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भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी, समाजवादी नेता का मिला समर्थन - किसानों का प्रदर्शन

Farmers Protest In Sheikhpura: शेखपुरा में भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है. किसानों द्वारा पिछले 12 दिनों से यह प्रदर्शन किया जा रहा है. ऐसे में इनके आंदोलन को अब समाजवादी नेता का समर्थन मिला है.

Farmers Protest In Sheikhpura
भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 3, 2024, 6:51 PM IST

शेखपुरा: बिहार के शेखपुरा जिले के बरबीघा में नारायणपुर और परसोबीघा में रेल लाइन निर्माण को लेकर किसानों की जमीन अधिगृहित की गई थी. ऐसे में 2014 के अधिकतम बाजार दर से मुआवजा की मांग लेकर पिछले 12 दिनों से किसानों का धरना जारी है. कड़ाके किट हाथ के बीच बड़ी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष मुआवजा की मांग को लेकर धरना पर बैठे हुए हैं. किसानों की मांग का समाजवादी नेता शिव कुमार ने भी समर्थन किया है. बुधवार को वे किसानों के साथ काफी देर तक धरना में भी बैठे रहे.

जिला प्रशासन किसानों को ठग रही: समाजवादी नेता शिव कुमार ने संबोधन में कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने 2014 के दर से मुआवजा देने का निर्देश सरकार और प्रशासन को दिया था. फिर भी प्रशासन ने उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू नहीं किया. प्रशासन मोटा नजराना मांग रहा था, जिसे किसान जब नहीं दे सके तो इन्हें कोर्ट मे भेज दिया गया. वहां भी जिला प्रशासन ने जो कागजात भेजा वह भ्रमित करने वाला है.

Farmers Protest In Sheikhpura
भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी

"प्रशासन जिला के किसानों को ठगने का काम कर रही है. किसान पिछले 12 दिनों से कड़ाके की ठंड के बीच मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं रेल प्रशासन लगातार निर्माण कार्य को लेकर मिट्टी के समतलीकरण का कार्य शुरू कर चुका है. सासंद, विधायक और नगर परिषद द्वारा धरनार्थियों की उपेक्षा की जा रही है. कोई भी हाल चाल लेने नहीं पहुंचा है. हम इसकी घोर निंदा करते है. जनप्रतिनिधि आज जनता से विमुख रहते है. समय आने पर जनता उन्हें सबक सीखायेगी." - शिव कुमार, समाजवादी नेता

किसानों ने खुद से बनाया टेंट: किसान रंजीत कुमार, भोला प्रसाद, दरोगी प्रसाद इत्यादि ने बताया कि प्रशासन के डर से एक भी टेंट हाउस के संचालक धरना स्थल पर टेंट लगाने के लिए तैयार नहीं हुआ. इसके बाद किसानों ने खुद से टेंट लगाते हुए रात से ही धरना देना शुरू कर दिया है. किसान ने कहा है कि बिना भुगतान के रेल लाइन सिर्फ उनकी लाशों के ऊपर से होकर ही बनेगी. धरना में शामिल महिलाओं ने भी जिला प्रशासन और सरकार को जमकर खड़ी खोटी सुनाई है.

Farmers Protest In Sheikhpura
भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी

किसानों को मिला कई राजनीतिक दलों का साथ: मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों को अब कई राजनीतिक दलों का साथ मिला है. जिसमें आम आदमी पार्टी, सीपीआई, न्यायिक जन संघर्ष मोर्चा आजाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कन्हैया कुमार बादल, समाजवादी नेता शिवकुमार व अन्य नेताओं का समर्थन मिला है. इन नेताओं ने भी जिला प्रशासन से इस ओर उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है. गौरतलब हो के किसानों के धरना स्थल पर अभी तक स्थानीय विधायक और एमपी तक मिलने नहीं पहुंचे जिस कारण किसानों में आक्रोश है.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, निर्माणाधीन रेल लाइन को लेकर नारायणपुर मौजा में 200 से अधिक किसानों का रेलवे द्वारा जमीन अधिग्रहण किया गया है. भू-अर्जन विभाग द्वारा अधिग्रहित भूमि को पूर्व में कृषि भूमि बताकर मुआवजा तय किया गया था. इस निर्णय के खिलाफ किसानों ने वर्ष 2013 में हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था. वर्ष 2019 में हाईकोर्ट ने किसानों के हक में फैसला देते हुए जिला प्रशासन को एक-एक 2014 के अधिसूचना के अनुसार जमीन का मुआवजा तय करने का निर्देश दिया था.

रेलवे द्वारा जमीन हड़पने की कोशिश: लेकिन जिला प्रशासन द्वारा इस बात को अनदेखा कर दिया गया. पुनः किसानों ने हाई कोर्ट में अवमानना बाद दायर किया. लेकिन जमीन के मामले को विशेष सुनवाई हेतु मुंगेर के लारा कोर्ट में हस्तांतरित कर दिया गया. किसानों ने कहा कि लारा कोर्ट में सुनवाई पूरी होने से पहले ही रेलवे जोर जबरदस्ती कर जमीन हड़पने का प्रयास कर रही है. हमे जमीन देने में किसी प्रकार का कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन कोर्ट द्वारा निर्धारित किए गए उचित मुआवजा मिलने के बाद ही हम लोग रेल लाइन निर्माण का कार्य होने देंगे.

