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छपरा: संत धरणी दास मठ के महान संत वासुदेव दास का निधन - Saint Basudev Das

सारण में मांझी शनिचरा बाजार सुघर छपरा स्थित महान संत धरणी दास मठ मांझी के महंत संत वासुदेव दास मंगलवार को शाम सात बजे ब्रह्मलीन हो गए. इस संबंध में परम शिष्य संत त्रिभुवन दास ने बताया कि दिवंगत महंत जी लगभग 60 वर्षों से उक्त मठ के महंत पद पर विराजमान थे.

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Published : Nov 17, 2020, 10:39 PM IST

सारण: जिले के मांझी शनिचरा बाजार सुघर छपरा स्थित महान संत धरणी दास मठ मांझी के महंत संत वासुदेव दास मंगलवार को शाम सात बजे ब्रह्मलीन हो गए. महंत के निधन की खबर पाकर बड़ी संख्या में भक्तगण मठ परिसर में हुए इकट्ठा हुए.

दर्शन को व्याकुल दिखे लोग

मठ के आसपास के गांवों में उदासी का माहौल है. महंतजी के परम शिष्य संत त्रिभुवन दास ने बताया कि दिवंगत महंतजी लगभग 60 वर्षों से उक्त मठ के महंत पद पर विराजमान थे.

कई रोगों से थे पीड़ित
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से महंत जी कई रोगों जैसे दमा और फाइलेरिया से पीड़ित थे. वे मूल रूप से बेगूसराय जिले के बरौनी के रहने वाले थे. दिवंगत महंत के ब्रह्मलीन होने की सूचना पाकर आसपास के ग्रामीणों और साधु संतों में भी शोक की लहर दौड़ गई.

सारण: जिले के मांझी शनिचरा बाजार सुघर छपरा स्थित महान संत धरणी दास मठ मांझी के महंत संत वासुदेव दास मंगलवार को शाम सात बजे ब्रह्मलीन हो गए. महंत के निधन की खबर पाकर बड़ी संख्या में भक्तगण मठ परिसर में हुए इकट्ठा हुए.

दर्शन को व्याकुल दिखे लोग

मठ के आसपास के गांवों में उदासी का माहौल है. महंतजी के परम शिष्य संत त्रिभुवन दास ने बताया कि दिवंगत महंतजी लगभग 60 वर्षों से उक्त मठ के महंत पद पर विराजमान थे.

कई रोगों से थे पीड़ित
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से महंत जी कई रोगों जैसे दमा और फाइलेरिया से पीड़ित थे. वे मूल रूप से बेगूसराय जिले के बरौनी के रहने वाले थे. दिवंगत महंत के ब्रह्मलीन होने की सूचना पाकर आसपास के ग्रामीणों और साधु संतों में भी शोक की लहर दौड़ गई.

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