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सारणः रिश्वत लेते रंगे हाथ दारोगा गिरफ्तार, विजिलेंस ने की कार्रवाई

गिरफ्तार दारोगा केस डायरी पक्ष में लिखने के लिए 10 हजार की मांग कर रहा था. इसकी जानकारी निगरानी विभाग को दी गई जिसके बाद दारोगा को निगरानी की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार एसआई
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Published : Sep 21, 2019, 12:04 AM IST

सारणः निगरानी विभाग ने सारण के इसुआपुर थाने में पदस्थापित दारोगा अशोक कुमार सिंह को 6 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद दारोगा को निगरानी विभाग अपने साथ मुजफ्फरपुर ले गई है.

जानकारी के अनुसार इसुआपुर बाजार निवासी व टेंट व्यवसायी मनोज साह का पड़ोसियों के साथ मारपीट हुआ था. कांड संख्या 168/2019 मामले में दारोगा ने केस डायरी मनोज साह के पक्ष में लिखने की बात कही. इसके एवज में 10 हजार की मांग की गई. कुछ पैसे दो दिन पहले मनोज साह ने आरोपी दारोगा को दिए.

ishuapur police station
इसुआपुर थाना

मिठाई की दुकान से हुई गिरफ्तारी
हालांकि, मनोज साह ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत निगरानी को दी. जिसके बाद निगरानी ने दारोगा को रिश्वत लेते हुए एक मिठाई की दुकान पर रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. निगरानी की टीम ने दारोगा अशोक कुमार सिंह व शिकायतकर्ता मनोज साह को भी अपने साथ मुजफ्फरपुर ले गई.

  • तबरेज मॉब लिंचिंग केस- पुलिस ने माना पिटाई की वजह से हुई मौत https://t.co/JFrGiXpVep

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 18, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जिले से हो चुकी है कई गिरफ्तारी
गौरतलब है कि इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें कई सरकारी कर्मचारियों को निगरानी की टीम ने गिरफ्तार किया है. 8 जुलाई 2017 को जिला सहकारिता पदाधिकारी राकेश शर्मा को 10 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. वहीं, 9 नवंबर 2017 को भेल्दी थाने में पदस्थापित दारोगा शहाबुद्दीन खां व मुंशी बैधनाथ यादव को लाल बालू के खेल में भ्रष्टाचार में शामिल होने के कारण निगरानी ने गिरफ्तार किया था. जबकि 01 मार्च 2019 को इसुआपुर प्रखंड में मनरेगा पीओ को 1 लाख रुपये लेते रंगे हाथों निगरानी ने गिरफ्तार किया था. भ्रष्टाचार के मामले में छपरा में विद्युत विभाग के कनीय अभियंता जयनंदन कुमार, पत्राचार लिपिक सरोज कुमार, नगर पंचायत परसा के कार्यपालक पदाधिकारी संदीप ठाकुर को रंगे हाथों निगरानी की टीम गिरफ्तार कर चुकी है.

सारणः निगरानी विभाग ने सारण के इसुआपुर थाने में पदस्थापित दारोगा अशोक कुमार सिंह को 6 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद दारोगा को निगरानी विभाग अपने साथ मुजफ्फरपुर ले गई है.

जानकारी के अनुसार इसुआपुर बाजार निवासी व टेंट व्यवसायी मनोज साह का पड़ोसियों के साथ मारपीट हुआ था. कांड संख्या 168/2019 मामले में दारोगा ने केस डायरी मनोज साह के पक्ष में लिखने की बात कही. इसके एवज में 10 हजार की मांग की गई. कुछ पैसे दो दिन पहले मनोज साह ने आरोपी दारोगा को दिए.

ishuapur police station
इसुआपुर थाना

मिठाई की दुकान से हुई गिरफ्तारी
हालांकि, मनोज साह ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत निगरानी को दी. जिसके बाद निगरानी ने दारोगा को रिश्वत लेते हुए एक मिठाई की दुकान पर रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. निगरानी की टीम ने दारोगा अशोक कुमार सिंह व शिकायतकर्ता मनोज साह को भी अपने साथ मुजफ्फरपुर ले गई.

