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महज 8 फर्जी नर्सिंग होम पर कार्रवाई करके जिला प्रशासन ने मूंदी आंखें, उठे सवाल

जिला प्रशासन की जिले में झोलाछाप, अप्रशिक्षित और गैर लाइसेंसी चिकित्सकों पर कार्रवाई की शुरुआत अचानक धीमी पड़ गई. झोलाछाप डॉक्टरों पर चलाई गई मुहिम महज आठ नर्सिंग होम को सील करके रूक गई.

फर्जी नर्सिंग होम पर कार्रवाई
शेखपुरा में फर्जी नर्सिंग होम पर कार्रवाई
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Published : Jan 21, 2021, 12:17 PM IST

शेखपुरा: जिले में झोलाछाप, अप्रशिक्षित और गैर लाइसेंसी चिकित्सकों पर कार्रवाई की शुरुआत अचानक धीमी पड़ गई. पिछले दिनों जिले के सभी प्रखंडों में जिलाधिकारी के आदेश से झोलाछाप डॉक्टर और फर्जी नर्सिंग होम द्वारा फर्जी तरीके से किए जा रहे गंभीर रोगों के ऑपरेशन और इलाज पर रोकथाम के लिए वरीय अधिकारियों द्वारा छापेमारी की गई थी. जिसमें बड़े पैमाने पर चिकित्सा महकमे में गोरखधंधे का मामला उजागर हुआ था.

फर्जीवाड़े के मामले में बरबीघा के तीन नर्सिंग होम पर गलत तरीके से ऑपरेशन करने, गैर प्रशिक्षित चिकित्सकों से इलाज करने और गैर लाइसेंसी नर्सिंग होम का मामला पाए जाने पर एफआईआर दर्ज करायी गयी. उम्मीद जताई जा रही थी कि जिले के अन्य प्रखंडों में भी फर्जी तरीके से चल रहे मेडिकल फर्जीवाड़े की कलई खुलेगी और उस पर नकेल कसा जाएगा. लेकिन अभी तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार शेखपुरा के 5 और बरबीघा के तीन नर्सिंग होम पर एफआईआर दर्ज करवाकर प्रशासन ने आंखें मूंद लीं. बताया जाता है कि शेखपुरा और बरबीघा को छोड़कर अन्य प्रखंडों में महज खानापूर्ति कर काम चलाया गया. जिसकी वजह से फर्जीवाड़ा करनेवाले झोलाछाप डॉक्टरों पर अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी.

यह भी पढ़ें: जिसे उंगली पकड़कर चलना सिखाया, 19 साल बाद वही हाथ पकड़कर घर लाया

जिलाधिकारी के आदेश को भी नहीं मानते चिकित्सा पदाधिकारी !
सूत्रों की मानें तो शेखोपुरसराय प्रखंड में भी फर्जी नर्सिंग होम और गलत तरीके से ऑपरेशन, गर्भपात और इलाज कराये जाने का मामला प्रकाश में आया था. जांच रिपोर्ट के आधार जिला पदाधिकारी ने एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया था. लेकिन शेखोपुरसराय प्रखंड में अभी तक मामला दर्ज नहीं कराकर जिलाधिकारी के आदेश को खुलेआम चुनौतियां दी गई. इसी तरह का मामला अन्य प्रखंडों में भी देखने को मिल रहा है. जहां डीएम के आदेश की अनदेखी की जा रही है.

यह भी पढ़ें: खस्ताहाल बिहटा रेफरल अस्पताल, खौफ के साए में ड्यूटी कर रहे स्वास्थयकर्मी

जिले में सैकड़ों गैर लाइसेंसी नर्सिंग होम
सदर प्रखंड के सदर अस्पताल के इर्द-गिर्द दल्लु मोड़, हसनगंज, प्रोफ़ेसर कॉलोनी, गिरिहिंडा चौक, जमालपुर बीघा आदि मुहल्लों में दर्जनों गैर लाइसेंसी तथा अप्रशिक्षित डॉक्टर रात-दिन इलाज कर जिला प्रशासन खुली चुनौती दे रहे हैं. बताया जाता है कि ऐसे फर्जी नर्सिंग होम संचालकों की राजनीतिक पहुंच है. जिस वजह से अधिकारी भी कार्रवाई करने से कतराते हैं.

