छपरा: बिहार के छपरा में शिक्षक नियुक्ति को लेकर लाई गई नई नियमावली के खिलाफ जोरदार विरोध-प्रदर्शन (Teachers protested against new manual in Chapra) हुआ. परसा प्रखंड के शिक्षकों ने शिक्षक नियुक्ति नई नियमावली के खिलाफ गोलबंद होकर शनिवार को बीआरसी कार्यालय के समक्ष जुटकर मुख्यगेट में तालाबंदी कर विरोध जताया. माध्यमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष उमेश राय ने कहा कि सरकार हम शिक्षकों के साथ छलावा कर रही है. इसलिए हमें संगठित होकर सड़क से सदन तक आंदोलन करना होगा.
ये भी पढ़ेंः Bihar Shikshak Niyojan : एक मंच पर आए सभी शिक्षक संगठन, निर्णायक लड़ाई लड़ने का निर्णय
नई नियमावली शिक्षकों के साथ छलावाः उमेश राय ने कहा कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और उसे वापस ले, वरना हम शिक्षक जातीय जनगणना कार्य का बहिष्कार करने पर मजबूर हो सकते हैं. जब हम शिक्षक राज्य कर्मी हैं ही नहीं तो फिर हमसे आपदा, जनगणना, चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य क्यों लिए जाते हैं. सरकार अपने राज्य कर्मियों से ही इन कार्यों को करवाए और हमें मुक्त रखे. शिक्षक नेता गजेंद्र कुमार राय ने कहा कि राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणापत्र में प्रलोभन देकर हम शिक्षकों का समर्थन लेती है फिर सरकार बनते ही अपने वादे से मुकर जाती है. पूर्ण वेतनमान और पेंशन हमारा संवैधानिक अधिकार है,जिसे हम लेकर ही रहेंगे.
"सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और उसे वापस ले, वरना हम शिक्षक जातीय जनगणना कार्य का बहिष्कार करने पर मजबूर हो सकते हैं. जब हम शिक्षक राज्य कर्मी हैं ही नहीं तो फिर हमसे आपदा, जनगणना, चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य क्यों लिए जाते हैं. सरकार अपने राज्य कर्मियों से ही इन कार्यों को करवाए और हमें मुक्त रखे" - उमेश राय, अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ
मुख्यमंत्री ने कर दिया है स्पष्टः बता दें कि नई शिक्षक नियमावली को लेकर पूरे राज्यभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी नई नियमावली को लेकर साफ कर दिया कि पुराने शिक्षक अपनी जगह पर रहेंगे. उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा नहीं दिया जाएगा. इस नियमावली के तहत सिर्फ नए लोगों की बहाली होगी और उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा. वहीं सीएम ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ऐसा नहीं है कि पुराने नियोजित शिक्षकों को हटा दिया जाएगा. उन्हें भी रखा जाएगा और जहां तक है, आमदनी भी बढ़ा दी जाएगी.