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सीतामढ़ी के उप डाकघर में बड़ा घोटाला, FIR के बाद 2 हुए सस्पेंड - परिहार में एफआईआर के बाद दो डाककर्मी सस्पेंड

सीतामढ़ी जिले के परिहार उप डाकघर में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद इस डाक घर के तीन कर्मियों व एक अभिकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और दो कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. जांच में पता चला है कि डाक घर के कर्मचारी पांच साल से ग्राहकों की जमा राशि का घपला कर रहे थे.

परिहार उप डाकघर में एक बड़ा घोटाला
परिहार उप डाकघर में एक बड़ा घोटाला
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Published : Aug 23, 2022, 4:27 PM IST

सीतामढ़ी: सीतामढ़ी जिले के परिहार के उप डाकघर कर्मियों ने बड़ा घोटाला किया है (scam in sub post office of Sitamarhi) . घोटाले की रकम अभी तो लाखों में सामने आई है लेकिन इसे करोड़ों में बताया जा रहा है. डाक अधीक्षक के निर्देश पर पूर्वी अनुमंडल के डाक निरीक्षक मिथिलेश कुमार इस घोटाले की जांच कर रहे हैं. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, घोटाले की राशि भी बढ़ती जा रही है. जिन खाताधारकों की शिकायत पर जांच की गई है, वह शत-प्रतिशत सच निकली है. फिलहाल एक ग्राहक की शिकायत के आधार पर चार कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और दो को निलंबित किया गया है (2 suspended after FIR in parihar) .

ये भी पढ़ें - पटना डाकघर घोटाला: 1 करोड़ घोटाले के दोनों आरोपियों के खिलाफ सुनवाई की प्रक्रिया शुरू

बढ़ रही शिकायतों की संख्या : घोटाले का एक मामला उजागर होने के बाद अब धीरे-धीरे अन्य ग्राहक भी जागरूक होकर अपने पासबुक की जांच करा रहे हैं. यहां के डाक कर्मियों ने किसी ग्राहक की पूरी राशि, तो किसी की अधिकांश जमा राशि हजम कर ली है. इन कर्मियों ने कंप्यूटर/पंजी में जमा में कम राशि का उल्लेख किया, जबकि ग्राहकों को दिए गए पासबुक में ओवरराइटिंग कर पूरी राशि का उल्लेख कर दिया है. जिन चार कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, वे एक ग्राहक के सात लाख रुपये में से एक लाख जमा कर छह लाख गबन कर लिए थे, जबकि पासबुक पर हाथ से जमा सात लाख रुपये का उल्लेख कर दिया गया था.

इन ग्राहकों के साथ भी धोखाधड़ी : परिहार के सोनापट्टी के मो. नसीम ने वर्ष 2017 में पांच वर्षों के लिए एक-एक लाख रुपये दो बार में फिक्स किया था. इसके आलावा वर्ष 2020 में 50-50 हजार रुपये एक वर्ष के लिए फिक्स एवं डेली जमा योजना के तहत 1.44 लाख रुपये जमा किया था. मो. राजा व मो. नन्हे ने भी 25- 25 हजार फिक्स एवं चालू खाते में 90 हजार रुपये जमा किए थे. तीनों पिता-पुत्र हैं. तीनों के पासबुक में ओवरराइटिंग है. तीनों ने बताया कि उक्त राशि का डाक घर में कोई रिकार्ड ही नही है. बताया कि पिछले दिनों कर्मियों ने केवाईसी के लिए पासबुक लिया था, जिसे अबतक नहीं लौटाया है. सोनापट्टी के ही मो. रहमान नदाफ हैं. उनका खाता - 3697875760 है. उन्होंने पांच जुलाई 2017 को एक लाख रुपये पांच वर्षों के लिए फिक्स किया था. बताया कि डाकघर में जानकारी पर पता चला है कि उनकी जमा राशि का कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है. उन्होंने बेटी की शादी के लिए उक्त राशि जमा की थी.और तीन ग्राहकों की शिकायत सच निकली. एक ग्राहक की शिकायत की पुष्टि होने पर कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. तीन अन्य ग्राहकों की शिकायत जांच के बाद सच साबित हुई है. तीन अन्य शिकायतों को जांच होनी बाकी है. गबन की राशि काफी बढ़ सकती है. यह गबन वर्ष 2017 से ही किए जाने की बात सामने आई है.मामले में डाक सेवक शमसुल होदा व पूर्व डाक सहायक ध्रुव कुमार को निलंबित कर दिया गया है.जिले के परिहार उप डाकघर के कर्मियों व अभिकर्ता ने मिलकर एक खाताधारी का छह लाख रूपये गबन कर लिया है. जांच में गबन की पुष्टि होने पर डाक अधीक्षक के निर्देश पर डाक निरीक्षक मिथिलेश कुमार की ओर से शुक्रवार को परिहार थाने में चार डाक कर्मी एवं अभिकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. उप डाकपाल रामचंद्र राम एवं अभिकर्ता सह परिहार कृति कुमारी को नामजद किया गया है.

