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सीतामढ़ी फैमिली कोर्ट में केस निष्पादन में आई तेजी, एक्शन में प्रधान न्यायाधीश

प्रधान न्यायाधीश श्री शिवानंद मिश्रा के पदभार ग्रहण करने के बाद परिवाद न्यायालय में लंबित केसों का निष्पादन काफी तेज गति से किया जा रहा है. बताया जाता है कि 21 फरवरी 2019 से 10 जनवरी 2020 के बीच कुल 736 मामलों का निष्पादन किया गया है.

Sitamarhi
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Published : Jan 11, 2020, 8:36 PM IST

Updated : Jan 12, 2020, 12:25 PM IST

सीतामढ़ी: जिले के फैमिली कोर्ट में 9 महीने के दौरान 736 मामलों का निष्पादन किया गया है. फैमिली कोर्ट या परिवारवाद न्यायालय में लंबित केसों का निष्पादन काफी तेज गति से किया जा रहा है. 21 फरवरी 2019 को फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश श्री शिवानंद मिश्रा ने अपना पदभार ग्रहण किया था. इसके बाद न्यायालय में केसों का निपटारा काफी तेज गति से प्रारंभ कर दिया गया.

736 मामलों का हुआ निष्पादन
बताया जाता है कि 21 फरवरी 2019 से 10 जनवरी 2020 के बीच कुल 736 मामलों का निष्पादन किया गया. जिसमें 21 फरवरी से 31 दिसंबर 2019 के बीच 707 मामलों का निष्पादन हुआ. वहीं, 1 जनवरी से 10 जनवरी 2020 के बीच कुल 16 मामलों का निपटारा किया गया है. इस न्याय मंडल में अब तक के इतिहास में एक न्यायालय द्वारा अधिकतम केसों का निष्पादन है.

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शिवानंद मिश्रा, प्रधान न्यायाधीश फैमिली

कई केस 2014 से है लंबित
परिवारवाद न्यायालय से जुड़े कानूनविदों का बताना है कि प्रधान न्यायाधीश शिवानंद मिश्रा के न्यायालय में केवल 14 केस वर्ष 2014 से लंबित है और प्रत्येक माह 50 से 60 केसों का पंजीकरण होता है. साथ ही उभय पक्षों के सहयोग से प्रतिमाह करीब 70 से 80 मामलों का निष्पादन किया जा रहा है.

फैमिली कोर्ट में केस निष्पादन में आई तेजी

परिवारिक मामले का होता है निष्पादन
बताया जाता है कि परिवारवाद न्यायालय में भरण पोषण, तलाक, दांपत्य अधिकारों की पुनर्स्थापन सहित अन्य वैवाहिक और पारिवारिक कारण से संबंधित मामलों का निष्पादन होता है. साथ ही दत्तक ग्रहण संरक्षतावाद का निपटारा भी किया जाता है.

'केसों का निष्पादन में मिला सहयोग'
प्रधान न्यायाधीश शिवानंद मिश्रा ने बताया कि केसों के निष्पादन में त्वरित सुनवाई की जा रही है. इसके लिए न्यायालय द्वारा इस अवधि में दर्जनों साक्ष्यों की गवाही दर्ज कराई जा चुकी है. इससे केसों के त्वरित निष्पादन में सहयोग मिला है.

सीतामढ़ी: जिले के फैमिली कोर्ट में 9 महीने के दौरान 736 मामलों का निष्पादन किया गया है. फैमिली कोर्ट या परिवारवाद न्यायालय में लंबित केसों का निष्पादन काफी तेज गति से किया जा रहा है. 21 फरवरी 2019 को फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश श्री शिवानंद मिश्रा ने अपना पदभार ग्रहण किया था. इसके बाद न्यायालय में केसों का निपटारा काफी तेज गति से प्रारंभ कर दिया गया.

736 मामलों का हुआ निष्पादन
बताया जाता है कि 21 फरवरी 2019 से 10 जनवरी 2020 के बीच कुल 736 मामलों का निष्पादन किया गया. जिसमें 21 फरवरी से 31 दिसंबर 2019 के बीच 707 मामलों का निष्पादन हुआ. वहीं, 1 जनवरी से 10 जनवरी 2020 के बीच कुल 16 मामलों का निपटारा किया गया है. इस न्याय मंडल में अब तक के इतिहास में एक न्यायालय द्वारा अधिकतम केसों का निष्पादन है.

