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बाढ़ के पानी से फसलें बर्बाद, भुखमरी की कगार पर पहुंचे किसान - बागमती और लखनदेई

पहले कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किये गये लॉकडाउन ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी. वहीं, अब बिहार में कोरोना के साथ-साथ बाढ़ ने अन्नदाताओं की मुसीबतें बढ़ा दी हैं.

flood water in Sheohar
flood water in Sheohar
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Published : Jul 24, 2020, 5:10 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 4:56 PM IST

शिवहर: लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं. वहीं, नदियों से निकला पानी खेतों तक पहुंच गया है. बाढ़ के पानी से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने जहां पहले ही किसानों की कमर तोड़ दी है. अब बाढ़ से उन्हें दोगुना नुकसान उठाना पड़ रहा है.

शिवहर में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बागमती और लखनदेई सहित अन्य नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. किसानों के खेतों में दो से 3 फीट बाढ़ का पानी जमा हुआ है. लिहाजा, फसल बर्बाद हो रही हैं.

खेतों में जमा बाढ़ का पानी
खेतों में जमा बाढ़ का पानी

धान और मक्के की फसल बर्बादी की कगार पर
किसानों के धान मक्का और मरुआ की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. फसलें सड़ रही हैं. वहीं, किसानों के मवेशियों के लिए चारा भी मिलने में कठिनाई हो रही है. लिहाजा, अब किसान खेतों में सड़ रहे फसलों को काटकर मवेशियों को खिला रहे हैं.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

किसानों ने सरकार से मांगी मदद
किसान उमेश राय ने बिहार सरकार फसल क्षति के एवज में मुआवजे की मांग की है. उमेश राय का कहना है कि लगातार बारिश होने से किसानों के सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल 3 माह पूर्व ही पूरी तरह बर्बाद हो गए थी. जिले के किसान उस बर्बादी से अभी उभरे नहीं थे कि पूरे देश में कोरोना वायरस की महामारी को लेकर लॉकडाउन लगा दिया गया. अब लगातार बारिश होने से किसानों के फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. सरकार को अब किसानों के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.

शिवहर: लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं. वहीं, नदियों से निकला पानी खेतों तक पहुंच गया है. बाढ़ के पानी से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने जहां पहले ही किसानों की कमर तोड़ दी है. अब बाढ़ से उन्हें दोगुना नुकसान उठाना पड़ रहा है.

शिवहर में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बागमती और लखनदेई सहित अन्य नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. किसानों के खेतों में दो से 3 फीट बाढ़ का पानी जमा हुआ है. लिहाजा, फसल बर्बाद हो रही हैं.

खेतों में जमा बाढ़ का पानी
खेतों में जमा बाढ़ का पानी

धान और मक्के की फसल बर्बादी की कगार पर
किसानों के धान मक्का और मरुआ की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. फसलें सड़ रही हैं. वहीं, किसानों के मवेशियों के लिए चारा भी मिलने में कठिनाई हो रही है. लिहाजा, अब किसान खेतों में सड़ रहे फसलों को काटकर मवेशियों को खिला रहे हैं.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

किसानों ने सरकार से मांगी मदद
किसान उमेश राय ने बिहार सरकार फसल क्षति के एवज में मुआवजे की मांग की है. उमेश राय का कहना है कि लगातार बारिश होने से किसानों के सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल 3 माह पूर्व ही पूरी तरह बर्बाद हो गए थी. जिले के किसान उस बर्बादी से अभी उभरे नहीं थे कि पूरे देश में कोरोना वायरस की महामारी को लेकर लॉकडाउन लगा दिया गया. अब लगातार बारिश होने से किसानों के फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. सरकार को अब किसानों के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.

Last Updated : Aug 18, 2020, 4:56 PM IST
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