शेखपुरा: कोरोना काल के दौरान विभिन्न राज्यों से जिले में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच का सर्वे करवाया गया. इसके लिए प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के द्वारा 40 वैक्सीन कुरियर कर्मी को प्रतिनियुक्त किया गया था. इन लोगों ने कोरोना काल में अपनी जान संकट में डालकर लगातार 21 दिनों तक अपना ईमानदारी से किया, लेकिन इन्हें अब तक मानदेय नहीं मिला है.
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मानदेय नहीं मिलने से इन वैक्सीन कुरियर कर्मियों में काफी गुस्सा है. ये सभी वैक्सीन कुरियर कर्मी मानदेय भुगतान को लेकर पिछले कई महीनों से पीएचसी शेखपुरा एवं सीएस कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन उनके मानदेय भुगतान को लेकर अब तक किसी प्रकार की कोई पहल नहीं की गई है.
मानदेय नहीं मिलने से आर्थिक समस्या
इस बाबत वैक्सीन कुरियर कर्मी वीरेंद्र प्रसाद, सुमन गांधी और दिनेश राम सहित कई कर्मियों ने बताया कि कोरोना काल में कार्य करने को लेकर प्रतिदिन 400 रुपये मानदेय देने का वादा किया गया था. लेकिन काम पूरा होने के बाद अब तक उन्हें मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. इससे उन लोगों के बीच आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है.
राशि भुगतान की मांग
हालांकि कुरियर कर्मियों ने बताया कि इसके पूर्व भी कोरोना काल में 8 दिनों का सर्वे का कार्य कराया गया था. जिसमें सभी लोगों का मानदेय का भुगतान कर दिया गया है. बिहार विधानसभा चुनाव में सभी मतदान केंद्रों पर कोरोना जांच संबंधी जांच किट एवं वेस्ट मटेरियल को उचित स्थान पर डंप करने के लिए प्रयुक्त की गई थी, जिसमें सभी को दैनिक मानदेय पर रखा गया था. लेकिन उस दिन का भी मानदेय अब तक वैक्सीन कुरियर कर्मी को नहीं मिला है. इससे स्वास्थ्य विभाग के प्रति इन कर्मियों में काफी आक्रोश है. जल्द से जल्द मानदेय राशि की भुगतान करने की मांग कर रहे हैं.