सारण: गड़खा प्रखंड के अलोनी दलित बस्ती वार्ड नंबर 9 और 11 में सड़क नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को पानी में खड़ा होकर विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया. राम प्रवेश मांझी, झकर माझी, बेदमिया देवी, सरलता देवी आदि ने बताया कि आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी हमारे गांव में सड़क नहीं बनी है.
सभी को दिया आवेदन
ग्रामीणों ने कहा कि कई बार सीओ, बीडीओ, डीएम और अन्य वरीय पदाधिकारियों को लिखित आवेदन दिया गया. लेकिन रोड बनाने का कार्य शुरू नहीं हुआ है. सरकार की तरफ से गांव-गांव रोड बनाने का दावा किया जा रहा है. लेकिन यहां रोड नहीं बनने से बरसात के दिनों में 6 महीने तक आवागमन बाधित रहता है.
लोगों को होती है परेशानी
मरीजों को कंधे और खाट के सहारे एनएच तक पहुंचाया जाता है. छोटे-छोटे बच्चे और बुजुर्गों को भी घर से मुख्य सड़क पर जाने में काफी परेशानी होती है. पानी, सांप, बिच्छू जैसे जहरीले कीड़ों से लोग परेशान रहते हैं. महज 200 मीटर की सड़क भी नहीं बन पा रही है.
वोट का करेंगे बहिष्कार
लोगों ने इस बार डीएम को आवेदन दिया है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. अंततः हम लोग रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा दे रहे हैं. गांव में नल-जल शौचालय समेत सात निश्चय का कोई भी सुविधा उपलब्ध नही हैं. इस बार पूर्णतः विधानसभा चुनाव के सभी ग्रामीण मिलकर मतदान का बहिष्कार करेंगे.
मुखिया ने दिया आवेदन
इस मामले में सीओ मो.इस्माइल ने कहा कि भूस्वामियों से जमीन के लिए बात हुई है. पानी सूखने के बाद सभी लोगों की सहमति से 8 फीट चौड़ा सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा. अलोनी दलित बस्ती में जाने वाली सड़क में गांव के ही 5 लोगों का निजी जमीन है. 500 की आबादी वाली बस्ती महज 200 मीटर सड़क के लिए आजादी के बाद भी सदियों से वंचित है. इसको लेकर मुखिया श्रीराम निराला ने वरीय पदाधिकारियों को कई बार लिखित आवेदन दिया. लेकिन सड़क बनाने का कार्य शुरू नहीं हुआ है.