शिवहर: बिहार के शिवहर में वृक्षारोपण (Tree Plantation In Sheohar) के नाम पर करोड़ों की राशि का बंदरबांट तो हुआ लेकिन पेड़ कहीं नजर नहीं आ रहा (Truth Of Tree Plantation In Sheohar) हैं. जिसके कारण अब इस संबंध में कई प्रश्न खड़े हो गए हैं. जितनी मुहं उतनी बातें हो रही हैं. इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता मुकुन्द प्रकाश मिश्र ने जब वन प्रमंडल पदाधिकारी सीतामढ़ी से सूचना के अधिकार के तहत पिछले 6 वर्षों में रोपे गए पौधों की संख्या तथा इसमें व्यय की गई राशि की जानकारी हेतु आवेदन किया.
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वृक्षारोपण के नाम पर करोड़ों की राशि का बंदरबांट : विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आरटीआई रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017-18 में शहरी वानिकी वर्षोकालीन बांस गैबियन वृक्षारोपण योजना (पथ तट) के तहत न्यायालय परिसर शिवहर दाया भाग में 300 पौधे लगाए गए. इस मद में 384627 रूपया खर्च किए गए. वहीं, वर्ष 2017-18 में ही इसी योजना अन्तर्गत न्यायालय परिसर शिवहर बायां भाग में 300 पौधे रोपे गए. इस मद में 409000 रूपये खर्च किए गए. वहीं, वर्ष 2018-19 में टैम्पा योजना नहर नदी तट योजना के तहत शिवहर-सिंगाही से पिपराही बांध तक 20000 पौधे रोपे गए. इस मद में 868600 खर्च किए गए.
पातेपुर से भट्हा के बीच 10000 पौधे रोपे गए : पथ तट योजना के तहत एनएच 104 पातेपुर से भट्हा के बीच 10000 पौधे रोपे गए. इस मद में 1611679 खर्च किए गए जबकि पथ तट योजना बांस गैबियन योजना के तहत बेदौल बाज से सिंघोरवा तक 500 पौधे रोपे गए. इस मद में 442850 खर्च किए गए जबकि वर्ष बाह्य स्रोत योजना के तहत पिपराही से बेलघाट तक 10000 पौधे रोपे गए. इस मद में 946431 खर्च किए गए. वर्ष 2019-20 में कैंपा योजना पथ तट के तहत मुंशी चौक से तरियानी छपरा तक 4000 पौधे लगाए गए. इस मद में 743778 खर्च किए गए.
बागमती बांध बाहरी भाग में 10000 पौधे रोपे गए : इसी वर्ष टैम्पा योजना नहर नदी तट के तहत हरपुर से कुम्मा बागमती बांध बाहरी भाग में 10000 पौधे रोपे गए. इसमें 574056 खर्च किए गए. पथ तट योजना के तहत बसंतपंट्टी से अदौरी के बीच 500 पौधे रोपे गए. इस मद में 777092 खर्च किए गए. जबकि शिवहर से मीनापुर के बीच 500 पौधे रोपे गए. इस मद में 777092 रूपये खर्च किए गए. पुलिस लाइन शिवहर में 500 पौधे रोपे गए. इस मद में 777092 रूपया खर्च किया गया. इसी वर्ष वन महोत्सव में विभिन्न स्थानों पर 500 पौधारोपण किया गया जिसमें 777091 रूपयें खर्च किए गए.
नदी तट योजना : अगर वर्ष 2020-21 की करें तो इस वर्ष कैम्पा योजना नहर नदी तट योजना अंतर्गत महादेवा से कुंडल छपरा तक बागमती बांध भीतरी भाग में 4500 पौधे रोपे गए. इस मद में 414167 रूपये खर्च किए गए. वर्ष 2021-22 में जल जीवन हरियाली योजना के तहत सुंदरपुर बाजार से सिमर चौक तक 500 पौधे रोपे गए. इस मद में 99648 रूपया खर्च किए गए. जबकि सलेमपुर बाजार से कनुआनी बाजार तक 500 पौधे रोपे गए. इस मद में भी 99648 रुपए खर्च किए गए.
समाहरणालय परिसर शिवहर में 200 पौधे रोपे गए : इसी वर्ष समाहरणालय परिसर शिवहर में 200 पौधे रोपे गए. इस मद में 39858 रुपए खर्च किए गए. जबकि कुम्मा से बैरिया के बीच 7000 पौधे रोपे गए. इस मद में 1395071 रुपए खर्च किए गए. धनकौल से हरपुर के बीच में 7000 पौधे रोपे गए. इस मध्य में 1395071 रुपए खर्च किए गए. मोतना से कोठा बाजार तक 8000 पौधे रोपे गए. इस मद में 1594367 रूपये खर्च किए गए. वहीं, वर्ष 2022-23 में पथ तट योजना के तहत सोनौली चौक से मोहन बराही पिपराही के बीच 500 पौधे रोपे गए. इस मद में 294606 रूपया खर्च किया गया.
मथुरापुर से बंजरिया के बीच में 500 पौधे लगाए गए: जबकि मथुरापुर से बंजरिया के बीच में 500 पौधे लगाए गए. इस मद में 294605 रूपया खर्च किए गए. इस तरह शिवहर जिला में वर्ष 2017-18 में 600, वर्ष 2018-19 में 45000, वर्ष 2019-20 में 16000, वर्ष 2020-21 में 4500, वर्ष 2021-22 में 23200 तथा वर्ष 2022-23 में 1000 पौधे रोपे गए. अर्थात पिछले 6 वर्षों में 85800 पौधे रोपे गए. इस मद में कुल 14716429 रूपया खर्च किया गया. इतना खर्च कर अगर पौधे लगाए गये होते तो हर सड़क के किनारे पौधा दिखाई देता और लोगों को पर्यावरण को लाभ होता.
एक करोड़ 67 लाख बाढ़ घोटाला : जिले में एक करोड़ 67 लाख बाढ़ घोटाला सामने आने के बाद यह दूसरा वृक्षारोपण घोटाले का खुलासा भी आरटीआई के माध्यम से ही हुआ है. लोजपा रामविलास के जिलाध्यक्ष विजय पांडे ने बाढ़ और वृक्षारोपण घोटाले की न्यायिक जांच के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा है की- 'जांच-पड़ताल कर दोषी कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए. जिससे जिले में भ्रष्टाचार और लूट बंद हो सके. सुशासन की सरकार में घोटाला सरकार की पोल खोलकर रख दिया है. सरकार द्वारा जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो हमारी पार्टी भ्रष्टाचार और घोटाले को पर्दाफाश करने को लेकर गांव से शहर तक जनांदोलन करेगी.'