शेखपुरा: बिहार में शिक्षा व्यवस्था (Education System in Bihar) हमेशा किसी न किसी कारण से चर्चा में रहती है. एक बार फिर ऐसा मामला सामने आया है जिसे पढ़कर आप भी सोचने को मजबूर हो जायेंगे. शेखपुरा (Sheikhpura) में शिक्षा विभाग (education Department) की कारस्तानी सामने आयी है. यहां टार्गेट पूरा करने के लिए बिना जन्म लिए ही दो बच्चों का नामांकन स्कूल में करा दिया गया. इसकी जानकारी मिलते ही बच्चों के परिजनों ने बवाल मचा दिया.
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इस बाबत कैथवां गांव निवासी गोपाल कुमार ने बताया की उनके पुत्री मुस्कान कुमारी एवं पुत्र राजा कुमार का नामांकन प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी द्वारा जन्म से पहले ही कर लिया गया था. यह जानकारी उसके परिजनों को तब मिली जब विद्यालय की ओर से उसके पुत्र और पुत्री को सीएलसी दिया गया. इसमें उसकी पुत्री का नामांकन 2009 दिखाया गया है. जबकि उसकी जन्मतिथि 14 जुलाई 2011 है.
वहीं, उसके पुत्र का नामांकन 2008 में दिखाया जबकि उसकी जन्मतिथि 22 जुलाई 2012 है. इसके बाद उसके पिता गोपाल कुमार प्राथमिक विद्यालय पहुंचे और अपने पुत्र और पुत्री के जन्म प्रमाण पत्र में सुधार करने का कहा. प्रधानाध्यापिक ने सुधार करने के बजाय दोनों का सीएलसी फाड़कर फेंक दिया गया. इसके उपरांत पीड़ित द्वारा जिला लोक शिकायत में परिवाद दायर किया गया.
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इसमें बताया गया कि शिक्षा विभाग के द्वारा खानापूर्ति एवं लक्ष्य को पूरा करने को लेकर जन्म से पहले ही बच्चे एवं बच्ची का नामांकन कर लिया जा रहा है. इसके कारण उसके पुत्र व पुत्री का नामांकन भी जन्म से पूर्व ही कर लिया गया था. उसने आज तक अपनी बच्ची का नामांकन प्राथमिक विद्यालय में नहीं कराया है. दोनों शुरू से ही प्राइवेट स्कूल में शिक्षा ले रहे हैं.
वहीं, लोक शिकायत में परिवाद दायर करने के बाद लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के द्वारा जन्मतिथि में सुधार कर दिया गया. अब जिला शिक्षा पदाधिकारी रंजीत पासवान एवं प्राथमिक मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रतिभा कुमारी के द्वारा उसे आवेदन देकर दो स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने का हवाला देकर प्राथमिकी दर्ज करने की धमकी दे रहे हैं. पीड़ित ने इसकी शिकायत डीएम से कर मदद की गुहार लगायी है.
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