शिवहार: बिहार के शिवहर जिला मुख्यालय स्थित संयुक्त कृषि भवन के सभागार में कृषि वैज्ञानिक मिलन कार्यक्रम हुआ. इसका शुभारंभ जिला पदाधिकारी राम शंकर ने किया. उन्होंने मोटे अनाज के उत्पादन पर जोर दिया. कृषि वैज्ञानिक मिलन कार्यक्रम में जिले भर के चयनित किसान भी मौजूद रहे. वहीं किसान सलाहकार, कृषि विज्ञान केंद्र के सभी वैज्ञानिक, कृषि समन्वयक आदि मौजूद रहे.
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मोटे अनाज की बढ़ रही मांगः कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि पदाधिकारी के द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी गई. डीएम ने कहा कि मोटे अनाजों की मांग अब फिर से बढ़ने लगी है. बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए मोटे अनाज की महती आवश्यकता है. इसे देखते हुए ही भारत सरकार ने इस वर्ष को मिलेट वर्ष घोषित किया है. जिला पदाधिकारी राम शंकर ने मोटे अनाज के उपयोग एवं इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया.
मिलेट की खेती को बढ़ावाः अन्य वैज्ञानिकों ने भी मिलेट वर्ष के महत्व को विस्तार से बताया. कहा कि हम इसकी खेती को बढ़ावा दें और अधिक आमदनी प्राप्त करें. मौके पर जिला पदाधिकारी राम शंकर, अपर समाहर्ता कृष्ण मोहन सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी आफाक अहमद, कृषि पदाधिकारी कमलेश कुमार, प्रधान कृषि समन्वयक डॉक्टर संजय कुमार आदि मौजूद रहे.
मिलेट के लाभः मिलेट में फाइबर होता है, जो की पाचन स्वास्थ्य में योगदान देता है. मिलेट में मैग्नीशियम होता है, जो हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद करता है. मिलेट अमीनो एसिड, ट्रिप्टोफैन की उच्च सांद्रता के कारण व्यक्ति के मूड को बेहतर बना सकता है. 2021 के एक अध्ययन से पता चलता है कि मिलेट टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिम को कम कर सकता है. यह मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में भी मदद करता है. मिलेट एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत है.