सीतामढ़ी: जिले में मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए जल जीवन हरियाली योजना की समीक्षा की. इस समीक्षा के क्रम में उन्होंने निर्देश दिया कि आहार, पाइन, तालाब ,पोखर, कुओं और चापाकल को चिन्हित कर उनका ब्योरा रखें. इसके साथ ही उन्होंने खासकर आहार पाइन का रिकॉर्ड रखने की बात कहीं.
मार्च तक कार्य करने का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका हमेशा ध्यान रखें कि आहार पइन एक दूसरे से लिंक्ड हैं. सार्वजनिक कुओं का मार्च तक जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करने की बात कही. इसके साथ ही उन्होंने चापाकल का मेंटेनेंस सुनिश्चित करने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग निरंतर निगरानी रखने की बात कही. चापाकल और कुंओं के किनारे सोख्ता का निर्माण अवश्य कराने की बात कही.
हर घर उपलब्ध कराया जा रहा पेयजल
मुख्यमंत्री ने कहा कि चापाकलों के पानी का दुरुपयोग न करें. उन्होंने कहा कि यदि पीने के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो और खुले में शौच से मुक्ति मिल जाए तो 90% बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि हर घर नल जल योजना के माध्यम से लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. चापाकल और कुंओं की उपलब्धता से भी इस कार्य में और सहूलियत होगी. उन्होंने कहा कि लोग उपलब्ध पेयजल का दुरुपयोग न करें.
तालाब का कराया गया निर्माण
राजगीर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री परिसर में जल संचयन के लिए बड़ा और सुंदर तालाब का निर्माण कराया गया है. इस मॉडल के आधार पर अन्य जिलों में भी पहाड़ों के किनारे किनारे तलहटी क्षेत्र में जल संचयन की संभावनाओं की तलाश की जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के उपयोग और उसके उत्पादन और साथ ही ऊर्जा की बचत के लिए लोगों को प्रेरित करते रहें. इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और पैसों की बचत होगी.
सौर्य ऊर्जा करें अधिक से अधिक उपयोग
मुख्यमंत्री ने स्ट्रीट लाइट को जलाने के लिए सौर्य ऊर्जा का उपयोग करने की बात कहीं. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास के लिए समुचित कार्रवाई करें. जल जीवन हरियाली अभियान के माध्यम से कई कार्य किए जा रहे हैं. इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं.
तेजी से किया जा रहा कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान के अवयवो पर तेजी से कार्य पूर्ण करें. इसके साथ ही इसके व्यावहारिक पहलुओं पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. जिले में जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत काफी तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है. जिलाधिकारी ने बताया कि 247 सार्वजनिक जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त किया जा चुका है. पांच एकड़ से अधिक के 47 तालाबो का जीर्णोद्धार किया जा चुका है. वहीं 297 पांच एकड़ से कम वाले तालाबो का जीर्णोद्धार किया गया है. शहरी क्षेत्र में 47 और ग्रामीण क्षेत्र में 249 सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार किया जा चुका है. 6.558 सार्वजनिक कुओं और चापाकलों के पास सोख्ता का निर्माण करवाया गया है. वहीं 27,720 सोख्ता का निर्माण किया जाना है. ग्रामीण क्षेत्रो में 532 नए जल स्रोतों का निर्माण किया गया है और 631 के कार्य प्रगति में है. मत्स्य विभाग ने 98 नए जल स्रोतों का निर्माण कराया है.
कईं पदाधिकारी रहें उपस्थित
जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि छत वर्षा जल संचयन के लिए कुल 1248 भवनों पर कार्य किया जा चुका है. इस वर्ष अब तक 3.97 लाख पौधरोपण का कार्य किया गया है. इसके साथ ही 14 भवनों पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाया गया है. इस अवसर पर जिलाधिलारी, डीडीसी सहित कईं वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहें.