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शेखपुरा में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा 30 वर्षों से कर रहा चित्रगुप्त पूजा, इस साल भी धूमधाम से हुआ आयोजन

Chitragupta Puja In Sheikhpura: देश भर में चित्रगुप्त पूजा धूमधाम से मनाई गई. बिहार के शेखपुरा जिले में भी अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के द्वारा चित्रगुप्त पूजा का आयोजन किया गया. बता दें कि दीपावली के 2 दिन बाद कार्तिक मास की शुक्‍ल द्वितीया के दिन भगवान चित्रगुप्‍त की पूजा की जाती है.

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शेखपुरा में चित्रगुप्त पूजा का आयोजन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 15, 2023, 8:50 PM IST

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के द्वारा चित्रगुप्त पूजा आयोजित

शेखपुरा: शेखपुरा जिले के नगर परिषद क्षेत्र के बिचली गली मड़पसोना मोहल्ले में पिछले 30 वर्षों से अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के द्वारा चित्रगुप्त पूजा का आयोजन किया जा रहा है. इस चित्रगुप्त पूजा में कायस्थ समाज के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. बताया गया कि पूजा की तैयारी करीब एक माह पहले ही शुरू हो जाती है, जहां समाज के लोगों से चंदा इकट्ठा करने से लेकर कार्यक्रम का पूरा आयोजन करते हैं.

30 वर्षों से चित्रगुप्त पूजा का आयोजन: इस संबंध में जानकारी देते हुए अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिला अध्यक्ष राजन कुमार वर्मा ने बताया कि कायस्थ महासभा के द्वारा 30 वर्षों से लगातार चित्रगुप्त पूजा का आयोजन किया जा रहा है. चित्रगुप्त पूजा के पश्चात समाज के लोगों के लिए बुद्धिजीवियों के लिए भोज का आयोजन भी किया जाता है. इस चित्रगुप्त पूजा में कई गणमान्य लोगों को निमंत्रित किया गया.

चित्रगुप्त पूजा की खास मान्यता: चित्रगुप्त पूजा दीपावली के 2 दिन बाद कार्तिक मास की शुक्‍ल द्वितीया के दिन की जाती है. इस दिन भगवान चित्रगुप्‍त की पूजा की जाती है. मान्‍यताओं के अनुसार, भगवान चित्रगुप्‍त यमराज के सहयोगी माने जाते हैं और मनुष्‍यों के कर्मों का लेखाजोखा रखने का काम उनको सौंपा गया है. कायस्थ समाज के लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना बड़े धूमधाम से करते हैं.

कलम-दवात के साथ चित्रगुप्त भगवान का अवतारः मान्यता है कि चित्रगुप्त भगवान का अवतार कलम दवात के साथ हुआ था. धर्मराज के दरबार में भगवान चित्रगुप्त धर्म-धर्म का लेखा-जोखा करते थे. उनके कार्य कुशलता को देखकर ब्रह्मा जी द्वारा वरदान दिया गया था कि उनके वंशज भी सभी गुणों से निपुन होंगे. कहा जाता है कि आज के दिन महाराज चित्रगुप्त की पूजा करने से मरणोपरांत नरक से मुक्ति मिलती है और कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है.

"कायस्थ महासभा के द्वारा 30 वर्षों से लगातार चित्रगुप्त पूजा का आयोजन किया जा रहा है. चित्रगुप्त पूजा के पश्चात समाज के लोगों के लिए बुद्धिजीवियों के लिए भोज का आयोजन भी किया जाता है जिसमें कई गणमान्य लोगों को निमंत्रित किया जाता है."- राजन कुमार वर्मा, जिला अध्यक्ष, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा

समाज के कई लोग रहे मौजूद: इस मौके पर जिला अध्यक्ष राजन कुमार वर्मा, महासचिव दीनानाथ सिंह,सचिव उत्तम कुमार, उपसचिव सज्जन कुमार, नीरव कुमार, धीरज कुमार, अरुण कुमार सोनी, पुरुषोत्तम कुमार, आशुतोष आनंद, राहुल कुमार सहित अन्य सदस्य गण मौजूद रहे. सभी ने हर्षोल्लास के साथ पूजा मनाया.

पढ़ें: Chitragupta Puja 2023: मसौढी में धूमधाम से की गई चित्रगुप्त पूजा, कलम दवात अर्पित कर सुख समृद्धि की कामना की

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के द्वारा चित्रगुप्त पूजा आयोजित

शेखपुरा: शेखपुरा जिले के नगर परिषद क्षेत्र के बिचली गली मड़पसोना मोहल्ले में पिछले 30 वर्षों से अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के द्वारा चित्रगुप्त पूजा का आयोजन किया जा रहा है. इस चित्रगुप्त पूजा में कायस्थ समाज के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. बताया गया कि पूजा की तैयारी करीब एक माह पहले ही शुरू हो जाती है, जहां समाज के लोगों से चंदा इकट्ठा करने से लेकर कार्यक्रम का पूरा आयोजन करते हैं.

30 वर्षों से चित्रगुप्त पूजा का आयोजन: इस संबंध में जानकारी देते हुए अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिला अध्यक्ष राजन कुमार वर्मा ने बताया कि कायस्थ महासभा के द्वारा 30 वर्षों से लगातार चित्रगुप्त पूजा का आयोजन किया जा रहा है. चित्रगुप्त पूजा के पश्चात समाज के लोगों के लिए बुद्धिजीवियों के लिए भोज का आयोजन भी किया जाता है. इस चित्रगुप्त पूजा में कई गणमान्य लोगों को निमंत्रित किया गया.

चित्रगुप्त पूजा की खास मान्यता: चित्रगुप्त पूजा दीपावली के 2 दिन बाद कार्तिक मास की शुक्‍ल द्वितीया के दिन की जाती है. इस दिन भगवान चित्रगुप्‍त की पूजा की जाती है. मान्‍यताओं के अनुसार, भगवान चित्रगुप्‍त यमराज के सहयोगी माने जाते हैं और मनुष्‍यों के कर्मों का लेखाजोखा रखने का काम उनको सौंपा गया है. कायस्थ समाज के लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना बड़े धूमधाम से करते हैं.

कलम-दवात के साथ चित्रगुप्त भगवान का अवतारः मान्यता है कि चित्रगुप्त भगवान का अवतार कलम दवात के साथ हुआ था. धर्मराज के दरबार में भगवान चित्रगुप्त धर्म-धर्म का लेखा-जोखा करते थे. उनके कार्य कुशलता को देखकर ब्रह्मा जी द्वारा वरदान दिया गया था कि उनके वंशज भी सभी गुणों से निपुन होंगे. कहा जाता है कि आज के दिन महाराज चित्रगुप्त की पूजा करने से मरणोपरांत नरक से मुक्ति मिलती है और कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है.

"कायस्थ महासभा के द्वारा 30 वर्षों से लगातार चित्रगुप्त पूजा का आयोजन किया जा रहा है. चित्रगुप्त पूजा के पश्चात समाज के लोगों के लिए बुद्धिजीवियों के लिए भोज का आयोजन भी किया जाता है जिसमें कई गणमान्य लोगों को निमंत्रित किया जाता है."- राजन कुमार वर्मा, जिला अध्यक्ष, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा

समाज के कई लोग रहे मौजूद: इस मौके पर जिला अध्यक्ष राजन कुमार वर्मा, महासचिव दीनानाथ सिंह,सचिव उत्तम कुमार, उपसचिव सज्जन कुमार, नीरव कुमार, धीरज कुमार, अरुण कुमार सोनी, पुरुषोत्तम कुमार, आशुतोष आनंद, राहुल कुमार सहित अन्य सदस्य गण मौजूद रहे. सभी ने हर्षोल्लास के साथ पूजा मनाया.

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