सीतामढ़ीः जिले के बेलसंड अनुमंडल मुख्यालय में 12 करोड़ 55 लाख की लागत से 100 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है. इस भवन को तैयार करके जून 2020 में विभाग को सौंप देना है. कमलपुरा कंस्ट्रक्शन मुजफ्फरपुर इस काम को कर रहे हैं. लेकिन इस भवन के निर्माण में संवेदक के जरिए बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है. एस्टीमेट के अनुसार भवन का निर्माण नहीं किया जा रहा है.
एस्टीमेट के अनुसार नहीं हो रहा काम
भवन निर्माण से जुड़े लोगों ने बताया कि इस भवन के कमरों और खिड़कियों में एस्टीमेट के अनुसार जो चौखट लगाने हैं वह नहीं लग रहे हैं. उससे सस्ते दर की चौखट लगाई गई है. इसकी जांच करने का निर्देश डीजीएम पंकज कुमार ने दिया था. एसडीओ ने लगाए गए चौखट को बदलने की रिपोर्ट विभाग को भेज दी. लेकिन चौखट बदला नहीं गया. वहीं सूत्रों का बताना है कि ऊपर के सभी तल्ले में दो और तीन नंबर के ईट का प्रयोग किया गया है.
सीमेंट और बालू की मात्रा सही नहीं
भवन के प्लास्टर में एस्टीमेट के अनुसार सीमेंट और बालू की मात्रा नहीं दी जा रही है. इसके अलावा ऊंचे भवन पर काम करने वाले मजदूरों को सेफ्टी बेल्ट और हेलमेट भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिस कारण जान जोखिम में डालकर मजदूर काम में जुटे हुए हैं. इस संबंध में जब संवेदक से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि सभी गलत साक्ष को छुपा दिया गया है, अब इसमें किसी प्रकार का कोई खुलासा नहीं हो सकता. जिसे जो करना है कर ले.
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जिलाधिकारी ने कही जांच की बात
इस मामले में स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर के के सिंह ने इसे गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच कराने की बात कही है. वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा और स्थानीय एसडीओ रामानुज प्रसाद सिंह ने बताया कि निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हुई है. जिसकी जांच कराई जाएगी.
'दोषी पाए जाने पर संवेदक पर होगी कार्रवाई'
वहीं, जेडीयू जिला अध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने कहा कि दोषी संवेदक चाहे जितनी भी चतुराई कर सच को छुपा ले लेकिन जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, अगर निर्माण कार्य में कोताही और गड़बड़ी की गई है तो संवेदक पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनके भुगतान पर भी रोक लगाई जाएगी.