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Bihar Flood: डबरा नदी का बांध टूटने से गांव में घुसने लगा है पानी

सारण में डबरा नदी पर बना बांध कमजोर हो चुका है. गांव को डूबने से बचानेवाले बांध का कई हिस्सा कमजोर हो चुका है. गोविंदपुरा गांव में तो बांध का एक छोटा सा हिस्सा टूट भी गया. जिससे गांव में पानी घुसने लगा है.

सारण
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Published : Sep 4, 2021, 10:54 PM IST

छपराः जिले के इसुआपुर प्रखंड के पूर्वी छोर पर स्थित गोविंदपुरा गांव (Govindpura Village) के डबरा नदी (Dabra River) के पुल के पास शनिवार को नदी का बांध टूट गया. इससे पानी गांव में घुसने लगा है. सुबह से ही ग्रामीण चाह रहे थे कि बांध ना टूटे. भारी संख्या में ग्रामीण नदी तट पर इकट्ठा हो गए. वहीं नदी का धार रोकने के लिए गांव के युवाओं ने घरों में रखे टीन के करकट को उतारकर टूटे बांध पर बास के खंभों के सहारे टीका कर नदी के धार को कम करने का प्रयास किया. लेकिन ज्यादा देर पानी को रोक ना सके.

यह भी पढ़ें- अलर्ट: भागलपुर में फिर डरा रही गंगा, बीते 24 घंटे में जलस्तर में 6 सेंटीमीटर की वृद्धि

वहीं मुकेश सिंह और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि स्थानीय सुरेश सिंह की चिमनी पर ईंट बनाने और रखे मिट्टी को मंगाकर ट्रैक्टर और जेसीबी से टूटे बांध की मरम्मत भी की थी. तब जाकर तत्काल पानी का बहाव कुछ रुका था. उस वक्त तक इसका स्थाई निदान नहीं निकल सका था.

बता दें कि नदी के किनारे सड़क को सीधा बनाने के चक्कर में ठेकेदार ने बांध को काटकर नदी किनारे मिट्टी डाल दिया था. जिससे पानी का दबाव बढ़ने से कमजोर पड़ा बांध कुछ जगहों पर टूट गया. समय रहते प्रशासन द्वारा डबरा नदी के बांध की मरम्मत नहीं कराई जाती है तो इस बरसात में नदी से बड़ी तबाही हो सकती है.

बता दें कि अभी फिलहाल गांव के सड़क के पास बना बांध टूटा है. जिससे गांव में सारा पानी प्रवेश करने लगा है. लोगों को चिंता हो रही है कि कहीं बड़ा बांध ना टूट जाए. घटना की सूचना मिलने पर अंचलाधिकारी पुष्कर कुमार बांध पर पहुंचे. उन्होंने पंचायत चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता का हवाला देकर कहा कि वह इस संबंध में डीएम साहब से मार्गदर्शन लेकर मनरेगा के तहत टूटे बांध की मरम्मत कराने का प्रयास करेंगे.

पीड़ितों ने जब राहत की मांग की तो सीओ ने कहा कि बारिश के पानी से तबाही पर आपदा मदद देने का प्रावधान नहीं है. साथ ही कहा कि पानी से घिरे अफजलपुर तथा गोविंदा पुर गांव के लिए लोगों को घर से निकलने के लिए सरकारी स्तर पर दोनों नाव की व्यवस्था की गई है. वहीं छपिया पंचायत में भी एक गांव प्रशासनिक तौर पर दी गई है.

यह भी पढ़ें- जल संसाधन मंत्री संजय झा बोले- चूहे और बिलार भी हैं बिहार में बाढ़ की वजह

छपराः जिले के इसुआपुर प्रखंड के पूर्वी छोर पर स्थित गोविंदपुरा गांव (Govindpura Village) के डबरा नदी (Dabra River) के पुल के पास शनिवार को नदी का बांध टूट गया. इससे पानी गांव में घुसने लगा है. सुबह से ही ग्रामीण चाह रहे थे कि बांध ना टूटे. भारी संख्या में ग्रामीण नदी तट पर इकट्ठा हो गए. वहीं नदी का धार रोकने के लिए गांव के युवाओं ने घरों में रखे टीन के करकट को उतारकर टूटे बांध पर बास के खंभों के सहारे टीका कर नदी के धार को कम करने का प्रयास किया. लेकिन ज्यादा देर पानी को रोक ना सके.

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वहीं मुकेश सिंह और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि स्थानीय सुरेश सिंह की चिमनी पर ईंट बनाने और रखे मिट्टी को मंगाकर ट्रैक्टर और जेसीबी से टूटे बांध की मरम्मत भी की थी. तब जाकर तत्काल पानी का बहाव कुछ रुका था. उस वक्त तक इसका स्थाई निदान नहीं निकल सका था.

बता दें कि नदी के किनारे सड़क को सीधा बनाने के चक्कर में ठेकेदार ने बांध को काटकर नदी किनारे मिट्टी डाल दिया था. जिससे पानी का दबाव बढ़ने से कमजोर पड़ा बांध कुछ जगहों पर टूट गया. समय रहते प्रशासन द्वारा डबरा नदी के बांध की मरम्मत नहीं कराई जाती है तो इस बरसात में नदी से बड़ी तबाही हो सकती है.

बता दें कि अभी फिलहाल गांव के सड़क के पास बना बांध टूटा है. जिससे गांव में सारा पानी प्रवेश करने लगा है. लोगों को चिंता हो रही है कि कहीं बड़ा बांध ना टूट जाए. घटना की सूचना मिलने पर अंचलाधिकारी पुष्कर कुमार बांध पर पहुंचे. उन्होंने पंचायत चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता का हवाला देकर कहा कि वह इस संबंध में डीएम साहब से मार्गदर्शन लेकर मनरेगा के तहत टूटे बांध की मरम्मत कराने का प्रयास करेंगे.

पीड़ितों ने जब राहत की मांग की तो सीओ ने कहा कि बारिश के पानी से तबाही पर आपदा मदद देने का प्रावधान नहीं है. साथ ही कहा कि पानी से घिरे अफजलपुर तथा गोविंदा पुर गांव के लिए लोगों को घर से निकलने के लिए सरकारी स्तर पर दोनों नाव की व्यवस्था की गई है. वहीं छपिया पंचायत में भी एक गांव प्रशासनिक तौर पर दी गई है.

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