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छपरा: समान काम और समान वेतन को लेकर शिक्षकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल

बिहार में 8 दिनों से अलग-अलग जगहों पर 4 लाख से ज्यादा शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए हुए हैं. उनका कहना है कि सरकार उनके समान काम और समान वेतन की मांग को जल्द से जल्द पूरा करे.

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छपरा में शिक्षकों की हड़ताल
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Published : Feb 26, 2020, 9:56 AM IST

छपरा: जिले में मंगलवार से माध्यमिक शिक्षक संघ के सदस्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे जिले के विद्यालयों और महाविद्यालयों में पठन-पाठन पूरी तरह से ठप हो गया है. हड़ताल के दौरान शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की.

ढोल-नगारों के साथ किया विरोध

शिक्षकों ने ये हड़ताल समान काम और समान वेतन की मांग को लेकर किया हैं. जिससे पठन-पाठन के अलवा इंटर और मैट्रिक परीक्षा के कॉपियों का मूल्याकंन का कार्य भी पूरी तरह से बाधित हो गया है. शिक्षकों ने ढोल-नगारों के साथ सरकार का जमकर विरोध किया.

देखें रिपोर्ट

बिहार में 4 लाख से ज्यादा शिक्षक हड़ताल पर

हड़ताल कर रहे शिक्षकों के समर्थन में जिले की कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह भी धरनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरकार को इन शिक्षकों के समान काम समान वेतन की मांग को अविलंब मानने की जरूरत है, ताकि बिहार में पठन-पाठन का कार्य फिर से शुरू हो सके. बता दें कि बिहार में 8 दिनों से अलग-अलग जगहों पर 4 लाख से ज्यादा शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए हुए हैं.

छपरा: जिले में मंगलवार से माध्यमिक शिक्षक संघ के सदस्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे जिले के विद्यालयों और महाविद्यालयों में पठन-पाठन पूरी तरह से ठप हो गया है. हड़ताल के दौरान शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की.

ढोल-नगारों के साथ किया विरोध

शिक्षकों ने ये हड़ताल समान काम और समान वेतन की मांग को लेकर किया हैं. जिससे पठन-पाठन के अलवा इंटर और मैट्रिक परीक्षा के कॉपियों का मूल्याकंन का कार्य भी पूरी तरह से बाधित हो गया है. शिक्षकों ने ढोल-नगारों के साथ सरकार का जमकर विरोध किया.

देखें रिपोर्ट

बिहार में 4 लाख से ज्यादा शिक्षक हड़ताल पर

हड़ताल कर रहे शिक्षकों के समर्थन में जिले की कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह भी धरनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरकार को इन शिक्षकों के समान काम समान वेतन की मांग को अविलंब मानने की जरूरत है, ताकि बिहार में पठन-पाठन का कार्य फिर से शुरू हो सके. बता दें कि बिहार में 8 दिनों से अलग-अलग जगहों पर 4 लाख से ज्यादा शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए हुए हैं.

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