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शिवानंद मिश्रा, प्रधान न्यायाधीश फैमिली

कई केस 2014 से है लंबित
परिवारवाद न्यायालय से जुड़े कानूनविदों का बताना है कि प्रधान न्यायाधीश शिवानंद मिश्रा के न्यायालय में केवल 14 केस वर्ष 2014 से लंबित है और प्रत्येक माह 50 से 60 केसों का पंजीकरण होता है. साथ ही उभय पक्षों के सहयोग से प्रतिमाह करीब 70 से 80 मामलों का निष्पादन किया जा रहा है.

फैमिली कोर्ट में केस निष्पादन में आई तेजी

परिवारिक मामले का होता है निष्पादन
बताया जाता है कि परिवारवाद न्यायालय में भरण पोषण, तलाक, दांपत्य अधिकारों की पुनर्स्थापन सहित अन्य वैवाहिक और पारिवारिक कारण से संबंधित मामलों का निष्पादन होता है. साथ ही दत्तक ग्रहण संरक्षतावाद का निपटारा भी किया जाता है.

'केसों का निष्पादन में मिला सहयोग'
प्रधान न्यायाधीश शिवानंद मिश्रा ने बताया कि केसों के निष्पादन में त्वरित सुनवाई की जा रही है. इसके लिए न्यायालय द्वारा इस अवधि में दर्जनों साक्ष्यों की गवाही दर्ज कराई जा चुकी है. इससे केसों के त्वरित निष्पादन में सहयोग मिला है.

Intro:जिले के फैमिली कोर्ट में 9 माह के दौरान 738 मामले का किया गया निष्पादन।Body:फैमिली कोर्ट यानी परिवारवाद न्यायालय में लंबित वादों का निष्पादन काफी तेज गति से किया जा रहा है। 21 फरवरी 2019 को फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश श्री शिवानंद मिश्रा ने अपना पदभार ग्रहण किया था। उसके बाद न्यायालय में वादों का निपटारा काफी तेज गति से प्रारंभ कर दिया गया। इसका नतीजा है कि 21 फरवरी 2019 से 10 जनवरी 2020 के बीच कुल 7236 मामलों का निष्पादन किया गया । जिसमें 21 फरवरी से 31 दिसंबर 2019 के बीच 707 मामलों का निष्पादन हुआ। वंही 1 जनवरी से 10 जनवरी 2020 के बीच कुल 16 मामलों का निपटारा किया गया है। इस न्याय मंडल में अब तक के इतिहास में एक न्यायालय द्वारा अधिकतम वादों का निष्पादन है।
गत 17 दिसंबर को उच्च न्यायालय प्रशासन की ओर से सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को यह हिदायत दी जा चुकी है कि वर्ष 1968 से लेकर 1983 तक के सभी सिविल अपीलों को आगामी 3 माह के अंदर सभी न्यायालय निष्पादित कर दें। और प्रत्येक माह कम से कम 50 से 60 वादों के निष्पादन का लक्ष्य रखें और उसके लिए विशेष प्रयास करें।
परिवारवाद न्यायालय से जुड़े कानूनविदों का बताना है कि प्रधान न्यायाधीश शिवानंद मिश्रा के न्यायालय में केवल 14 वाद वर्ष 2014 से पुराने अवधि के लिए लंबित है। और प्रत्येक माह 50 से 60 वादों का नया पंजीकरण होता है। तथा उभय पक्षों के सहयोग से प्रतिमाह करीब 70 से 80 मामलों का निष्पादन औसतन किया जा रहा है।
कानूनविदो का बताना है कि परिवारवाद न्यायालय में भरण पोषण, तलाक, दांपत्य अधिकारों की पुनर्स्थापन सहित अन्य वैवाहिक एवं पारिवारिक कारण से संबंधित मामलों का निष्पादन होता है। साथ ही दत्तक ग्रहण संरक्षतावाद का निपटारा भी किया जाता है। और इस न्यायालय द्वारा बाल गृह से अब तक कुल चार विहित समय सीमा के अंदर बच्चों को गोद लेने की अनुमति भी दी जा चुकी है।
बाइट 1. श्री शिवानंद मिश्रा। प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट सीतामढ़ी।
विजुअल 2,3,4,5,6,7Conclusion:इस बाबत पूछे जाने पर प्रधान न्यायाधीश श्री शिवानंद मिश्रा ने बताया कि केसों के निष्पादन में त्वरित सुनवाई की जा रही है। इसके लिए न्यायालय द्वारा इस अवधि में दर्जनों साक्ष्यों की गवाही दर्ज कराई जा चुकी है। इससे वादों के त्वरित निष्पादन में सहयोग मिला है।
Last Updated : Jan 12, 2020, 12:25 PM IST
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