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सारण: नए इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, गांव बने टापू

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Published : Aug 12, 2020, 7:52 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 7:46 PM IST

अगल-बगल के गांव में ग्रामीण खुद करीब एक किलोमीटर में बांध की मरम्मत कर रहे हैं. वहीं, जाफरपुर स्थित आर्गना बांध टूटने से रामपुर पंचायत, इंटवा पंचायत के बाद जलालबसन्त पंचायत में भी पानी पहुंच चुका है.

सारण
सारण

सारण(गरखा): उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ के प्रकोप से लोग परेशान रहते हैं, लोगों का घर बाढ़ की चपेट में आने से घर की छतों पर या सड़कों पर दिन गुजारना पड़ता है. जिले के गरखा प्रखंड के इंटवा में सैकड़ों घर बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं. यह घटना बांध टूटने से हुआ है गांव में बाढ़ के पानी के बीच ग्रामीण रहने को मजबूर हैं, लेकिन पीड़ितों को प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.

लोगों का कहना है कि करीब तीस साल से आर्गना बांध की मरम्मती नहीं हुई है, जिसके कारण यह आपदा सैकड़ों गांव वालों को झेलनी पड़ रही है. बांध की मरम्मत नहीं होने से आज बांध टूट गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए. यहां के लोग पशु और जरूरी सामानों को लेकर ऊंचे स्थान पर छोड़कर जा रहे हैं. वहीं, गरखा आर्गना बांध के टूटने से जलालबसन्त और बंगारी गांव में भी लोगों में बाढ़ को लेकर दहशत है. लेकिन इस समस्या को लेकर प्रशासन सजग नहीं दिख रही है. जिससे अगल-बगल के गांव भी बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

ग्रामीण कर रहे हैं बांध की मरम्मत
इटवा, ताहिपर, श्री रामपुर, कौशलपुर गांव चारों तरफ से पानी में घिरा हुआ है. करीब हजारों की आबादी वाला यह गांव स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है, लेकिन किसी तरह की मदद प्रशासन द्वारा नहीं दी गई है. आर्गना बांध टूटने से गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश किया. वहीं, अगल-बगल के गांव में ग्रामीण खुद करीब एक किलोमीटर में बांध की मरम्मत कर रहे हैं. वहीं, जाफरपुर स्थित आर्गना बांध टूटने से रामपुर पंचायत, इंटवा पंचायत के बाद जलालबसन्त पंचायत में भी पानी पहुंच चुका है.

सारण(गरखा): उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ के प्रकोप से लोग परेशान रहते हैं, लोगों का घर बाढ़ की चपेट में आने से घर की छतों पर या सड़कों पर दिन गुजारना पड़ता है. जिले के गरखा प्रखंड के इंटवा में सैकड़ों घर बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं. यह घटना बांध टूटने से हुआ है गांव में बाढ़ के पानी के बीच ग्रामीण रहने को मजबूर हैं, लेकिन पीड़ितों को प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.

लोगों का कहना है कि करीब तीस साल से आर्गना बांध की मरम्मती नहीं हुई है, जिसके कारण यह आपदा सैकड़ों गांव वालों को झेलनी पड़ रही है. बांध की मरम्मत नहीं होने से आज बांध टूट गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए. यहां के लोग पशु और जरूरी सामानों को लेकर ऊंचे स्थान पर छोड़कर जा रहे हैं. वहीं, गरखा आर्गना बांध के टूटने से जलालबसन्त और बंगारी गांव में भी लोगों में बाढ़ को लेकर दहशत है. लेकिन इस समस्या को लेकर प्रशासन सजग नहीं दिख रही है. जिससे अगल-बगल के गांव भी बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

ग्रामीण कर रहे हैं बांध की मरम्मत
इटवा, ताहिपर, श्री रामपुर, कौशलपुर गांव चारों तरफ से पानी में घिरा हुआ है. करीब हजारों की आबादी वाला यह गांव स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है, लेकिन किसी तरह की मदद प्रशासन द्वारा नहीं दी गई है. आर्गना बांध टूटने से गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश किया. वहीं, अगल-बगल के गांव में ग्रामीण खुद करीब एक किलोमीटर में बांध की मरम्मत कर रहे हैं. वहीं, जाफरपुर स्थित आर्गना बांध टूटने से रामपुर पंचायत, इंटवा पंचायत के बाद जलालबसन्त पंचायत में भी पानी पहुंच चुका है.

Last Updated : Aug 20, 2020, 7:46 PM IST
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