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बिहार: नहीं रहीं भोजपुरी की पहली अभिनेत्री और बॉलीवुड की 'कुमकुम'

बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा कुमकुम का निधन हो गया है. इस खबर से बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर है. कुमकुम बिहार के शेखपुरा में जन्मीं थीं.

कुमकुम
कुमकुम
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Published : Jul 28, 2020, 9:51 PM IST

शेखपुरा: शेखपुरा जिले के अरियरी प्रखंड हुसैनाबाद गांव के नवाब खानदान की बॉलीबुड एक्ट्रेस कुमकुम का दिल का दौरा पड़ने से मुम्बई में निधन हो गया है. वो 86 वर्ष की थीं. उनकी मौत की पुष्टि हुसैनाबाद में रह रहे भतीजे असद रज्जा ने की. कुमकुम हुसैनाबाद नबाब की बेटी थीं.

कुमकुम
कुमकुम

शेखपुरा के हुसैनाबाद गांव में 1934 में जन्मीं कुमकुम रियासत के समय में ही वह मुंबई में पढ़ाई के लिए चली गयी थीं और वहीं से उन्होंने फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बनाई. इस दौरान अभिनेत्री कुमकुम कई बार अपने वतन हुसैनाबाद को देखने आती रहती थीं. अंतिम बार सिने स्टार कुमकुम वर्ष 2010 के फरवरी माह में शेखपुरा आयी थीं. अपने भतीजे एवं स्थानीय लोगों से मुलाकात भी की थीं. फिलहाल, सैय्यद असद रजा पूरे राजघराने की देखभाल रह रहे है. साथ देखरेख में इसके दो छोटे भाई सैय्यद मुसी रजा तथा सैय्यद कायम रजा भी सहयोग दे रहे हैं.

kumkum
कुमकुम, अभिनेत्री, बॉलीवुड

भोजपुरी की पहली फिल्म में किया अभिनय

1963 को रिलीज हुई भोजपुरी भाषा की पहली फिल्म 'गंगा मइया तोहे पियारी चढाइबो' में कुमकुम ने बतौर अभिनेत्री काम किया था. इस लिहाज से कुमकुम भोजपुरी सिनेमा की पहली अभिनेत्री हुईं.

  • कुमकुम ने अपने फिल्मी करियर में ललकार, मदर इंडिया, प्यासा, आर पार, मिर्जा गालिब, मिस्टर एंड मिसेज 55, कुंदन, फंटूश, सीआईडी, नया दौर, कोहिनूर, दिल भी तेरा हम भी तेरे, मिस्टर एक्स इन बॉम्बे, राजा और रंक, आंखें, जलते बदन और ललकार जैसी फिल्मों में काम किया था.
  • शेखपुरा के पूर्व चैयरमेन गंगा कुमार यादव, जिला क्रिकेट एशोशिएशन संघ के अध्यक्ष मदनलाल, लोजपा जिलाध्यक्ष इमाम गजाली आदि ने शोक प्रकट किया है.
  • कुमकुम ने अपने करियर में लगभग 115 फिल्मों में अभिनय किया.
  • उन्होंने किशोर कुमार और गुरु दत्त जैसे स्टार्स के साथ भी काम किया था.
    kumkum
    बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा कुमकुम

पूर्वजों ने कोलकाता से शेखपुरा रेल लाइन का कराया था विस्तार

सन 1897 ई. में नबाब बहादुर अली खां ने कोलकता से लेकर गया तक रेल लाइन का कार्य शुरू किया था. उसी दौरान इनकी हालत बिगडने लगी और कोलकता में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान इनकी मौत हो गयी. उस समय रेल लाइन बिछ चुकी थी, लेकिन रेल परिचालन शुरू नहीं हुआ. कोलकता में पदस्थापित तत्कालीन गवर्नर जनरल के आदेश पर स्पेशल ट्रेन सैलून से उनकी शव को हुसैनाबाद लाया गया था.

कहा जाता है कि उस वक्त नबाब साहब का रियासत चलता था और दरबार भी लगाया जाता था. जिसमे फरियादी लोग नालंदा, राजगीर, मुजफफरपुर, पटना, हजारीबाग, गया, सीतामढ़ी, मुंगेर, हाजीपुर सहित दर्जनों जिलो के लोग फरियाद लेकर आते थे. यहां तक की अपनी जनता का हाल जानने के लिए नबाब साहब डोली पर बैठकर विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करते थे और जनता की समस्या का निदान भी करते थे.

kumkum
शेखपुरा

चर्चित है कहावते ?
कहते है कि ठंडी के दिनों में ठंड की वजह से आस-पास के इलाकों में सियार आवाज करता था, तब नबाब ने अपने मंत्रियों को बुलाकर पूछा की रात में सियार आवाज क्यों करता है, तो मंत्रियों ने कहा था कि ठंड के कारण सियार आवाज करता है. यह सुनकर नबाब ने हजारों कम्बल बंटवाया था. यह कहानी आज भी बूढ़े-बुजुर्ग चाव से बच्चों को सुनाते है.