ऐसे हुआ छह लाख रुपये का गबन : प्राथमिकी के अनुसार, परिहार थाना क्षेत्र के गोनाही गांव की रैमुन खातून ने एक वर्षीय सावधि खाता खोलने के लिए ग्रामीण डाक सेवक शमसुल होदा को छह लाख रुपये दिए. मो. होदा ने उक्त राशि एसबी फॉर्म - 103 पर लिया गया, जो विभागीय निर्देश के विपरीत था. उन्होंने अभिकर्ता कृति कुमारी को उक्त राशि में से मात्र एक लाख रूपया एवं खाता खोलने वाला फॉर्म दिया. अभिकर्ता कृति कुमारी ने फार्म को भरकर डाकघर के काउंटर पर जमा कर दिए. काउंटर पर मौजूद डाक सहायक ने रैमुन खातून के नाम से एक लाख का सावधि खाता खोल दिया. नियमानुसार, पर्यवेक्षक के सत्यापन के बाद उक्त महिला खाताधारी को प्रिंटेड पासबुक सौंप दिया गया.

जांच में हुआ है मामले का खुलासा : पासबुक पर एक लाख की राशि को ओवरराइटिंग कर सात लाख बना दिया गया. खाताधारी की शिकायत पर डाक अधीक्षक ने मामले की जांच कराई. पाया गया कि उक्त चारों कर्मियों ने मिलकर साजिश के तहत छह लाख रूपये का गबन कर लिया है.प्राथमिकी के आवेदन में डाक निरीक्षक कुमार ने कहा है कि मामले की विभागीय जांच चल रही है. गबन की राशि एवं गबन करने वाले कर्मियों की संख्या बढ़ सकती है. परिहार प्रखंड मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर झपहां गांव है. शमसुल होदा इसी गांव का है. बताया गया है कि पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड यही कर्मी है. अधिकांश ग्राहक इसी कर्मी के झांसे में आकर राशि जमा कराए थे. ग्राहकों को शिकायत करने से रोक रहे. डाक निरीक्षक की मानें, तो एक ग्राहक कर्मियों को दो लाख रुपये जमा करने को दिए थे, लेकिन डाक घर के रिकार्ड में मात्र दो हजार ही जमा किया गया और पासबुक पर ओवरराइटिंग कर दो लाख कर दिया गया था. इसी तरह के अन्य भी मामले है.

10 हजार में से 9500 रुपये का गबन : घोटाले की बात सामने आने पर ग्राहक पासबुक को अपडेट कराने के लिए उक्त डाकघर में पहुंच रहे हैं. बाजपट्टी प्रखंड के रतवारा विशनपुर की खुश्बू खातून ने उक्त डाकघर में 26 अप्रैल 19 को 10 हजार रुपये फिक्स डिपोजिट की थी. उसने बताया कि डाकघर में पता करने पर मात्र पांच सौ रुपये ही जमा बताया गया है. खुशबू के पासबुक पर भी ओवरराइटिंग है. बताया गया है कि कुछ ग्राहकों से केवाईसी के नाम पर पासबुक लेकर घोटाला किया गया है. इस बीच, परिहार में सात जुलाई को प्रभार ग्रहण किये डाक कर्मी हरिनाथ सिंह ने बताया कि घोटाले की खबर सुन ग्राहक पासबुक अपडेट करा रहे है. जो भी गड़बड़ी मिल रही है, उसकी जानकारी वरीय पदाधिकारी को दे दी जा रही है.

