शेखपुरा: जिले में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस बीच जिले में कोरोना से 6ठीं मौत हो गई है. एसीएमओ डॉ.कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह से मिली जानकारी के अनुसार, बरबीघा के काशीबीघा गांव निवासी 50 वर्षीय आशा कार्यकर्ता इंदु देवी की सोमवार को मौत हो गई है.
पटना में चल रहा था इलाज
बता दें 10 दिन पूर्व घर पर ही महिला छत से गिर कर गंभीर रूप से घायल हो गयी थी. जिसका इलाज पटना में चल रहा था. जहां उसकी मौत हो गयी. जिले में यह कोरोना से छठी मौत है. इससे पहले चांदनी चौक स्थित एसबीआई बैंक में हवलदार पद पर कार्यरत कृष्णा सिंह की मौत हुयी थी. जबकि दूसरी मौत शेखपुरा नगर परिषद् क्षेत्र के माहुरी टोला निवासी नित्यनन्द पाण्डे की हुई है.
शिक्षक की भी मौत
तीसरी मौत बरबीघा के बुल्लाचक निवासी सह शिक्षक राज किशोर सिंह की मौत हुई. इसके आलावा चौथी मौत बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के समाचक मुहल्ला निवासी 85 वर्षीय महिला सुमित्रा देवी की हुई है और पांचवी मौत चेवाड़ा प्रखंड के धमसेना गांव निवासी सुनैना देवी की हुई है.
संक्रमितों की संख्या हुई 1570
जिले में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 1570 पहुंच गई है. जिसमे सोमवार को 451 सैंपल के जांच के बाद एक भी नए संक्रमित नहीं मिले हैं. उन्होंने बताया कि जिले में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 325 है. जबकि 1162 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं. एसीएमओ ने बताया कि 303 लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया. जबकि 22 मरीजों का कोविड केयर में बेहतर चिकित्सक इलाज कर रहे हैं.
कोरोना जांच में कमी
एसीएमओ ने बताया कि स्वास्थ कर्मी के हड़ताल पर चले जाने से कोरोना जांच में कमी आई है. बरबीघा में सोमवार को कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद एक आशा कार्यकर्ता की मौत हो गई. मृतक महिला की पहचान प्रखंड के काशीबीघा गांव निवासी स्व.गीता सिंह की 50 वर्षीय पत्नी इंदु देवी के रूप में की गई है. उनके परिजनों ने बताया कि 10 दिन पूर्व घर पर ही महिला छत पर से गिरने के कारण बुरी तरह से जख्मी हो गई थी.
कोरोना के कारण मौत
गंभीर अवस्था में उसे इलाज के लिए पटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां कोरोना की जांच करने पर रिपोर्ट भी पॉजिटिव आयी थी. लगभग 10 दिनों तक चले जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष में मौत ने जिंदगी को मात दे दी और महिला की कोरोना के कारण मौत हो गई. अस्पताल के प्रशासनिक प्रभारी डॉक्टर फैजल अरशद ने कहा कि अभी भी लोगों को सजग और सावधान रहने की जरूरत है. निरंतर मास्क का उपयोग करना सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करना ही एकमात्र बचाव है.