  • We have lost another gem. I have known her since I was a kid and she was family, a superb artist and a fantastic human being, innalillahe wa innailaihe raajeoon. Rest in peace kunkum aunty 🙏 #ripkumkum #kumkum pic.twitter.com/CT60alQbOC

    — Naved Jafri (@NavedJafri_BOO) July 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • yesteryear's film actress KUMKUM aunty, passed away, she was 86. she did so many films; songs & dances where picturized on her. did so many movies opposite dad #johnnywalker pic.twitter.com/Me63j4pd1Z

    — Nasirr Khan (@khanasirr) July 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शेखपुरा: शेखपुरा जिले के अरियरी प्रखंड हुसैनाबाद गांव के नवाब खानदान की बॉलीबुड एक्ट्रेस कुमकुम का दिल का दौरा पड़ने से मुम्बई में निधन हो गया है. वो 86 वर्ष की थीं. उनकी मौत की पुष्टि हुसैनाबाद में रह रहे भतीजे असद रज्जा ने की. कुमकुम हुसैनाबाद नबाब की बेटी थीं.

कुमकुम
कुमकुम

शेखपुरा के हुसैनाबाद गांव में 1934 में जन्मीं कुमकुम रियासत के समय में ही वह मुंबई में पढ़ाई के लिए चली गयी थीं और वहीं से उन्होंने फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बनाई. इस दौरान अभिनेत्री कुमकुम कई बार अपने वतन हुसैनाबाद को देखने आती रहती थीं. अंतिम बार सिने स्टार कुमकुम वर्ष 2010 के फरवरी माह में शेखपुरा आयी थीं. अपने भतीजे एवं स्थानीय लोगों से मुलाकात भी की थीं. फिलहाल, सैय्यद असद रजा पूरे राजघराने की देखभाल रह रहे है. साथ देखरेख में इसके दो छोटे भाई सैय्यद मुसी रजा तथा सैय्यद कायम रजा भी सहयोग दे रहे हैं.

kumkum
कुमकुम, अभिनेत्री, बॉलीवुड

भोजपुरी की पहली फिल्म में किया अभिनय

1963 को रिलीज हुई भोजपुरी भाषा की पहली फिल्म 'गंगा मइया तोहे पियारी चढाइबो' में कुमकुम ने बतौर अभिनेत्री काम किया था. इस लिहाज से कुमकुम भोजपुरी सिनेमा की पहली अभिनेत्री हुईं.

  • कुमकुम ने अपने फिल्मी करियर में ललकार, मदर इंडिया, प्यासा, आर पार, मिर्जा गालिब, मिस्टर एंड मिसेज 55, कुंदन, फंटूश, सीआईडी, नया दौर, कोहिनूर, दिल भी तेरा हम भी तेरे, मिस्टर एक्स इन बॉम्बे, राजा और रंक, आंखें, जलते बदन और ललकार जैसी फिल्मों में काम किया था.
  • शेखपुरा के पूर्व चैयरमेन गंगा कुमार यादव, जिला क्रिकेट एशोशिएशन संघ के अध्यक्ष मदनलाल, लोजपा जिलाध्यक्ष इमाम गजाली आदि ने शोक प्रकट किया है.
  • कुमकुम ने अपने करियर में लगभग 115 फिल्मों में अभिनय किया.
  • उन्होंने किशोर कुमार और गुरु दत्त जैसे स्टार्स के साथ भी काम किया था.
    kumkum
    बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा कुमकुम

पूर्वजों ने कोलकाता से शेखपुरा रेल लाइन का कराया था विस्तार

सन 1897 ई. में नबाब बहादुर अली खां ने कोलकता से लेकर गया तक रेल लाइन का कार्य शुरू किया था. उसी दौरान इनकी हालत बिगडने लगी और कोलकता में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान इनकी मौत हो गयी. उस समय रेल लाइन बिछ चुकी थी, लेकिन रेल परिचालन शुरू नहीं हुआ. कोलकता में पदस्थापित तत्कालीन गवर्नर जनरल के आदेश पर स्पेशल ट्रेन सैलून से उनकी शव को हुसैनाबाद लाया गया था.

कहा जाता है कि उस वक्त नबाब साहब का रियासत चलता था और दरबार भी लगाया जाता था. जिसमे फरियादी लोग नालंदा, राजगीर, मुजफफरपुर, पटना, हजारीबाग, गया, सीतामढ़ी, मुंगेर, हाजीपुर सहित दर्जनों जिलो के लोग फरियाद लेकर आते थे. यहां तक की अपनी जनता का हाल जानने के लिए नबाब साहब डोली पर बैठकर विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करते थे और जनता की समस्या का निदान भी करते थे.

kumkum
शेखपुरा

चर्चित है कहावते ?
कहते है कि ठंडी के दिनों में ठंड की वजह से आस-पास के इलाकों में सियार आवाज करता था, तब नबाब ने अपने मंत्रियों को बुलाकर पूछा की रात में सियार आवाज क्यों करता है, तो मंत्रियों ने कहा था कि ठंड के कारण सियार आवाज करता है. यह सुनकर नबाब ने हजारों कम्बल बंटवाया था. यह कहानी आज भी बूढ़े-बुजुर्ग चाव से बच्चों को सुनाते है.

  • We have lost another gem. I have known her since I was a kid and she was family, a superb artist and a fantastic human being, innalillahe wa innailaihe raajeoon. Rest in peace kunkum aunty 🙏 #ripkumkum #kumkum pic.twitter.com/CT60alQbOC

    — Naved Jafri (@NavedJafri_BOO) July 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • yesteryear's film actress KUMKUM aunty, passed away, she was 86. she did so many films; songs & dances where picturized on her. did so many movies opposite dad #johnnywalker pic.twitter.com/Me63j4pd1Z

    — Nasirr Khan (@khanasirr) July 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
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