सारण : सिखों के दशमेश गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 353वें प्रकाश पर्व को धूमधाम से देशभर में मनाया जाएगा. वहीं, गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जन्मस्थली बिहार के पटना साहिब में भी इस पर्व को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. पटना, नालंदा के राजगीर सहित राज्य के अन्य जिलों में भी व्यापक पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं. प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के छपरा शहर स्थित श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में भी प्रकाशोत्सव की तैयारियां की जा रही हैं.
श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा ट्रस्ट के सचिव राजू सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में बताया कि वर्ष 1984 में सिख दंगे के समय सिख समुदाय के लोग वापस अपने राज्य चले गए थे, जबकि उन लोगों के स्थापित गुरुद्वारे सभा स्थल पर स्थानीय लोगों या असामाजिक तत्वों ने अवैध रूप से कब्जा जमा लिया था. भारत सरकार और राज्य सरकार की पहल से सिख समुदाय के अनुयायियों के लिए गुरुद्वारे को अतिक्रमण मुक्त करा हमें वापस दे दिया गया.
'11 साल हो गए अतिक्रमण मुक्त हुए'
राजू सिंह ने बताया कि बिहार के वर्तमान डीजीपी सह तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (सुरक्षा) गुप्तेश्वर पांडेय, सारण के जिलाधिकारी प्रभात कुमार साह ने 16 अक्टूबर 2008 गुरुद्वारे को अतिक्रमण मुक्त कराया था. सिख पंथ के चौथे गुरु श्रीरामदास जी के पावन अवतरण दिवस पर यह कार्रवाई की गई थी. अतिक्रमण मुक्त कराते हुए गुरुद्वारे के भवन का जीर्णोद्धार और गुरु नानक औषधि मार्केट का विधिवत उद्घाटन किया गया था.
सभी धर्मों के लोग टेकते हैं मत्था- परमेंश्वर सिंह
वहीं गुरुद्वारे के ग्रंथि (पुजारी) सरदार परमेश्वर सिंह ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह केवल सिख समुदाय के ही नहीं बल्कि विश्व के विभिन्न समुदायों के भी गुरु माने जाते हैं. जिनके समझ मत्था टेकने सभी धर्मों के लोग आते हैं और श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. दस गुरुओं के श्रद्धेय शरीर के रूप में गुरुनानक गुरू गोविंद सिंह को माना गया हैं. बिहार की राजधानी पटना के पटना साहिब की पवित्र धरती पर उनका अवतरण हुआ था. अगामी दो जनवरी को बिहार सरकार द्वारा गुरु पर्व/प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जा रहा है.
बताते चलें कि ऐसे तो पूरे जनवरी भर गुरु गोविंद सिंह की जयंती का उत्सव मनाया जाता हैं. 17 से लेकर 19 जनवरी तक छपरा के गुरुद्वारे में विशेष पूजा अर्चना, लंगर, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.