शेखपुरा: कोरोना संक्रमण काल के दौरान बिहार सरकार कहती रही कि स्वास्थ्य व्यवस्था में पहले की तुलना काफी सुधार हुआ है. नये उपकरणों की खरीद, कर्मचारियों की बहाली के साथ ही सुविधाएं बढ़ायी गयी हैं लेकिन जमीनी हालात कुछ और कह रहे हैं. शेखपुरा के घाटकुसुम्भा पीएचसी प्रशासन की बड़ी लापरवाही (negligence of Ghatkusumbha PHC in Sheikhpura) सामने आई है. यहां बंध्याकरण के बाद महिला मरीजों को ठंड के इस मौसम में भी जमीन पर (Poor health facility at Ghatkusumbha PHC) दरी बिछाकर लिटा दिया गया.
यहां तक कि अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें कंबल भी प्रदान नहीं किया गया. हद तो तब हो गई कि जब वार्ड में कोविड 19 के खतरे की संभावना के बावजूद इससे संबंधित प्रोटोकॉल का पालन भी नहीं किया गया. कहने को तो कोरोना वायरस से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है लेकिन इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाते हुए महिलाओं को नसबंदी कर फर्श पर लिटा दिया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार घाटकुसुम्भा पीएचसी द्वारा परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत बंध्याकरण हेतु विशेष कैम्प का आयोजन किया गया था. इसमे 15 महिलाओं का बंध्याकरण अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा किया गया.
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बंध्याकरण के बाद चिकित्सीय निगरानी के लिए वार्ड में रखे गये महिला मरीजों को कोई बेड मुहैया कराने के बजाय ठंड के इस मौसम में दरी बिछाकर उस पर लिटा दिया गया. कुव्यवस्था और लापरवाही पर सवाल के बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.आशा ने बताया कि अस्पताल परिसर मे जगह नहीं रहने के कारण बेड नहीं लगाया जा सका. इसके चलते मरीजों को दरी पर लिटाया गया है. यहां पर कुल 15 महिलाओं का बंध्याकरण ऑपरेशन किया गया है.
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