क्या है गबन का नया मामला : परिहार प्रखंड के परिहार गांव निवासी ब्रह्मदेव साह ने अपने व पत्नी राम सिकिल देवी के नाम से डाकघर में 16 जून 17, 21 जून 17, 20 सितंबर 17 एवं 20 नवंबर 17 को पांच वर्षो के लिए 12.10 लाख रुपये जमा कराए थे. इस बीच पैसे की जररूत पड़ने पड़ी, साथ ही घोटाले की खबर सामने आने पर साह ने उक्त डाकघर में जमा राशि की जानकारी ली, तो पासबुक पर अंकित खाता नंबर के आधार पर कर्मियों से उन्हें जानकारी मिली कि उनका न तो डाकघर में कोई खाता है और न ही राशि जमा है. तब उन्होंने स्टेटमेंट प्राप्त किया, जिससे सामने आया कि एक खाता में पासबुक में छह लाख रुपये अंकित है, तो डाकघर में 80 हजार ही जमा है और खाता नंबर बद्री प्रसाद यादव के नाम से है. इसी तरह साह के पासबुक पर अंकित दूसरा खाता नंबर शारदा देवी के नाम से निर्गत है. पासबुक पर तीन लाख, तो डाकघर के रिकार्ड में मात्र 53100 रुपये की इंट्री है. तीसरे खाता के पासबुक में ढाई लाख अंकित है, तो डाकघर के रिकार्ड में न तो खाताधारी का नाम अंकित है और न राशि. साह को मिले चौथे पासबुक पर 60 हजार रुपये अंकित है, तो डाकघर में मात्र 1375 रुपये ही जमा है. हद तो यह कि यह चौथा खाता भी डाकघर में श्री साह के नाम से नहीं, बल्कि मो. मतेन अहमद के नाम पर है. खाताधारी साह ने बताया कि उनकी पूरी जमा पूंजी ही गबन कर ली गई है. उन्होंने डाक अधीक्षक से शिकायत की है और कहा है कि इस पूरे मामले के लिए अन्य कर्मियों के साथ मुख्य रूप से निलंबित कर्मी मो. शमसुल को दोषी बताया है.

पहले गबन किया और अब दे रहा धमकी : परिहार गांव के ही है रविंद्र साह. उन्होंने दो बार में चार लाख रुपए जमा किया था. डाकघर में जमा राशि का पता करने पर कर्मियों ने उन्हें बताया कि न तो उनके नाम से खाता है और न राशि ही जमा है. बताया कि उन्होंने कर्मी मो. शमसूल के माध्यम से राशि जमा की थी और यही कर्मी पासबुक भी दिया था. इस बात की जानकारी देने पर शमसूल ने राशि लौटाने की बात कह कुछ दिन का वक्त मांगा. बाद में कर्मी द्वारा कहा जाने लगा कि डाकघर में जमा किये थे, तो विभाग ही पैसा देगा. बताया कि शमसूल धमकी भी दे रहा है.

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सीतामढ़ी: सीतामढ़ी जिले के परिहार के उप डाकघर कर्मियों ने बड़ा घोटाला किया है (scam in sub post office of Sitamarhi) . घोटाले की रकम अभी तो लाखों में सामने आई है लेकिन इसे करोड़ों में बताया जा रहा है. डाक अधीक्षक के निर्देश पर पूर्वी अनुमंडल के डाक निरीक्षक मिथिलेश कुमार इस घोटाले की जांच कर रहे हैं. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, घोटाले की राशि भी बढ़ती जा रही है. जिन खाताधारकों की शिकायत पर जांच की गई है, वह शत-प्रतिशत सच निकली है. फिलहाल एक ग्राहक की शिकायत के आधार पर चार कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और दो को निलंबित किया गया है (2 suspended after FIR in parihar) .

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बढ़ रही शिकायतों की संख्या : घोटाले का एक मामला उजागर होने के बाद अब धीरे-धीरे अन्य ग्राहक भी जागरूक होकर अपने पासबुक की जांच करा रहे हैं. यहां के डाक कर्मियों ने किसी ग्राहक की पूरी राशि, तो किसी की अधिकांश जमा राशि हजम कर ली है. इन कर्मियों ने कंप्यूटर/पंजी में जमा में कम राशि का उल्लेख किया, जबकि ग्राहकों को दिए गए पासबुक में ओवरराइटिंग कर पूरी राशि का उल्लेख कर दिया है. जिन चार कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, वे एक ग्राहक के सात लाख रुपये में से एक लाख जमा कर छह लाख गबन कर लिए थे, जबकि पासबुक पर हाथ से जमा सात लाख रुपये का उल्लेख कर दिया गया था.