गैर लाइसेंसी दवा दुकानें भी संचालित
जिले में फर्जी चिकित्सालयों में ऑपरेशन थियेटर हो न हो लेकिन दवा काउंटर जरूर दिखाई पड़ता है. ऐसे दवा दुकानों के पास न तो कोई लाइसेंस है और न ही स्टेंडर्ड दवाएं. इन दवा काउंटरों पर वही दवाएं बिकती हैं जिसमें नर्सिंग होम संचालक को ज्यादा मुनाफा मिलता है.

शेखपुरा: जिले में झोलाछाप, अप्रशिक्षित और गैर लाइसेंसी चिकित्सकों पर कार्रवाई की शुरुआत अचानक धीमी पड़ गई. पिछले दिनों जिले के सभी प्रखंडों में जिलाधिकारी के आदेश से झोलाछाप डॉक्टर और फर्जी नर्सिंग होम द्वारा फर्जी तरीके से किए जा रहे गंभीर रोगों के ऑपरेशन और इलाज पर रोकथाम के लिए वरीय अधिकारियों द्वारा छापेमारी की गई थी. जिसमें बड़े पैमाने पर चिकित्सा महकमे में गोरखधंधे का मामला उजागर हुआ था.

फर्जीवाड़े के मामले में बरबीघा के तीन नर्सिंग होम पर गलत तरीके से ऑपरेशन करने, गैर प्रशिक्षित चिकित्सकों से इलाज करने और गैर लाइसेंसी नर्सिंग होम का मामला पाए जाने पर एफआईआर दर्ज करायी गयी. उम्मीद जताई जा रही थी कि जिले के अन्य प्रखंडों में भी फर्जी तरीके से चल रहे मेडिकल फर्जीवाड़े की कलई खुलेगी और उस पर नकेल कसा जाएगा. लेकिन अभी तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार शेखपुरा के 5 और बरबीघा के तीन नर्सिंग होम पर एफआईआर दर्ज करवाकर प्रशासन ने आंखें मूंद लीं. बताया जाता है कि शेखपुरा और बरबीघा को छोड़कर अन्य प्रखंडों में महज खानापूर्ति कर काम चलाया गया. जिसकी वजह से फर्जीवाड़ा करनेवाले झोलाछाप डॉक्टरों पर अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी.

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जिलाधिकारी के आदेश को भी नहीं मानते चिकित्सा पदाधिकारी !
सूत्रों की मानें तो शेखोपुरसराय प्रखंड में भी फर्जी नर्सिंग होम और गलत तरीके से ऑपरेशन, गर्भपात और इलाज कराये जाने का मामला प्रकाश में आया था. जांच रिपोर्ट के आधार जिला पदाधिकारी ने एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया था. लेकिन शेखोपुरसराय प्रखंड में अभी तक मामला दर्ज नहीं कराकर जिलाधिकारी के आदेश को खुलेआम चुनौतियां दी गई. इसी तरह का मामला अन्य प्रखंडों में भी देखने को मिल रहा है. जहां डीएम के आदेश की अनदेखी की जा रही है.

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जिले में सैकड़ों गैर लाइसेंसी नर्सिंग होम
सदर प्रखंड के सदर अस्पताल के इर्द-गिर्द दल्लु मोड़, हसनगंज, प्रोफ़ेसर कॉलोनी, गिरिहिंडा चौक, जमालपुर बीघा आदि मुहल्लों में दर्जनों गैर लाइसेंसी तथा अप्रशिक्षित डॉक्टर रात-दिन इलाज कर जिला प्रशासन खुली चुनौती दे रहे हैं. बताया जाता है कि ऐसे फर्जी नर्सिंग होम संचालकों की राजनीतिक पहुंच है. जिस वजह से अधिकारी भी कार्रवाई करने से कतराते हैं.

गैर लाइसेंसी दवा दुकानें भी संचालित
जिले में फर्जी चिकित्सालयों में ऑपरेशन थियेटर हो न हो लेकिन दवा काउंटर जरूर दिखाई पड़ता है. ऐसे दवा दुकानों के पास न तो कोई लाइसेंस है और न ही स्टेंडर्ड दवाएं. इन दवा काउंटरों पर वही दवाएं बिकती हैं जिसमें नर्सिंग होम संचालक को ज्यादा मुनाफा मिलता है.

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