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सीतामढ़ी न्यायालय में महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे और DGP के खिलाफ मुकदमा दर्ज - अधिवक्ता चंदन सिंह

परिवाद पत्र दायरकर्ता अधिवक्ता चंदन सिंह ने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण को लेकर लॉक डाउन और धारा 144 लगाई गई है, तो ऐसी हालात में किसी समुदाय द्वारा साधुओं की हत्या कैसे हो गई.

सीतामढ़ी न्यायालय
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Published : Apr 22, 2020, 12:50 PM IST

Updated : Apr 22, 2020, 2:18 PM IST

सीतामढ़ी: महाराष्ट्र के पालघर में हुए दो साधु और उनके एक अन्य सहयोगी की हत्या मामले में सीतामढ़ी व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता चंदन कुमार सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, डीजीपी और मंत्रिमंडल में शामिल सभी मंत्रियों के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में परिवाद पत्र दायर किया है. अधिवक्ता का आरोप है कि अपने राजनीतिक फायदे को लेकर साजिश के तहत मुख्यमंत्री और डीजीपी ने साधु और उनके एक सहयोगी की हत्या करवाई है. हत्या से देश के सनातन धर्मावलंबियों की भावना आहत हुई है.

सीतामढ़ी
परिवाद पत्र के साथ अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह

'हिंदू समुदाय बेहद दुखी'
परिवाद पत्र दायरकर्ता अधिवक्ता चंदन सिंह ने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन और धारा 144 लगाई गई है. ऐसे हालात में किसी समुदाय द्वारा साधुओं की हत्या कैसे हो गई. हत्या के पीछे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, डीजीपी और उनके मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री हैं. इसलिए सभी दोषियों के विरुद्ध सीतामढ़ी थाने में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए. इससे हिंदुओं की भावना आहत हुई है और इस हत्या से हिंदू समुदाय बेहद दुखी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'दंगा-फसाद होने की संभावना'
चन्दन सिंह ने बताया कि पालघर में साधुओं की निर्मम हत्या उद्धव ठाकरे और पुलिस महानिदेशक की मिलीभगत से कराई गई है. मामले को मॉब लॉचिंग का नाम दिया जा रहा है. जबकि, पूरे महाराष्ट्र में लॉकडाउन और धारा 144 भी लागू है, तो सड़क पर भीड़ कहां से आ गई. अधिवक्ता का आरोप है कि हिन्दू धर्म के साधुओं की हत्या से पूरे देश में हिन्दुओं के बीच आक्रोश है. जिससे देश के अंदर दंगा-फसाद होने की संभावना है. जिसमें कई इंसानों की जान जा सकती है.

सीतामढ़ी
परिवाद पत्र

सीतामढ़ी: महाराष्ट्र के पालघर में हुए दो साधु और उनके एक अन्य सहयोगी की हत्या मामले में सीतामढ़ी व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता चंदन कुमार सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, डीजीपी और मंत्रिमंडल में शामिल सभी मंत्रियों के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में परिवाद पत्र दायर किया है. अधिवक्ता का आरोप है कि अपने राजनीतिक फायदे को लेकर साजिश के तहत मुख्यमंत्री और डीजीपी ने साधु और उनके एक सहयोगी की हत्या करवाई है. हत्या से देश के सनातन धर्मावलंबियों की भावना आहत हुई है.

सीतामढ़ी
परिवाद पत्र के साथ अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह

'हिंदू समुदाय बेहद दुखी'
परिवाद पत्र दायरकर्ता अधिवक्ता चंदन सिंह ने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन और धारा 144 लगाई गई है. ऐसे हालात में किसी समुदाय द्वारा साधुओं की हत्या कैसे हो गई. हत्या के पीछे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, डीजीपी और उनके मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री हैं. इसलिए सभी दोषियों के विरुद्ध सीतामढ़ी थाने में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए. इससे हिंदुओं की भावना आहत हुई है और इस हत्या से हिंदू समुदाय बेहद दुखी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'दंगा-फसाद होने की संभावना'
चन्दन सिंह ने बताया कि पालघर में साधुओं की निर्मम हत्या उद्धव ठाकरे और पुलिस महानिदेशक की मिलीभगत से कराई गई है. मामले को मॉब लॉचिंग का नाम दिया जा रहा है. जबकि, पूरे महाराष्ट्र में लॉकडाउन और धारा 144 भी लागू है, तो सड़क पर भीड़ कहां से आ गई. अधिवक्ता का आरोप है कि हिन्दू धर्म के साधुओं की हत्या से पूरे देश में हिन्दुओं के बीच आक्रोश है. जिससे देश के अंदर दंगा-फसाद होने की संभावना है. जिसमें कई इंसानों की जान जा सकती है.

सीतामढ़ी
परिवाद पत्र
Last Updated : Apr 22, 2020, 2:18 PM IST
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