सीतामढ़ी: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर शुक्रवार को लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. शुक्रवार को छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. आस्था के पर्व छठ पूजा को लेकर लोगों ने अपने अपने घरों की छतों पर और अपने घर के सामने तालाब बनाकर छठ पूजा की. वहीं, छठ पूजा को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने भी अपनी तैयारी पूरी कर रखी है.
सोशल डिस्टेंस का रखा गया ख्याल
जिला प्रशासन की अपील के बाद आस्था के पर्व छठ पूजा के दौरान जिले के लोगों ने जहां सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखा. वहीं जिला प्रशासन की अपील के बाद छठ घाटों पर नो मास्क का प्रयोग करते दिखे. वहीं घाटों पर सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा का खासा इंतजाम किया गया है. घाटों के इर्द गिर्द सुरक्षा को लेकर पुलिस बल को तैनात किया गया है.
दूसरे राज्यों से घर आकर कर रहे पूजा
आस्था के पर्व छठ पूजा को लेकर देश के दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग अपने घर आकर छठ पूजा करते नजर आए. हिंदू मान्यताओं में छठी माता में इतनी आस्था है कि लोग देश के दूसरे राज्य से ही नहीं, विदेशों से भी छठ पूजा करने अपने गांव आते हैं.
अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य
नालंदा में महापर्व छठ के तीसरे दिन छठ व्रतियों की ओर से अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया. सुबह से ही भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठ व्रतियों की ओर से तैयारियां की जा रही थी. शाम होते ही छठ व्रती और श्रद्धालु छठ घाटों पर पहुंचे और भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. हालांकि इस बार वैश्विक महामारी कोरोना के कारण कई लोगों ने अपने-अपने घरों में ही सूर्य को अर्घ्य दिया.
मंदिर के बाहर की पूजा
वहीं, औरंगाबाद की सूर्यनगरी देव में अन्य जिलों से बडी संख्या में श्रद्धालु घटों पर पहुंचे हैं. इन श्रद्धालुओं ने काफी प्रयास किया कि सूर्य मंदिर में दर्शन और पौराणिक सूर्यकुंड में स्नान कर अर्घ्य अर्पित कर सके. लेकिन व्रतियों की लाख कोशिश के बावजूद उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने सूर्य मंदिर के बाहर ही स्नान कर भगवान भास्कर को अपना पहला अर्घ्य दिया.