इन ग्राहकों के साथ भी धोखाधड़ी : परिहार के सोनापट्टी के मो. नसीम ने वर्ष 2017 में पांच वर्षों के लिए एक-एक लाख रुपये दो बार में फिक्स किया था. इसके आलावा वर्ष 2020 में 50-50 हजार रुपये एक वर्ष के लिए फिक्स एवं डेली जमा योजना के तहत 1.44 लाख रुपये जमा किया था. मो. राजा व मो. नन्हे ने भी 25- 25 हजार फिक्स एवं चालू खाते में 90 हजार रुपये जमा किए थे. तीनों पिता-पुत्र हैं. तीनों के पासबुक में ओवरराइटिंग है. तीनों ने बताया कि उक्त राशि का डाक घर में कोई रिकार्ड ही नही है. बताया कि पिछले दिनों कर्मियों ने केवाईसी के लिए पासबुक लिया था, जिसे अबतक नहीं लौटाया है. सोनापट्टी के ही मो. रहमान नदाफ हैं. उनका खाता - 3697875760 है. उन्होंने पांच जुलाई 2017 को एक लाख रुपये पांच वर्षों के लिए फिक्स किया था. बताया कि डाकघर में जानकारी पर पता चला है कि उनकी जमा राशि का कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है. उन्होंने बेटी की शादी के लिए उक्त राशि जमा की थी.और तीन ग्राहकों की शिकायत सच निकली. एक ग्राहक की शिकायत की पुष्टि होने पर कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. तीन अन्य ग्राहकों की शिकायत जांच के बाद सच साबित हुई है. तीन अन्य शिकायतों को जांच होनी बाकी है. गबन की राशि काफी बढ़ सकती है. यह गबन वर्ष 2017 से ही किए जाने की बात सामने आई है.मामले में डाक सेवक शमसुल होदा व पूर्व डाक सहायक ध्रुव कुमार को निलंबित कर दिया गया है.जिले के परिहार उप डाकघर के कर्मियों व अभिकर्ता ने मिलकर एक खाताधारी का छह लाख रूपये गबन कर लिया है. जांच में गबन की पुष्टि होने पर डाक अधीक्षक के निर्देश पर डाक निरीक्षक मिथिलेश कुमार की ओर से शुक्रवार को परिहार थाने में चार डाक कर्मी एवं अभिकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. उप डाकपाल रामचंद्र राम एवं अभिकर्ता सह परिहार कृति कुमारी को नामजद किया गया है.

ऐसे हुआ छह लाख रुपये का गबन : प्राथमिकी के अनुसार, परिहार थाना क्षेत्र के गोनाही गांव की रैमुन खातून ने एक वर्षीय सावधि खाता खोलने के लिए ग्रामीण डाक सेवक शमसुल होदा को छह लाख रुपये दिए. मो. होदा ने उक्त राशि एसबी फॉर्म - 103 पर लिया गया, जो विभागीय निर्देश के विपरीत था. उन्होंने अभिकर्ता कृति कुमारी को उक्त राशि में से मात्र एक लाख रूपया एवं खाता खोलने वाला फॉर्म दिया. अभिकर्ता कृति कुमारी ने फार्म को भरकर डाकघर के काउंटर पर जमा कर दिए. काउंटर पर मौजूद डाक सहायक ने रैमुन खातून के नाम से एक लाख का सावधि खाता खोल दिया. नियमानुसार, पर्यवेक्षक के सत्यापन के बाद उक्त महिला खाताधारी को प्रिंटेड पासबुक सौंप दिया गया.

जांच में हुआ है मामले का खुलासा : पासबुक पर एक लाख की राशि को ओवरराइटिंग कर सात लाख बना दिया गया. खाताधारी की शिकायत पर डाक अधीक्षक ने मामले की जांच कराई. पाया गया कि उक्त चारों कर्मियों ने मिलकर साजिश के तहत छह लाख रूपये का गबन कर लिया है.प्राथमिकी के आवेदन में डाक निरीक्षक कुमार ने कहा है कि मामले की विभागीय जांच चल रही है. गबन की राशि एवं गबन करने वाले कर्मियों की संख्या बढ़ सकती है. परिहार प्रखंड मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर झपहां गांव है. शमसुल होदा इसी गांव का है. बताया गया है कि पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड यही कर्मी है. अधिकांश ग्राहक इसी कर्मी के झांसे में आकर राशि जमा कराए थे. ग्राहकों को शिकायत करने से रोक रहे. डाक निरीक्षक की मानें, तो एक ग्राहक कर्मियों को दो लाख रुपये जमा करने को दिए थे, लेकिन डाक घर के रिकार्ड में मात्र दो हजार ही जमा किया गया और पासबुक पर ओवरराइटिंग कर दो लाख कर दिया गया था. इसी तरह के अन्य भी मामले है.