  • तबरेज मॉब लिंचिंग केस- पुलिस ने माना पिटाई की वजह से हुई मौत https://t.co/JFrGiXpVep

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 18, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जिले से हो चुकी है कई गिरफ्तारी
गौरतलब है कि इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें कई सरकारी कर्मचारियों को निगरानी की टीम ने गिरफ्तार किया है. 8 जुलाई 2017 को जिला सहकारिता पदाधिकारी राकेश शर्मा को 10 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. वहीं, 9 नवंबर 2017 को भेल्दी थाने में पदस्थापित दारोगा शहाबुद्दीन खां व मुंशी बैधनाथ यादव को लाल बालू के खेल में भ्रष्टाचार में शामिल होने के कारण निगरानी ने गिरफ्तार किया था. जबकि 01 मार्च 2019 को इसुआपुर प्रखंड में मनरेगा पीओ को 1 लाख रुपये लेते रंगे हाथों निगरानी ने गिरफ्तार किया था. भ्रष्टाचार के मामले में छपरा में विद्युत विभाग के कनीय अभियंता जयनंदन कुमार, पत्राचार लिपिक सरोज कुमार, नगर पंचायत परसा के कार्यपालक पदाधिकारी संदीप ठाकुर को रंगे हाथों निगरानी की टीम गिरफ्तार कर चुकी है.

Intro:SLUG:-SURVEILLANCE DEPARTMENT ARRESTED SUB-INSPECTOR RED-HANDED
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-निगरानी विभाग ने सारण के इसुआपुर थाने में पदस्थापित दारोग़ा अशोक कुमार सिंह को छः हज़ार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर मुजफ्फरपुर लेते गई. जानकारी के अनुसार सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह द्वारा इसुआपुर बाजार निवासी व टेंट ब्यवसायी मनोज साह नामक व्यक्ति से पड़ोसियों के साथ हुए मारपीट के मामले में केस डायरी को पक्ष में लिखने को लेकर लगातार कई दिनों से दस हजार रुपये की मांग कर रहे थे जिसमें एक हज़ार रुपये दो दिन पहले दे दी गई थी लेकिन शेष राशि मिलने के बाद ही डायरी लिखने की बात कही गई थी. इस दौरान निगरानी की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

इसुआपुर थाना कांड संख्या 168/2019 के तहत दो पक्षों के बीच मारपीट का मामला सामने आया था. उसी केस डायरी को मनोज साह के पक्ष में लिखने को लेकर दस हज़ार रुपये की मांग की जा रही थी जिसमें गिरफ्तार एसआई ने दस हजार रुपये की मांग की थी जिसमें कुछ पैसे दो दिन पहले दी जा चुकी थीं वहीं आज छ: हजार रुपये डायरी लिखने के लिए दी जा रही थी. दारोग़ा अशोक कुमार सिंह द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत मनोज साह द्वारा निगरानी को पूर्व में ही दे दी गयी थी. जिसके आधार पर कार्यवाई करते हुए एक मिठाई की दुकान पर रंगे हाथों गिरफ्तारी कर लिया गया हैं जिसे निगरानी की टीम ने दारोग़ा अशोक कुमार सिंह व शिकायतकर्ता मनोज साह को भी अपने साथ मुजफ्फरपुर लेते गई हैं.
Body:केस डायरी:-

#जिला सहकारिता पदाधिकारी को दस हजार लेते रंगे हाथों किया गया था गिरफ्तार

1:-आठ जुलाई 2017 को जिला सहकारिता पदाधिकारी
राकेश शर्मा को दस हज़ार रुपये लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था जानकारी के अनुसार जिला सहकारिता पदाधिकारी राकेश शर्मा पर सोनपुर प्रखंड के दुधैला पैक्स अध्यक्ष श्यामबाबू महतो से गोदाम का निर्माण कराने के लिए राशि का भुगतान करने के एवज में 10 हजार रिश्वत मांगने का आरोप था जो प्रारंभिक जांच में सही पाया गया था और इसके आधार पर निगरानी की टीम ने कार्रवाई करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल भेजा था.


#लाल बालू के खेल में दारोग़ा को रंगे हाथों किया गिरफ्तार तो वाहन जांच में शामिल अवैध वसूली को लेकर मुंशी भी हुए थे गिरफ्तार

2:-नौ नवंबर 2017 को भेल्दी थाने में पदस्थापित दारोगा शहाबुद्दीन खां व मुंसी बैथनाथ यादव को सारण जिले में चल रहे लाल बालू के खेल में पूरी तरह से भ्रष्टाचार में शामिल होने के कारण निगरानी के हत्थे चढ़ गए थे जानकारी के अनुसार पुलिस ने बालू के ट्रक को पकड़ा था. बालू कारोबारी से दारोगा गाड़ी छोड़ने के लिए रुपये की मांग कर रहे थे. जिसके बाद बालू कारोबारी ने निगरानी को सूचित किया.

