के ऊपर से बह रहा बाढ़ का पानी

किसान हैं परेशान
वहीं, किसानों ने कहा कि इस साल उनकी मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पहले लॉकडाउन ने जीवन को पटरी से उतारा. अभी सबकुछ फिर से पटरी पर ला ही रहे थे कि बाढ़ ने दस्तक दे दी. खेतों में लगे गन्ना, धान, सब्जी और मूंग की फसल तबाह हो गई.

पेश है रिपोर्ट

बता दें कि पिछली 24 घंटे के दौरान मनुष्यमरा और रातो नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है. वहीं, बागमती नदी का जल स्तर ढेंग, सोनाखान, डूबा घाट, चंदौली घाट और मारर घाट के पास स्थिर बना हुआ है. लेकिन यही नदी कटौझा के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसके अलावा अलावा झीम नदी, अधवारा नदी और लालबेकिया नदी का जल स्तर फिलहाल स्थिर है.

सीतामढ़ीः जिले से गुजरने वाली मनुष्यमरा नदी के जलस्तर में कुछ दिनों से लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. जिससे नदी के आस-पास के इलाकों तक पानी पहुंच गया है. बाढ़ का पानी रीगा, परसौनी, बेलसंड और रुनीसैदपुर इलाके में लगी फसलों को तबाह कर रहा है. सैकड़ों हेक्टेयर में लगे गन्ना, धान, मूंग और सब्जी की फसल खराब हो रही है.

हर साल आती है बाढ़
स्थानीय लोगों ने कहा कि पानी खेतों के साथ-साथ सड़कों तक आ गई है. सड़क के ऊपर से पानी बह रहा है. जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा का इस इलाके के लोगों को हर साल बाढ़ के विकराल रूप से सामना करना पड़ता है.

सीतामढ़ी
सड़क के ऊपर से बह रहा बाढ़ का पानी

किसान हैं परेशान
वहीं, किसानों ने कहा कि इस साल उनकी मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पहले लॉकडाउन ने जीवन को पटरी से उतारा. अभी सबकुछ फिर से पटरी पर ला ही रहे थे कि बाढ़ ने दस्तक दे दी. खेतों में लगे गन्ना, धान, सब्जी और मूंग की फसल तबाह हो गई.

पेश है रिपोर्ट

बता दें कि पिछली 24 घंटे के दौरान मनुष्यमरा और रातो नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है. वहीं, बागमती नदी का जल स्तर ढेंग, सोनाखान, डूबा घाट, चंदौली घाट और मारर घाट के पास स्थिर बना हुआ है. लेकिन यही नदी कटौझा के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसके अलावा अलावा झीम नदी, अधवारा नदी और लालबेकिया नदी का जल स्तर फिलहाल स्थिर है.

Last Updated : Jul 10, 2020, 10:16 PM IST
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