10 हजार में से 9500 रुपये का गबन : घोटाले की बात सामने आने पर ग्राहक पासबुक को अपडेट कराने के लिए उक्त डाकघर में पहुंच रहे हैं. बाजपट्टी प्रखंड के रतवारा विशनपुर की खुश्बू खातून ने उक्त डाकघर में 26 अप्रैल 19 को 10 हजार रुपये फिक्स डिपोजिट की थी. उसने बताया कि डाकघर में पता करने पर मात्र पांच सौ रुपये ही जमा बताया गया है. खुशबू के पासबुक पर भी ओवरराइटिंग है. बताया गया है कि कुछ ग्राहकों से केवाईसी के नाम पर पासबुक लेकर घोटाला किया गया है. इस बीच, परिहार में सात जुलाई को प्रभार ग्रहण किये डाक कर्मी हरिनाथ सिंह ने बताया कि घोटाले की खबर सुन ग्राहक पासबुक अपडेट करा रहे है. जो भी गड़बड़ी मिल रही है, उसकी जानकारी वरीय पदाधिकारी को दे दी जा रही है.

क्या है गबन का नया मामला : परिहार प्रखंड के परिहार गांव निवासी ब्रह्मदेव साह ने अपने व पत्नी राम सिकिल देवी के नाम से डाकघर में 16 जून 17, 21 जून 17, 20 सितंबर 17 एवं 20 नवंबर 17 को पांच वर्षो के लिए 12.10 लाख रुपये जमा कराए थे. इस बीच पैसे की जररूत पड़ने पड़ी, साथ ही घोटाले की खबर सामने आने पर साह ने उक्त डाकघर में जमा राशि की जानकारी ली, तो पासबुक पर अंकित खाता नंबर के आधार पर कर्मियों से उन्हें जानकारी मिली कि उनका न तो डाकघर में कोई खाता है और न ही राशि जमा है. तब उन्होंने स्टेटमेंट प्राप्त किया, जिससे सामने आया कि एक खाता में पासबुक में छह लाख रुपये अंकित है, तो डाकघर में 80 हजार ही जमा है और खाता नंबर बद्री प्रसाद यादव के नाम से है. इसी तरह साह के पासबुक पर अंकित दूसरा खाता नंबर शारदा देवी के नाम से निर्गत है. पासबुक पर तीन लाख, तो डाकघर के रिकार्ड में मात्र 53100 रुपये की इंट्री है. तीसरे खाता के पासबुक में ढाई लाख अंकित है, तो डाकघर के रिकार्ड में न तो खाताधारी का नाम अंकित है और न राशि. साह को मिले चौथे पासबुक पर 60 हजार रुपये अंकित है, तो डाकघर में मात्र 1375 रुपये ही जमा है. हद तो यह कि यह चौथा खाता भी डाकघर में श्री साह के नाम से नहीं, बल्कि मो. मतेन अहमद के नाम पर है. खाताधारी साह ने बताया कि उनकी पूरी जमा पूंजी ही गबन कर ली गई है. उन्होंने डाक अधीक्षक से शिकायत की है और कहा है कि इस पूरे मामले के लिए अन्य कर्मियों के साथ मुख्य रूप से निलंबित कर्मी मो. शमसुल को दोषी बताया है.

पहले गबन किया और अब दे रहा धमकी : परिहार गांव के ही है रविंद्र साह. उन्होंने दो बार में चार लाख रुपए जमा किया था. डाकघर में जमा राशि का पता करने पर कर्मियों ने उन्हें बताया कि न तो उनके नाम से खाता है और न राशि ही जमा है. बताया कि उन्होंने कर्मी मो. शमसूल के माध्यम से राशि जमा की थी और यही कर्मी पासबुक भी दिया था. इस बात की जानकारी देने पर शमसूल ने राशि लौटाने की बात कह कुछ दिन का वक्त मांगा. बाद में कर्मी द्वारा कहा जाने लगा कि डाकघर में जमा किये थे, तो विभाग ही पैसा देगा. बताया कि शमसूल धमकी भी दे रहा है.

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