सूचना पर निगरानी के डीएसपी कनिष्क महाराज अपने टीम के साथ बालू कारोबारी के साथ भेल्दी थाने पहुंचे और बालू कारोबारी ने दारोगा शहाबुद्दीन खां को दस हजार रुपये दे रहे थे. तभी निगरानी के अधिकारियों ने दारोगा को घुस लेते रंगे हाथ पकड़ लिया था . वही थाना परिसर के बाहर वाहन चेकिंग के दौरान मुंशी बैधनाथ यादव के हावभाव को देख अधिकारी को शक हुआ तो पूछताछ करने के दौरान कथित रूप से मुंशी द्वारा दुर्व्यवहार किया गया जिसके बाद अधिकारियों ने मुंशी के कमरे की तलाशी ली गई थी जिसमें 18,000 रुपये मिला जांच में सारे रुपये वाहन चेकिंग द्वारा वसूली के रुपये थे, जो भेल्दी पुलिस को सुपुर्द कर मुंशी को भी गिरफ्तार कर साथ लेते गए थे.


#मनरेगा पीओ को एक लाख रुपये लेते रंगे हाथों निगरानी ने किया था गिरफ्तार

3:-01 मार्च 2019 को इसुआपुर प्रखंड के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के कार्यक्रम पदाधिकारी एजाज हसन को एक लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था इस मामलें में इसुआपुर प्रखंड प्रमुख व सहवां गांव निवासी सरोज कुमारी ने निगरानी से शिकायत की थी कि मजदूरों द्वारा किए गए कार्य का भुगतान करने और अन्य योजनाओं में प्रशासनिक स्वीकृति देने के लिए मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी एजाज हसन द्वारा चार लाख रुपए नजराना मांगी जा रही है. शिकायत मिलने के बाद निगरानी की टीम ने जांच द्वारा जांच किया गया था उसके बाद इसुआपुर बाजार से दक्षिण सड़क किनारे एक लाख रुपए का घूस लेते रंगे हाथों मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी एजाज हसन को निगरानी ने गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ के लिए मशरख ले गई उसके बाद अपने साथ मुजफ्फरपुर लेकर चली गयी थी.
Conclusion:#बिजली विभाग के अभियंता व लिपिक को निगरानी ने रंगे हाथों किया था गिरफ्तार

4:- 07 मई 2019 को छपरा शहर के तेलपा स्थित विद्युत विभाग के आपूर्ति प्रशाखा के कनीय अभियंता जयनंदन कुमार को 20 हजार रुपये व कार्यपालक अभियंता कार्यालय के विद्युत आपूर्ति प्रमंडल छपरा पश्चिमी में कार्यरत पत्राचार लिपिक सरोज कुमार 45 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हुए थे, नगर थाना क्षेत्र के मौना मुहल्ला निवासी मयंक शेखर चंचल ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराया था कि कार्यपालक अभियंता आनंद कुमार द्वारा बिजली का कनेक्शन लेने अथवा ट्रांसफार्मर बदलने के लिए 50 हज़ार तथा कनीय अभियंता जयनंदन कुमार द्वारा 20 हज़ार रिश्वत की मांग की जा रही है.


शिकायत के बाद निगरानी विभाग द्वारा जांच कराया गया था जिसमें आरोपी कार्यपालक अभियंता आनंद कुमार द्वारा अपने सहायक सरोज कुमार के साथ मिलकर काम कराने को कहा गया था जिसके बाद साहब के लिए सरोज कुमार ने 45 हज़ार रिश्वत की मांग की थी जबकि जयनंदन कुमार द्वारा 20 हज़ार रिश्वत मांगे जाने का मामला साबित हुआ था. उसके बाद निगरानी विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए जयनंदन कुमार को 20 हजार रुपये व सरोज कुमार को 45 हज़ार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.


#नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को 18 हजार रुपये रंगे हाथों निगरानी ने किया था गिरफ्तार

5:-20 जुलाई 2019 को नगर पंचायत परसा के कार्यपालक पदाधिकारी संदीप ठाकुर को निगरानी की टीम ने इंदिरा आवास योजना की स्वीकृति के लिए सोहन राय से 18 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था जिसकी शिकायत सोहन राय ने निगरानी से की थी कि कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा आवास की स्वीकृति के लिए रिश्वत की मांग रहे हैं, इससे पहले भी परसा के पूर्व विधायक छोटेलाल राय, परसा बाजार भाजपा मंडल अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने भी मंत्री से शिकायत की थी.


इसके बावजूद ज़िले के अधिकारियों या कर्मचारियों में निगरानी का खौफ़ नही है जिसके कारण निगरानी के हत्थे चढ़ सलाखों के अंदर जाना पड़ रहा है जबकि सरकार द्वारा वेतन के रूप में मोटी रकम मिलती हैं लेकिन लोभ लालच के चक्कर में पड़ कर प्रतिष्ठा के साथ ही नौकरी से भी हाथ धोना पड़ रहा है.
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