किसानों से मिल एसपी: जिले के पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा भी धरना दे रहे किसानों से मिलने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे थे। एसपी द्वारा किसानों से काफी देर तक बातचीत करते हुए हर संभव सहायता करने का आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन आश्वासन के बावजूद किसान धरना तोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए थे। बाद में एसपी ने किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से धरना देते हुए काम बाधित न करने का आग्रह किया था।

इसे भी पढ़े- Motihari Land Acquisition: रेलवे लाइन दोहरीकरण में आ रही अड़चन, जन सुनवाई में लोगों ने कहा- 'नहीं छोड़ेंगे अपनी जमीन'

शेखपुरा: बिहार के शेखपुरा जिले के बरबीघा में नारायणपुर और परसोबीघा में रेल लाइन निर्माण को लेकर किसानों की जमीन अधिगृहित की गई थी. ऐसे में 2014 के अधिकतम बाजार दर से मुआवजा की मांग लेकर पिछले 12 दिनों से किसानों का धरना जारी है. कड़ाके किट हाथ के बीच बड़ी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष मुआवजा की मांग को लेकर धरना पर बैठे हुए हैं. किसानों की मांग का समाजवादी नेता शिव कुमार ने भी समर्थन किया है. बुधवार को वे किसानों के साथ काफी देर तक धरना में भी बैठे रहे.

जिला प्रशासन किसानों को ठग रही: समाजवादी नेता शिव कुमार ने संबोधन में कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने 2014 के दर से मुआवजा देने का निर्देश सरकार और प्रशासन को दिया था. फिर भी प्रशासन ने उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू नहीं किया. प्रशासन मोटा नजराना मांग रहा था, जिसे किसान जब नहीं दे सके तो इन्हें कोर्ट मे भेज दिया गया. वहां भी जिला प्रशासन ने जो कागजात भेजा वह भ्रमित करने वाला है.

Farmers Protest In Sheikhpura
भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी

"प्रशासन जिला के किसानों को ठगने का काम कर रही है. किसान पिछले 12 दिनों से कड़ाके की ठंड के बीच मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं रेल प्रशासन लगातार निर्माण कार्य को लेकर मिट्टी के समतलीकरण का कार्य शुरू कर चुका है. सासंद, विधायक और नगर परिषद द्वारा धरनार्थियों की उपेक्षा की जा रही है. कोई भी हाल चाल लेने नहीं पहुंचा है. हम इसकी घोर निंदा करते है. जनप्रतिनिधि आज जनता से विमुख रहते है. समय आने पर जनता उन्हें सबक सीखायेगी." - शिव कुमार, समाजवादी नेता

किसानों ने खुद से बनाया टेंट: किसान रंजीत कुमार, भोला प्रसाद, दरोगी प्रसाद इत्यादि ने बताया कि प्रशासन के डर से एक भी टेंट हाउस के संचालक धरना स्थल पर टेंट लगाने के लिए तैयार नहीं हुआ. इसके बाद किसानों ने खुद से टेंट लगाते हुए रात से ही धरना देना शुरू कर दिया है. किसान ने कहा है कि बिना भुगतान के रेल लाइन सिर्फ उनकी लाशों के ऊपर से होकर ही बनेगी. धरना में शामिल महिलाओं ने भी जिला प्रशासन और सरकार को जमकर खड़ी खोटी सुनाई है.

Farmers Protest In Sheikhpura
भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी

किसानों को मिला कई राजनीतिक दलों का साथ: मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों को अब कई राजनीतिक दलों का साथ मिला है. जिसमें आम आदमी पार्टी, सीपीआई, न्यायिक जन संघर्ष मोर्चा आजाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कन्हैया कुमार बादल, समाजवादी नेता शिवकुमार व अन्य नेताओं का समर्थन मिला है. इन नेताओं ने भी जिला प्रशासन से इस ओर उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है. गौरतलब हो के किसानों के धरना स्थल पर अभी तक स्थानीय विधायक और एमपी तक मिलने नहीं पहुंचे जिस कारण किसानों में आक्रोश है.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, निर्माणाधीन रेल लाइन को लेकर नारायणपुर मौजा में 200 से अधिक किसानों का रेलवे द्वारा जमीन अधिग्रहण किया गया है. भू-अर्जन विभाग द्वारा अधिग्रहित भूमि को पूर्व में कृषि भूमि बताकर मुआवजा तय किया गया था. इस निर्णय के खिलाफ किसानों ने वर्ष 2013 में हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था. वर्ष 2019 में हाईकोर्ट ने किसानों के हक में फैसला देते हुए जिला प्रशासन को एक-एक 2014 के अधिसूचना के अनुसार जमीन का मुआवजा तय करने का निर्देश दिया था.

रेलवे द्वारा जमीन हड़पने की कोशिश: लेकिन जिला प्रशासन द्वारा इस बात को अनदेखा कर दिया गया. पुनः किसानों ने हाई कोर्ट में अवमानना बाद दायर किया. लेकिन जमीन के मामले को विशेष सुनवाई हेतु मुंगेर के लारा कोर्ट में हस्तांतरित कर दिया गया. किसानों ने कहा कि लारा कोर्ट में सुनवाई पूरी होने से पहले ही रेलवे जोर जबरदस्ती कर जमीन हड़पने का प्रयास कर रही है. हमे जमीन देने में किसी प्रकार का कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन कोर्ट द्वारा निर्धारित किए गए उचित मुआवजा मिलने के बाद ही हम लोग रेल लाइन निर्माण का कार्य होने देंगे.

किसानों से मिल एसपी: जिले के पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा भी धरना दे रहे किसानों से मिलने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे थे। एसपी द्वारा किसानों से काफी देर तक बातचीत करते हुए हर संभव सहायता करने का आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन आश्वासन के बावजूद किसान धरना तोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए थे। बाद में एसपी ने किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से धरना देते हुए काम बाधित न करने का आग्रह किया था।

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